औरंगजेब जीवन परिचय इतिहास | Aurangzeb History, Jeevan Parichay in hindi

नमस्कार दोस्तों, दोस्तों इतिहास में आपने बहुत सारे मुग़ल शासकों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। लेकिन आज हम अपने इस आर्टिकल में मुग़ल साम्राज्य में सबसे क्रूर शासक के रूप में कुख्यात औरंगजेब के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं। मुग़ल काल में औरंगजेब का शासन 31 जुलाई 1658 से ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

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नमस्कार दोस्तों, दोस्तों इतिहास में आपने बहुत सारे मुग़ल शासकों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। लेकिन आज हम अपने इस आर्टिकल में मुग़ल साम्राज्य में सबसे क्रूर शासक के रूप में कुख्यात औरंगजेब के जीवन परिचय के बारे में बताने जा रहे हैं। मुग़ल काल में औरंगजेब का शासन 31 जुलाई 1658 से 3 मार्च 1707 तक रहा। औरंगजेब मुग़ल शासक शाहजहां और मुमताज महल बेगम की 14 संतानों में छठी संतान और तीसरा बेटा था। इतिहास में रूचि रखने वालों के लिए हमारा यह आर्टिकल मददगार हो सकता है। चलिए आर्टिकल में आएगी बढ़ते हैं और जानते हैं कौन था मुग़ल क्रूर शासक औरंगजेब

औरंगजेब जीवन परिचय
औरंगजेब जीवन परिचय (Jeevan Parichay) इतिहास in hindi

औरंगजेब का जीवन परिचय

पूरा नामअबुल मुजफ्फर मुहिउद्दीन मोहम्मद औरंगजेब
शासनावधि उपनामआलमगीर (दुनिया जीतने वाला)
औरंगजेब के पिता का नामशाहजहां
औरंगजेब के माता का नाममुमताज महल
औरंगजेब का जन्म3 नवंबर 1618 (दाहोद, गुजरात)
औरंगजेब की मृत्यु3 मार्च 1707 (अहमदनगर)
उम्र88 वर्ष
औरंगजेब से पहले रहे मुग़ल शासक का नामशाहजहां (19 जनवरी 1628 से 31 जुलाई 1658)
औरंगजेब के बाद रहे मुग़ल शासक का नाममोहम्मद आज़म शाह
बहादुर शाह (19 जून 1707 से 27 फरवरी 1712)
औरंगजेब की पत्नियां (बेगम)दिलरस बानो बेगम
नवाब बाई
औरंगबादी महल
उदयपुरी महल
औरंगजेब की संतानेंजेब-उन-निसा
जीनत-उन-निसा
बद्र-उन-निसा
बहादुर शाह प्रथम
मोहम्मद सुलतान
जुब्दत-उन-निसा
मोहम्मद आजम शाह
सुलतान मोहम्मद अकबर
मोहम्मद कामबख्श
मेहर-उन-निसा
ओरंगजेब का सत्ता धारण13 जून 1659 (शालीमार बाग़)
औरंगजेब का घरानातैमूरी
धर्मसुन्नी इस्लाम = महिषी
औरंगजेब का मकबरा ख़ुल्दाबाद (महाराष्ट्र)
औरंगजेब जीवन परिचय

यह भी देखें :- मोहम्मद गौरी जीवन परिचय

औरंगजेब का प्रारम्भिक जीवन (Earlier life)

दोस्तों जैसा की हम आपको पहले ही बता चुके हैं की औरंगजेब ने अपने शासनकाल में एक क्रूर, निर्दयी शासक के रूप में शासन किया। आपको बताते चलें की मुग़ल शासक औरंगजेब का जन्म भारत के पश्चिमी अर्ब सागर तटीय राज्य गुजरात के दाहोद में हुआ था। औरंगजेब के पिता का नाम शाहजहां और माता का नाम मुमताज महल था। जिस समय औरंगजेब पैदा हुआ उस समय औरंगजेब के पिता शाहजहां गुजरात के सूबेदार थे। यह बात सन 1626 की है जब शाहजहाँ के द्व्रारा एक युद्ध का विद्रोह पूर्ण रूप से असफल रहा। विद्रोह असफल होने के बाद नूरजहां के द्वारा औरंगजेब, औरंगजेब के भाई (दारा शिकोह) और औरंगजेब के दादा जहांगीर को लाहौर के दरबार में बंदी बनाकर जेल में डाल दिया गया।

