SGB: सोना नहीं बल्कि खरीदें Sovereign Gold Bond, हर महीने होगी कमाई, जानें सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड के फायदे, नुकसान और निवेश का तरीका

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड है, SGB पर 2.5% प्रति वर्ष की निश्चित दर से ब्याज मिलता है। एसजीबी सोने में निवेश करने का एक सुरक्षित और सुविधाजनक तरीका है

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Reported by Saloni Uniyal

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सोना नहीं बल्कि खरीदें Sovereign Gold Bond
सोना नहीं बल्कि खरीदें Sovereign Gold Bond

Sovereign Gold Bond: क्या आप सोने पर निवेश करते हैं अथवा करने की सोच रहें हैं, तो आपके लिए एक खुशखबरी है। हम आपको एक ऐसी स्कीम के बारे में बताने जा रहें हैं जिसके तहत आप हर महीने कमाई कर सकते हैं। इस स्कीम का नाम Sovereign Gold Bond Scheme है जिसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी किया जाता है। इस स्कीम द्वारा सरकार आपको सस्ते में गोल्ड खरीदने का मौका दे रही है।

आप कमर्शियल बैंकों के अतिरिक्त मान्यता प्राप्त स्कॉट एक्सचेंजों NSE, BSE, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड तथा पोस्ट ऑफिस के माध्यम से इन्वेस्ट कर सकते हैं। इस स्कीम के तहत आप भविष्य में तगड़ा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। हालाँकि इसमें थोड़ा जोखिम भी शामिल है। आइए जानते हैं सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड (SGB) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी यहाँ।

सॉवरेन गोल्‍ड बॉन्‍ड क्या है?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड है इसे भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है। यह सोने की कीमतों से जुड़ा रहता है। जो लोग सोने में निवेश करना चाहते हैं उनको बता दें आपके लिए यह निवेश का सुरक्षित एवं लाभदायक ऑप्शन है। इसमें आपको भौतिक सोने की खरीदने एवं रखने की कोई परेशानी नहीं होती है। एसजीबी को डीमैट के रूप में भी बदला जा सकता है। ये बॉन्ड एक ग्राम सोने का होता है। अर्थात एक ग्राम सोने का जो मूल्य होता है वह बॉन्ड की कीमत होती है।

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आप Sovereign Gold Bond के तहत 24 कैरेट के 99.9 प्रतिशत शुद्ध सोने में इन्वेस्ट कर सकते हैं। यदि आप ऑनलाइन आवेदन करके डिजिटल प्रक्रिया के जरिए ही भुगतान करते है तो आपको प्रति ग्राम 50 रूपए का डिस्काउंट प्राप्त होता है। फाइनेंशियल ईयर में कोई भी एक नागरिक करीबन 1 ग्राम तथा अधिक से अधिक 4 किलो सोने में इंवेट कर सकता है।

कैसे खरीदें Sovereign Gold Bond?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप दो तरीको से खरीद सकते हैं ऑनलाइन तथा ऑफलाइन। आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को कमर्शियल बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड (CCIL), डाकघरों, नेशनल स्कॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड से खरीद सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे

सॉवरेन गोल्ड के बहुत सारे लाभ हैं। इसमें आपको वार्षिक 2.4 फीसदी का ब्याज मिलता है, इसका हर छह माह में भुगतान किया जाता है। वहीं अगर बाजार में इसका भाव बढ़ता है तो आपके निवेश का भी मूल्य बढ़ जाता है। इसके अतिरिक्त भी कई अन्य लाभ भी हैं जिसकी जानकारी हम नीचे देने जा रहें हैं।

