पदार्थ की अवस्थाएं कितनी होती हैं? नाम | States of Matter in Hindi

हमारा सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड किसी न किसी पदार्थ या द्रव्य से मिलकर बना होता है। भौतिक गुण, रासायनिक गुण तथा अनुप्रयोगों के आधार पर पदार्थ भी भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। पदार्थ की अवस्थाएं कितनी हैं (States Of Matter In Hindi) और पदार्थ किन किन अवस्थाओं में कौन से गुण प्रदर्शित करता है। यह पूरी ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

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हमारा सम्पूर्ण ब्रहमाण्ड किसी न किसी पदार्थ या द्रव्य से मिलकर बना होता है। भौतिक गुण, रासायनिक गुण तथा अनुप्रयोगों के आधार पर पदार्थ भी भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। पदार्थ की अवस्थाएं कितनी हैं (States Of Matter In Hindi) और पदार्थ किन किन अवस्थाओं में कौन से गुण प्रदर्शित करता है। यह पूरी जानकारी अपन इस लेख में पढेंगे। पदार्थ और उसकी अवस्थाओं के बारे में अपनी जानकारी में बढोत्तरी करने के लिये इस लेख को पूरा अवश्य पढें।

पदार्थ की अवस्थाएं कितनी होती हैं? नाम | States Of Matter In Hindi
पदार्थ की अवस्थाएं कितनी होती हैं? नाम | States Of Matter In Hindi

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पदार्थ अथवा द्रव्य क्या है (What is Matter)

आयतन और द्रव्यमान युक्त तत्व को पदार्थ या द्रव्य कहा जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो प्रत्येक वस्तु जो कि स्थान घेरती है और उसका अपना कुछ न कुछ द्रव्यमान होता है, पदार्थ कहलाती है। उदाहरण के लिये हमारे आस पास की स्थान घेरने और द्रव्यमान वाली वस्तुओं में मेज, कुर्सी, हवा, पानी इत्यादि हैं।

पदार्थ की अवस्थाएं और प्रकार (States of Matter)

किसी तत्व को मिश्रण और शुद्व पदार्थों में वर्गीकृत किया जाता है। अणुओं के बीच की दूरी और आकार और आयतन की निश्चितता के आधार पर भी पदार्थों का वर्गीकरण किया जाता है। व्यावहारिक तौर पर पदार्थ की तीन अवस्थाओं (Three States of Matter) का ही वर्णन किया जाता है। ठोस अवस्था, द्रव अवस्था और गैसीय अवस्था।

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ठोस अवस्था (Solid State)

  • ठोस अवस्था से अभिप्राय कठोर होने से है। इस अवस्था में वस्तु कठोर होती है। ठोस अवस्था में वस्तु का एक निश्चित आयतन होता है और वस्तु का आकार भी निश्चिित ही होता है। ठोस वस्तु के आकार में परिवर्तन करना अपेक्षाकृत कठिन होता है। इस अवस्था में वस्तु के कणों के मध्य में रिक्त स्थान बहुत ही कम होने के कारण ये कठोर अवस्था को प्राप्त होते हैं। ठोस वस्तुओं के उदाहरण के तौर पर लकडी, पत्थर, बर्फ, लोहा, तांबा, आदि धातुयें आती हैं।

द्रव अवस्था (Liquid State)

  • द्रव अवस्था से अभिप्राय तरलता से है। इस अवस्था में पदार्थ तरलता की स्थिति में होता है। द्रवीय पदार्थ का एक निश्चिित आयतन होता है। किन्तु इनके आकार में अनिश्चितता बनी रहती है। वस्तु के कणों के बीच स्थान अपेक्षाकृत अधिक होने के कारण यह द्रवीय अवस्था को प्राप्त होते हैं। इनमें बहने का गुण पाया जाता है जिसके कारण द्रवीय पदार्थों का आकार निश्चित नहीं होता है। घनत्व कम होने के कारण यह उपर से नीचे की ओर बहने का गुण प्रदर्शित करते हैं। पानी, तेल, दूध, डीजल आदि द्रवीय पदार्थों के उदाहरण हैं।

गैसीय अवस्था (Gas State)

  • पदार्थ गैसीय अवस्था में गैसों के रूप में भी होते हैं। इस अवस्था में अणुओं के बीच की दूरी बहुत अधिक होती है। अणुओं के बीच की दूरी अधिक होने के कारण ही गैसीय अवस्था में बहने का गुण पाया जाता है। इसके साथ ही गैसीय अवस्था में पदार्थ का आकार और आयतन निश्चित नहीं होते हैं। उदाहरण के लिये प्राणवायु, धुंआ, हीलियम, लीथियम आदि गैसों के उदाहरण हैं।

पदार्थ की इन तीन अवस्थाओं के अतिरिक्त दो अन्य अवस्थाओं की खोज वैज्ञानिकों के द्वारा की गयी है। ये दोनों अवस्थायें सामान्य व्यवहार में प्रयोग में नहीं देखी जाती हैं। तथापि इनका संक्षेप में परिचय दिया जा रहा है।

