अजय पाल सिंह धनला, जिनका जन्म 30 जून 1989 को जोधपुर, राजस्थान में हुआ, एक प्रतिष्ठित योग शिक्षक, काउंसलर, समाजसेवी और व्यवसायी हैं। उनके माता-पिता, हनुमान सिंह कुम्पावत और सूरज कंवर, ने उन्हें विरासत में मिली संस्कृति और मूल्यों के साथ बड़ा किया। अजय पाल सिंह धनला ने विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्राप्त की है और वर्तमान में योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में अपने ज्ञान और अनुभव के माध्यम से समाज को तथा युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं।
अजय पाल सिंह धनला | |
प्रोफेशन | लेखक, प्रोफेसर, समाजसेवी, काउन्सलर, बिज़नेस मैन |
पिता | हनुमान सिह कुम्पावत |
माता | सूरज कवंर |
जन्म | दिनांक 30 जून 1989, जोधपुर (राजस्थान) |
पत्नी | सम्पत कवंर चौहान |
पुत्री | भाव्या राठौड |
प्रेरणा स्रोत | स्वामी विवेकानन्द |
पसंदीदा लेखक | मुंशी प्रेमचंद , सुमित्रानंदन पंत,महादेवी शर्मा, सत्यानंद सरस्वती |
पसंदीदा खेल | फुटबाल, व क्रिकेट |
पसंदीदा कलाकार | कियारा आडवाणी, श्रुति हसन, मनोज वाजपेयी, पंकज त्रिपाठी |
प्रारंभिक जीवन
अजय पाल सिंह धनला का बचपन संघर्षमय रहा, बचपन में पिताजी का स्वास्थ्य ख़राब रहता था जिस कारण से उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर से दूर मौसी के गांव झंवर लूनी जोधपुर में हुयी, जहाँ से उन्होंने कक्षा 10वीं तक की पढ़ाई लिखाई की। इसके बाद की पढ़ाई जारी रखने के लिए अजय ने प्राइवेट नौकरी की ताकि उच्च शिक्षा प्राप्त कर सके। अजय को बचपन से ही फुटबाल और क्रिकेट में गहरी रूचि है, खेल कूद साथ ही उनके जीवन में मुंशी प्रेमचंद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी शर्मा, स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे लेखकों की पुस्तकों का गहरा प्रभाव रहा है। जो उन्हें उनके शैक्षणिक और पेशेवर जीवन में मार्गदर्शन करती रही।
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शिक्षा और करियर
धनला ने जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर बीए की डिग्री प्राप्त की और इसके बाद राजनीति विज्ञान, इतिहास, मनोविज्ञान, योग विज्ञान में एम.ए. की डिग्री हासिल की। उन्होंने योग में विशेषज्ञता के लिए विभिन्न डिप्लोमा और प्रमाणपत्र भी प्राप्त किए। डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय से उन्होंने L.L.B की डिग्री भी ली है। उनका करियर अनेक उपलब्धियों और सम्मानों से भरा हुआ है, जिनमें शिक्षा और योग के क्षेत्र में उनका योगदान प्रमुख है। अकादमिक शिक्षा के बाद, धनला ने योग, इतिहास, और मनोविज्ञान में NET की परीक्षा पास की है, जो उनकी विशेषज्ञता और ज्ञान की गहराई को दर्शाता है।
शिक्षा | |
BA | जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर |
M.A. (राजनीति विज्ञान) | जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर |
M.A. (इतिहास व मनोविज्ञान) | वर्धमान महावीर विश्वविद्यालय कोटा |
M.A. (योगा व जीव विज्ञान) | जैन विश्व भारती लाडनू (नागौर, राजस्थान) |
B.ed | राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर |
L.L.B | डॉ. भीमराव अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय, जयपुर, राजस्थान |
योगा में डिप्लोमा- | वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा |
लाइब्रेरी साइंस में डिप्लेमा | वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा |
PGDCA | जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर |
NSNIS से योगा कोच का कोर्स | |
इतिहास, योगा, मनोविज्ञान में Net की परीक्षा पास |
सामाजिक जीवन