लेकिन जब 26 फरवरी 1628 को मुग़ल सल्तनत का नया सम्राट शाहजहां को चुना गया तब नूरजहां के द्वारा औरंगजेब को जेल से रिहा कर आगरा अपने माता – पिता के पास साथ रहने के लिए भेज दिया गया। आगरा आने पर औरंगजेब ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा – दीक्षा पूर्ण की जिसमें उसने अरबी और फ़ारसी भाषा की शिक्षा प्राप्त की।

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औरंगजेब का मुग़ल सत्ता में आना

सन 1634 में शाहजहां ने अपने तीसरे बेटे औरंगजेब को दक्षिण प्रांत (दक्कन) का सूबेदार नियुक्त किया। सूबेदार बनने के बाद औरंगजेब ने सबसे पहले महाराष्ट्र राज्य के खड़की नामक स्थान का नाम बदलकर औरंगाबाद कर दिया। जो आज महाराष्ट्र का एक प्रसिद्ध जिला है। सन 1637 में औरंगजेब ने राबिया दुर्रानी के साथ विवाह कर लिया। जिस समय औरंगजेब दक्कन का शासन संभाल रहा था उस समय आगरा में शाहजहां ने आगरा में अपने सबसे बड़े बेटे दारा शिकोह मुग़ल सल्तनत का अगला सुलतान बनाने का मन बना लिया था। लेकिन औरंगजेब के आगरा लौटने पर जब उसको यह बात पता लगी तो औरंगजेब को बड़ी ठेस पहुंची। उसने कहा की दारा शिकोह की जगह उसे मुग़ल साम्रज्य का अगला सुल्तान चुना जाए। लेकिन शाहजहां ने औरंगजेब की इस बात से इंकार कर दिया।

सुल्तान बनने को लेकर शाहजहाँ और औरंगजेब के बीच काफी बहस हुई जिससे नाराज होकर शाहजहां ने औरंगजेब को दक्कन के सूबेदार पद से हटा दिया। इस बात से नाराज होकर औरंगजेब महीनों तक शाहजहां से दरबार में सभा करने नहीं आया। बाद में शाहजहां ने औरंगजेब की नाराजगी को दूर करते हुए गुजरात का सूबेदार बना दिया। गुजरात का सूबेदार के बनने औरंगजेब ने बहुत सी लड़ाईया लड़ी। जिसमें गोलकोंडा, बीजापुर, मुल्तान, सिंध एवं कंधार की लड़ाइयों में औरंगजेब ने दुश्मनी सेना पर विजय प्राप्त की। यह सब देखकर शाहजहां ने सन 1652 में औरंगजेब को दोबारा दक्कन का सूबेदार बना दिया।

Aurangzeb का मुग़ल सम्राट बनना

जब सन 1657 में शाहजहाँ बीमार हुआ तो दिल्ली में मुग़ल सत्ता की गद्दी पर बैठने के लिए शाहजहां के तीनों बेटों दारा शिकोह, शाह शुजा और औरंगजेब के बीच एक खुनी संघर्ष शुरू हो गया। इस खुनी संघर्ष के बीच शाह शुजा ने अपने आप को बंगाल का राज्यपाल घोषित कर दिया। शाह शुजा के राज्यपाल बनने के बाद औरंगजेब ने मुग़ल सम्राट शाहजहाँ को आगरा के किले में बंदी बनाकर कैद कर लिया। सन 1659 को दिल्ली में औरंगजेब ने खुद को मुग़ल सल्तनत का नया सम्राट घोषित कर दिया। औरंगजेब के दरबारी मुहम्मद काजिम ने अपने द्वारा लिखित आलमगीरनामा नाम की किताब में औरंगजेब के 10 वर्षों के शासन के बारे में लिखा है।