प्लाजमा (Plasma)

प्लाज्मा पदार्थ की एक प्रकार से गैसीय अवस्था है। किन्तु कुछ गुणों में यह सामान्य गैसीय गुणों से भिन्नता प्रदर्शित करते हैं। गैसों से भिन्नता होने के कारण इसे पदार्थ की चौथी अवस्था माना गया है। प्लाज्मा (Plasma) एक उच्च ताप की आयनित की गयी गैस होती है जिसमें कि धनात्मक और ऋणात्मक आयन समता में होते हैं। अर्थात धनात्मक आयनों की संख्या ऋणात्मक आयनों के बराबर होती है। अब क्योंकि यह एक आयनित गैस होती है, तो यह वैद्युत क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र दोनों में वैद्युत तथा चुंबकीय गुणों को प्रदर्शित करती है।

प्लाज्मा विद्युत तथा चुंबकीय क्षेत्र के चालक होते हैं। कुछ भौतिक गुणों में प्लाज्मा गैसों की तरह ही व्यवहार करता है। जैसे कि प्लाज्मा (Plasma) का भी कोई निश्चित आकार और आयतन नहीं होता है।

बोस आइंस्टीन कंडनसेट (Bose–Einstein Condensate)

ब्रहमाण्ड के प्रत्येक कण को वृहद तौर पर दो हिस्सों में बांटा जाता है। फर्मियन्स और बोसॉन। हमारे आस पास अधिकांशत फर्मियन्स प्रकार के कण पाये जाते हैं। फर्मियन्स कण परमााणुओं से मिलकर बनते हैं।

जिनमें इलेक्ट्रॉन (Electron), प्रोटॉन (Proton) तथा न्यूट्रॉन (Neutron) शामिल हैं। कई सारे फर्मियन्स को मिलाकर एक बोसॉन कण तैयार किया जा सकता है। जब बोसॉन कणों से बनी किसी कम सान्द्रता वाली गैस को परम शून्य ताप (-273 K) अर्थात शून्य डिग्री सेल्सियस तक ठण्डा कर दिया जाता है तो बोसॉन की इस अवस्था को बोस आंइस्टीन संघनित (Bose–Einstein Condensate) कहा जाता है। पदार्थ की इस अवस्था की पहचान सर्वप्रथम एक भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्रनाथ बोस ने 1925 में की थी। इसलिये उन्हीं के नाम पर पदार्थ की इस अवस्था का नाम बोस आंइस्टीन संघनित (Bose–Einstein Condensate) रखा गया है।

ठोस, द्रव और गैस में अंतर (Difference Between Solid, Liquid and Gas )

ठोस (Solid)द्रव (Liquid) गैस (Gas)
ठोस पदार्थों के कठोर होने के कारण इनके आकार में आसानी से परिवर्तन नहीं होता है। अत ठोस पदार्थों का एक निश्चित आकार होता है।द्रवों में कठोरता का गुण ठोसों की अपेक्षा कम होता है। यह उपर से नीचे की ओर बहते हैं। इस कारण इनका कोई निश्चित आकार नहीं होता है।गैसों में कठोरता का गुण नहीं पाया जाता है। इस कारण गैसों का कोई निश्चित आकार नहीं होता है।
ठोस पदार्थों के कणों के बीच बहुत ही कम रिक्त स्थान होता है जिसके कारण पदार्थ के कण आपस में भली भांति जुडे रहते हैं। इसके कारण ठोसों का आयतन भी निश्चित होता है।द्रव पदार्थों में अणुओं के बीच की दूरी ठोसों की अपेक्षा अधिक और गैसों की अपेक्षा कम होती है। इस कारण गैसीय पदार्थों का एक निश्चित आयतन होता है।गैस के कणों के बीच में अत्यधिक रिक्त स्थान होता है। रिक्त स्थान अधिक होने से गैस का आयतन भी निश्चित नहीं रह जाता है।
ठोस पदार्थो के कणों के मध्य लगने वाला अन्तरा आण्विक बल बहुत मजबूत होता है जिसे आसानी से नहीं तोडा जा सकता है। इसलिये ठोस पदार्थों का घनत्व सबससे अधिक होता है।द्रव पदार्थ के अणुओं के मध्य लगने वाला अन्तरा आण्विक बल ठोस पदार्थों के मुकाबले कम और गैस पदार्थों के मुकाबले में अधिक होता है। इसलिये गैसों का घनत्व ठोस पदार्थों से कम और गैसीय पदार्थों से अधिक होता है।गैस के कणों के मध्य लगने वाला अन्तरा आण्विक बल बहुत ही कमजोर होता है। इस कारण गैसों का घनत्व ठोस और द्रव पदार्थों के मुकाबले बहुत ही कम होता है।
निश्चित आयतन और आकार होने के कारण ठोस पदार्थों में बहने का गुण नहीं पाया जाता है।द्रवों में आकार की अनिश्चितता पायी जाती है। जिस कारण इनमें बहने का गुण पाया जाता है। द्रव पदार्थ उपर से नीचे की ओर बहते हैं।कणों के बीच अत्यधिक दूरी होने और निश्चित आकार और आयतन न होने के कारण गैसों में बहने का गुण पाया जाता है। गैस चारों दिशाओं में बह सकती है।
पत्थर, लोहा, लकडी, तांबा, कोयला, बर्फ आदि ठोस पदार्थों के उदाहरण हैं।दूध, पानी, डीजल, एल्कोहॉल, पेट्रोल, तेल, आदि द्रव पदार्थों के उदाहरण हैं।वायु, ऑक्सीजन, कार्बन डाई ऑक्साईड, नाईट्रोजन, एलपीजी, सीएनजी आदि गैसों के उदाहरण हैं।

