नाटो पूरी दुनिया का एक सैन्य संगठन है,जब विश्व युद्ध ख़त्म हुआ था तब बहुत देशो को महामारी के नुकसान का सामना करना पड़ा कई लोगो के जान-मान से हाथ धोना पड़ा। सब तहस- नहस हो गया ऐसी स्थिति भविस्य में कभी न आयी इसके लिए नाटो की स्थापना की गयी,नाटो कई देशों को मिल कर बना है,इन सारे देशों की सैन्य दल एक साथ मिले कर काम करती है नाटो में शामिल सभी देश की सेना का खर्चा दुनिया के रक्षा व्यय का 70% से अधिक है।
जिसमे से अमेरिका एक है जो इस भाग का आधा हिस्सा खुद खर्च करता है इसके अलावा अन्य देश इटली ,फ्रांस,ब्रिटेन,जर्मनी इसका 15% करती है देश में बढ़ रहे सोवियत प्रभाव को देख अमेरिका ने सबसे पहले अपना कदम उठाया धीरे-धीरे करके अन्य देश भी इसमें शामिल होने लगे। चलिए आगे जानते हैं नाटो (NATO) क्या है?
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नाटो(NATO) क्या है ?
नाटो एक अन्तराष्ट्रीय संगठन है जो 30 देशो को मिल कर बना है वर्तमान समय में नाटो काफी चर्चा में रहा यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण। क्योकि यूक्रेन देश नाटो में सम्भलित होना चाहता है नाटो से सम्भलित होने के अनेक फायदे होते है यदि जो देश नाटो में सम्भलित है उनमे से किसी एक देश पर युद्ध होता है तो नाटो के सारे देश उसकी रक्षा करेगा ये नाटो का दायित्वा होता है ये नियम सबसे पहले अमेरिका में हुए हमले 11 september 2001 के बाद लागू हुआ, नियमो को चलाने के लिए अनुच्छेदों को बनाया गया है,इसलिए बहुत सारे देश इसमें शामिल होना चाहते है,परन्तु भारत देश इसमें सम्भलित नहीं है। नाटो उत्तरी अमेरिका और यूरोप देश मिल कर बना एक अंतराष्ट्रीय सैन्य संगठन है।
नाटो (NATO) का पूरा नाम-
नाटो का पूरा नाम नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organisation) है हिंदी में इसको उत्तर अटलांटिक संधि संगठन कहा जाता है।
नाटो (Full form) | नार्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (North Atlantic Treaty Organisation) |
स्थापना | 4 अप्रैल 1949 (अमेरिका वाशिंगटन) |
नाटो के मुख्य चार अंग | परिषद, उप परिषद, प्रतिरक्षा समिति, सैनिक समिति से मिलकर बना नाटो |
नाटो के महासचिव | नॉर्वे देश के पूर्व प्रधान मंत्री Jens Stoltenberg |
वर्तमान में नाटो देश की संख्या | 30 देश शामिल |
नाटो का उद्देस्य | देश की सुरक्षा और शांति बनाये रखना |
नाटो(NATO) की स्थापना-
नाटो की स्थापना दूसरे विश्व युद्ध को देखने के बाद 4 अप्रैल 1949 को अमेरिका के वॉशिंगटन शहर से की गयी। इसका मुख्यालय अब बेल्जियम शहर में स्थित है, 1949 में जब नाटो की स्थापना हुए उस समय इसमें केवल 12 देश (अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लक्जमबुर्ग, नीदरलैंड्स, नॉर्वे और पुर्तगाल शामिल थे, इनका उद्देस्य पश्चिमी यूरोप में सोवियत संघ की विचारधारा को रोकना,देश से शांति को बनाये रखना ,युद्ध के समय नाटो में सम्भलित देशों का साथ देना। वर्तमान समय में नाटो में 30 देश शामिल है, जो आपको नीचे बताया गया है।
Nato Members in Hindi (नाटो के सभी देश )
संयुक्त राज्य अमेरिका | यूनाइटेड किंगडम |
तुर्की | स्पेन |
स्लोवेनिया | स्लोवाकिया |
रोमानिया | पुर्तगाल |
नॉर्वे | पोलैंड |
उत्तर मैसेडोनिया | नीदरलैंड्स |
मोंटेनेग्रो | लिथुआनिया |
लक्ज़मबर्ग | लातविया |
इटली | हंगरी |
आइसलैंड | ग्रीस |
फ्रांस | जर्मनी |
एस्टोनिया | अल्बानिया |