  • ब्याज भुगतान- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के लाभों में से एक ब्याज भुगतान भी है। आपके SGB इन्वेस्ट पर सरकार द्वारा निश्चित वार्षिक ब्याज दर प्रदान किया जाता है। यह जो ब्याज भुगतान है इसे दो भागों में बांटा जाता है। प्रत्येक छह महीने में निवेशक द्वारा भुगतान किया जाता है चाहे सोने की कीतम बढ़ती है अथवा घटती है, आपको ब्याज देने की गारंटी दी जाती है।
  • टैक्स छूट- Sovereign Gold Bond Scheme में टैक्स का लाभ भी दिया जाता है। आपको SGB पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस नहीं देना होगा। जब तक आपकी मैच्योरिटी नहीं होती है तो आप पहले ही ब्रांड को ट्रांसफर करने एवं इंडेक्सेशन लाभ प्राप्त कर सकते हैं इसकी अनुमति प्राप्त हो जाती है। और यदि आप मैच्योरिटी के पश्चात बांड तोड़ते हैं, तो कैपिटल गेन टैक्स से भी छूट प्राप्त हो जाती है।
  • कागज और डीमैट फॉर्मेट- इसमें कागज और डीमैट फॉर्मेट होता है जिसके कारण फिजिकल सोने के स्टोरेज की लागत एवं चिंता की समस्या खत्म हो जाती है। SGB में निवेश करने पर आपको फिजिकल सोने के बदले होल्डिंग सर्टिफिकेट दिया जाता है। इसका अर्थ यह है कि आपको सोने की सुरक्षा को लेकर चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अथवा इसे बैंक लॉकर में सुरक्षित रखने के लिए सालाना चार्ज भुगतान नहीं करना होगा। सबसे बड़ा फायदा इससे चोरी होने का कोई जोखिम नहीं होता है।
  • आप इसमें ऑनलाइन तथा ऑफलाइन दोनों तरीके निवेश कर सकते हैं।
  • बॉन्ड के माध्यम से लोन का भी ऑप्शन मिलता है।

गोल्ड बॉन्ड में निवेश के नुकसान

गोल्ड बॉन्ड में निवेश के फायदे के अतिरिक्त कई नुकसान भी है जो कि निम्नलिखित है-

  • मैच्योरिटी- इसमें 8 वर्ष की लम्बी मैच्योरिटी होती है जिसकी वजह से बहुत से निवेशक सोने के बोन्ड से नाराज दिखाई देते हैं। हालाँकि इस लम्बी अवधि का भी अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है। आपको बता दें सरकार द्वारा सोने के प्राइस में उतार-चढ़ाव से निवेशकों को होने वाले नुकसान को रोकने हेतु मैच्योरिटी पीरियड लम्बी रखी है। इसके अतिरिक्त ध्यान से निवेशक निवेश की डेट से 5 वर्ष पहले भी बोन्ड को रिडीम कर सकते हैं।
  • कैपिटल लॉस- यदि अचानक सोने का प्राइस में गिरावट आती है तो इसका नुकसान इन्वेस्टर को भी झेलना पड़ेगा। सोने की कीमतों में गिरावट के कारण गोल्ड बॉन्ड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इस प्रकार से गोल्ड बांड में इन्वेस्ट करने का यह एक बड़ा नुकसान है।
  • निकासी नहीं है आसान- SGB में यदि आप पांच साल से पहले पैसे निकालना चाहते हैं, और आपको तुरंत ही पैसों की आवश्यकता है, तो इसमें निकासी करना मुश्किल हो जाता है। इसका कारण यह है कि यह लिक्विड नहीं होता है। लिक्विडिटी की आवश्यकता भविष्य के किसी भी कार्य अथवा अनिश्चित खर्चों को पूर्ण करने के लिए नहीं होती है। यह उस दौरान आपके कार्य आ सकती है जब आपका निवेश अथवा अन्य ऑप्शन की तुलना में बेहतर रिटर्न नहीं दे रहा होता है।
आवश्यक दस्तावेज
  • आवेदन पत्र (बैंक अथवा डाकघर से प्राप्त करें)
  • पता प्रमाण (बैंक पासबुक, बिजली बिल, टेलीफ़ोन बिल आदि)
  • पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आईडी)
  • पैन कार्ड

गोल्ड बॉन्ड में आप कितना निवेश कर सकते हैं?

Sovereign Gold Bond में निवेश की जानकारी बताए तो इसमें न्यूनतम निवेश 1 ग्राम सोने पर तय किया जाता है। तथा निवेश की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम होती है। यह गोल्ड बॉन्ड 8 वर्ष के लिए होता है। इसमें आप 5 वर्ष पूरे होने से पहले रकम की राशि नहीं निकाल सकते हैं। इसके ब्याज में कोई भी कम्पाउंडिंग नहीं की होती है। हर छह महीने में ब्याज का भुगतान होता है तथा अंतिम ब्याज आपको आपके मूलधन पर मैच्योरिटी के पश्चात दिया जाएगा।

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