पदार्थ की अवस्थाएं और गुण, मुख्य बिंदु

  • जो भी वस्तु अथवा द्रव्य स्थान घेरती है और जिसका कि द्रव्यमान भी होता है, पदार्थ कहलाते हैं।
  • सामान्यत पदार्थ को तीन भागों में बांटा जाता है। ठोस, द्रव और गैस।
  • ठोस पदार्थों का आकार और आयतन निश्चित होते हैं। इनमें अन्तरा आण्विक बल बेहत प्रबल होता है।
  • द्रव पदार्थों का आकार अनिश्चित और आयतन निश्चित होता है। इनमें अन्तरा आण्विक बल अपेक्षाकृत कम होता है। द्रवों में बहने का गुण होता है।
  • गैसों का आकार और आयतन दोनों अनिश्चित होते हैं। इनमें बेहद दुर्बल अन्तरा आण्विक बल होता है। गैस चारों दिशाओं में बह सकती है।
  • इनके अलावा पदार्थ की दो अवस्थाएं और खोजी जा चुकी हैं। इन्हें प्लाज्मा (Plasma) और बोस आंइस्टीन संघनित (Bose–Einstein Condensate) कहा जाता है।

पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन

यद्यपि पदार्थ अपनी मूल अवस्था में स्थायी होते हैं। तथापि तापमान में परिवर्तन करने पर हम पदार्थ की अवस्था में परिवर्तन कर सकते हैं। अर्थात पदार्थ को एक अवस्था से दूसरी अवस्था में बदला जा सकता है। पदार्थ की मूल अवस्थाएं पदार्थ के तापमान पर निर्भर करती है। निम्नलिखित प्रकार से आप पदार्थ की मूल अवस्था को बदल सकते हैं-

  • गलन (Melting)- इस विधि के द्वारा ठोस पदार्थों को द्रव तथा गैसीय अवस्था में बदला जाता है। ठोस पदार्थ को उसके गलनांक तक के उच्च तापमान में गर्म किया जाता है। जिससे कि ठोस पिघलने लगता है और द्रवीय अवस्था को प्राप्त होता है। इससे अधिक गर्म करने पर द्रव वाष्प बनकर गैसीय अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
  • वाष्पीकरण (Evaporation)– इस प्रक्रिया में द्रव अवस्था को गैसीय अवस्था में बदला जा सकता है।
  • हिमीकरण (Freezing)– इस प्रक्रिया के द्वारा द्रव को ठोस पदार्थ में बदला जाता है। द्रव पदार्थ को उसके हिमांक तक ठण्डा किया जाता है। जैसे कि जल को हिमांक तक ठण्डा करने पर हमें बर्फ प्राप्त होती है।

पदार्थ की अवस्थाएं सम्बंधित प्रश्न और उनके उत्तर (FAQ’s)

पदार्थ किसे कहते हैं?

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प्रत्येक तत्व जो कि स्थान घेरता है और जिसका द्रव्यमान होता है। पदार्थ कहा जाता है।

पदार्थ की अवस्थाऐं कितनी होती है?

सामान्यतः पदार्थ की तीन अवस्थाओं ठोस, द्रव और गैस का अध्ययन किया जाता है। वर्तमान में पदार्थ की 5 अवस्थाऐं ज्ञात हैं।

Bose–Einstein Condensate क्या है?

बोस आंइस्टीन संघनित को पदार्थ की पांचवी अवस्था माना गया है। इसमें बोसान कणों को परम ताप तक ठण्डा किया जाता है। ऐसी अवस्था में सम्पूर्ण पदार्थ एक अणु के समान व्यवहार करने लगता है। भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस के नाम पर इसे Bose–Einstein Condensate कहा जाता है।

पदार्थ की पांचवीं अवस्था की खोज किसने की?

भारतीय वैज्ञानिक सत्येन्द्र नाथ बोस और अल्बर्ट आइंस्टीन को पदार्थ की पांचवी अवस्था की खोज का श्रेय दिया जाता है। इनके द्वारा ही सर्वप्रथम 1920 के दशक में इसकी प्रथम अवधारणा दी गयी थी। इसलिये इन्हीं के नाम पर पदार्थ की पांचवी अवस्था को Bose–Einstein Condensate कहा जाता है।

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