धनला सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं और अपने NGO के माध्यम से योग और आयुर्वेद की शिक्षा प्रदान करते हैं। उनकी राजनीतिक विचारधारा और गतिविधियाँ उनके लेखन और व्याख्यानों में परिलक्षित होती हैं, जिनमें वे समाज के समग्र विकास पर जोर देते हैं।
धनला ने योग और आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार में अपने सामाजिक योगदान के माध्यम से समाज में महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। उनकी प्रेरणा स्रोत स्वामी विवेकानंद जी हैं, और उन्होंने 500+ पुस्तकों का अध्ययन किया है, जिसमें सभी 108 उपनिषदों का विस्तृत अध्ययन शामिल है।
लेखन कार्य | |
योग हंस (पुस्तक) | योग विषय में Net / Ph.D. करने वाले विद्यार्थियों के लिए। |
योग परिचय (पुस्तक) | योग विषय की सम्पूर्ण बेसिक जानकारी |
क्रियात्मक योग (पुस्तक) | योग के साथ आयुर्वेद व प्राकृतिक चिकित्सा विषय पर |
वर्तमान पद | |
जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय में योग के सहायक आचार्य के रूप में कार्यरत | |
वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय कोटा के योग विभाग में योग और आयुर्वेद के काउन्सलर पद पर | |
अक्षर ब्रह्म हॉलिस्टिक योग और आयुर्वेद शोध संस्थान(Abhyas) के अध्यक्ष |
व्यक्तिगत जीवन
अजय पाल सिंह धनला का विवाह सम्पत कवंर चौहान से हुआ है, जो की बडी विरोल, साचौर (राजस्थान) से हैं और उनकी एक पुत्री भाव्या राठौड़ है। धनला के शौक में योग, पढ़ना, और यात्रा शामिल हैं। वे अपने परिवार के साथ करीबी संबंध रखते हैं।
कार्य और उपलब्धियां और सम्मान
वर्तमान में अजय पाल सिंह धनला जय नारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर में योग के सहायक आचार्य के रूप में कार्यरत हैं और वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा में योग और आयुर्वेद के काउन्सलर हैं।
अपने लेखन कार्य के माध्यम से उन्होंने योग पर कई पुस्तकें लिखी हैं, जैसे कि ‘योग हंस’, ‘योग परिचय’, और ‘क्रियात्मक योग’, जो योग विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए अमूल्य संसाधन हैं। उनका YouTube चैनल “Akshar Brahm Yog” योग के विद्यार्थियों को उनके अध्ययन में मदद करता है।
अजय पाल सिंह धनला ने अनेक शोध पत्रों का लेखन किया है और राष्ट्रीय सम्मेलनों में अपने शोध प्रस्तुत किए हैं, जिसके लिए उन्हें विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
धनला को उनके योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिसमें गौमुखासन में विश्व रिकॉर्ड और योगासन स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक शामिल हैं। उन्हें योग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए प्लेटिनम योग शिक्षक पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। ये पुरस्कार उनकी कठिन मेहनत, समर्पण, और समाज के प्रति उनके योगदान को मान्यता प्रदान करते हैं।
अजय पाल सिंह धनला के मार्गदर्शक
- डॉ मीनाझी शर्मा (एम्स जोधपुर आयुर्वेद विभाग) ने योग के लिए प्रेरित किया
- डॉ कपिल केसरी ने योग में अध्ययन एवं अध्यापन के लिए प्रेरित किया
- YouTube एवं NGO के माध्यम से योग का अध्यापन एवं प्रचार के लिए चेतन प्रकाश जी ने प्रेरणा दी।
- लेखन कार्य के लिए बडे भाई डॉ महेन्द्र सिह चौहान (कोटा) ने प्रेरित किया।
अजय पाल सिंह धनला का जीवन न केवल उनके व्यक्तिगत उपलब्धियों की कहानी है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे ज्ञान, समर्पण, और आत्म-विकास के प्रति एक अटूट निष्ठा किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकती है। उनका जीवन और कार्य योग और शिक्षा के क्षेत्र में अन्य लोगों के लिए प्रेरणा और मार्गदर्शन का स्रोत है। अजय पाल सिंह धनला का जीवन उनके शिक्षा और योग के प्रति समर्पण, हम सभी के लिए प्रेरणा है।