जिज्या कर

आपको बता दें की मुग़ल काल में जो भी गैर – मुस्लिम लोग होते थे उन पर सामान्य करों के अलावा एक जजिया कर लगाया जाता था जिसकी शुरुआत मुग़ल शासक मोहम्मद बिन कासिम के द्वारा की गयी थी। लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है की जजिया कर वसूलने की शुरुआत प्रथम सुल्तान फिरोज तुगलक ने की थी। जजिया कर वसूलने के लिए तीन तरह के स्तर बनाये गए थे जिसमें गरीब, बेरोजगार और शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्ति। इस जजिया कर में हिन्दू धर्म में सबसे ऊपर आने वाले ब्राह्मण और सरकारी अधिकारी को जिज्या कर से छूट थी। इसी तरह मुसलामनों पर भी एक कर लगाया जाता था जिसे जकात कहा जाता था यह कर मुग़ल काल में सभी अमीर मुसलमानों को देना होता था।

औरंगजेब का संगीत और साहित्य प्रेम

लोगों का मानना है की क्रूर शासक औरंगजेब एक कटटरपंथी शासक था जो संगीत और साहित्य से घृणा करता था जिस कारण उसने अपने शासन काल में संगीत और साहित्य में प्रतिबन्ध लगा दिया था। परन्तु इतिहासकारों की मानें तो यह पूर्ण सत्य नहीं प्रसिद्ध विदेशी इतिहासकार कैथरीन लिखती हैं की औरंगजेब एक संगीत प्रेमी इंसान था। उसे दरबार में उत्सव, संगीत, नाच – गाना खूब पसंद था। औरंगजेब के शासनकाल में संगीत को सरंक्षण प्राप्त था। औरंगजेब के दरबारी लेखक बख्तावर खान ने अपनी किताब मिरात-ए-आलम में औरंगजेब के संगीत विशारदों के बारे में बताया है। इसी तरह एक और मुग़ल विद्वान फ़कीरुल्लाह ने अपने ऐतिहासिक दस्तावेजों में औरंगजेब के पसंदीदा गायकों और वाद्य यंत्रों के बारे में बताया है। फ़कीरुल्लाह ने लिखा है की औरंगजेब अपने पिता शाहजहाँ की तरह संगीत विद्या में निपुण थे।

Aurangzeb की मृत्यु

जब भारत के दक्षिण प्रांत में मराठों का साम्राज्य बढ़ने लगा तब सन 1683 में औरंगजेब मराठों का सामना करने स्वयं सेना लेकर युद्ध लड़ने गया। इस लड़ाई में युद्ध करते हुए औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 में दक्षिण के अहमदनगर में हुई। औरंगजेब की मृत्यु के बाद महाराष्ट्र के खुल्दाबाद जिले में औरंगजेब का स्मारक बना दिया गया।

औरंगजेब के द्वारा बनवाये गाये स्मारक

  • सन 1673 में औरंगजेब ने लाहौर में बादशाही मस्जिद बनवायी।
  • सन 1678 में औरंगजेब ने अपनी पत्नी रबिया दुर्रानी की याद में बीबी का मकबरा बनवाया।
  • दिल्ली के लाल किले में औरंगजेब ने मोती मस्जिद का निर्माण करवाया।
औरंगजेब के बेटे का क्या नाम था ?

औरंगजेब के बेटों के नाम इस प्रकार से हैं
बहादुर शाह प्रथम
मुहम्मद अकबर
मुहम्मद आज़म शाह
मुहम्मद काम बख्श
मुहम्मद सुल्तान

औरंगजेब का मकबरा कहाँ है ?
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महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद ज़िले के ख़ुल्दाबाद नामक शहर में औरंगजेब का मकबरा स्थित है।

औरंगजेब ने किन मन्दिरों का जीर्णोद्धार करवाया ?

औरंगजेब के द्वारा किये गए जीर्णोद्धार हिन्दू मंदिरों की सूची
बनारस का जंगम बाड़ी मठ
चित्रकूट का बालाजी मंदिर
इलाहबाद (प्रयागराज) का सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर
गुवाहाटी का उमानंद मंदिर

औरंगजेब की मृत्यु कब हुई ?

औरंगजेब की मृत्यु 3 मार्च 1707 में अहमदनगर में हुई।

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