बुल्गारिया | बेल्जियम |
कनाडा | क्रोएशिया |
चेक गणराज्य | डेनमार्क |
फ़िनलैंड |
नाटो का इतिहास-
जब देश में सोवियत संघ का खतरा बढ़ता गया, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद रूस का साम्राज्य बढ़ा, लोगो में डर बढ़ रहा था कही फिर से युद्ध न हो। इसलिए दुनिया के अन्य देशो ऐसे संगठन बनाने की सोच रखी जिससे भविष्य में ऐसी स्थिति दुबारा न आये, नाटो की स्थापना के भी बहुत सारे उद्देस्य थे
जब देश में द्वितीय विश्व युद्ध हुआ तो उसको देख कर सारे देश डर गए,देश अलग अलग बिखर गई सब चीज़ को सही करने में बहुत समय लगा ऐसे स्थति दुबारा कभी न आये.सके किये 30 देशों ने मिल कर योजना बनायी नाटो की स्थापना की जिसके अंदर 4 मुख्य अंगो को सम्मलित किया। जो इस प्रकार है –
सैनिक समिति
- परिषद– ये नाटो का मुख्य अंग है जिसकी बैठक साल में एक बार होती है इसका कार्य नाटो द्वारा बनाई गयी धारा को लागू करना
- उप परिषद्– उपपरिषद में सामान्य विषयो पर चर्चा करी जाती है जो नाटो से सम्बंधित होती है यह कूटनीतिक प्रतिनिधियों की परिषद से मिलकर बना अंग है
- प्रतिरक्षा समिति– इसमें नाटो देशो के सदस्य बैठ कर प्रतिरक्षा विषयो( रणनीति,नाटो और गैर नोटों देशो) के बारे में बात करना।
- सैनिक समिति– इसमें नाटो देश में शामिल सभी देशो की सैनिक शामिल होती है इनका कार्य बैठक की व्यवस्था को बनाए रखना व प्रतिरक्षा और परिषद् को सही सलाह देना।
नाटो का कार्य और उद्देस्य-
- नाटो का मुख्य कार्य नाटो में शामिल देशों को आतंकवादी हमलो से सुरक्षित करना, युद्ध से पहले नई योजना बनाये रखना
- नाटो सबसे पहले सभी मुद्दों को शांतिपूर्ण हाल करता है अगर स्थिति ज्यादा ख़राब हो गयी तो सैन्य शक्ति का प्रयोग करना पड़ता है
- भविष्य में अगर किसी भी देश पर हमला होता है तो वह नाटो में सम्मिलित सभी देशों पर समझा जायेगा इसके लिए सभी नाटो देशों को लड़ाई के समय एक साथ होना होगा।
- अनुछेद 5 में लिखा गया है यदि एक या एक से ज्यादा देशों पर हमला होता है नाटो में शामिल देशों का यह नियम बनता है कि सभी उसकी सुरक्षा में आगे आये और अपने देश की सैन्य संगठन को मजबूत बनाए
- नाटो में शामिल सेना तकनीकी हतियारो से भरपूर होती है समय आने पर कभी भी इन हतियारो की जरूरत पड़ सकती है
- नाटो की स्थापना से सोवियत प्रभाव को कम करना था लोगो के अंदर जो मानसिक डर बैठा था उसके लिए नाटो महत्वापूर्ण रहा
- नाटो का मुख्य उद्देस्य है देश की आर्थिक और सामाजिक व्यवस्था को बनाये रखना।
- नाटो का उद्देस्य नाटो के समलित देश की राजनीतिक ,सेना को स्वतंत्रा और सुरक्षा प्रदान करना।
नाटो से सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर
नाटो की official languages kya hai?
नाटो की official languages अंग्रेजी और फ्रेंच है।
नाटो की स्थापना क्यों की गई
दूसरा विश्वयुद्ध जैसे स्थिति दुनिया में दुबारा कभी न आये, क्युकी वह समय सभी के लिए भयंकर था। इसलिए इसकी स्थापन की गई।
1949 में नाटो में कितने देश शामिल थे?
1949 में नाटो में सिर्फ 12 देश ( फ्रांस, बेल्जियम, लक्जमर्ग, ब्रिटेन, नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, आइसलैण्ड, इटली, नार्वे, पुर्तगाल और संयुक्त राज्य अमेरिका) शामिल थे।
नाटो के महासचिव कौन है?
नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग है।
नाटो देश कह स्थित है?
नाटो देश ब्रुसेल्स (बेल्जियम) में है।