सबसे पहले दर्शन किस धाम के करने चाहिए? चार धाम यात्रा 2024 के बारे में जान लें क्या है यात्रा का सही क्रम

चार धाम यात्रा सनातन धर्म की सबसे पुण्य शाली तीर्थ यात्रा मानी गई है, इस यात्रा को सही क्रम में किया जाना चाहिए तभी था यात्रा फलीभूत होगी, तभी इसका महत्व होता है, आइए जानते हैं चार धाम यात्रा का सही क्रम क्या है

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Reported by Saloni Uniyal

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सबसे पहले दर्शन किस धाम के करने चाहिए? चार धाम यात्रा के बारे में जान लें क्या है यात्रा का सही क्रम
सबसे पहले दर्शन किस धाम के करने चाहिए? चार धाम यात्रा के बारे में जान लें क्या है यात्रा का सही क्रम

Char Dham Yatra: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा अब कुछ ही दिनों में शुरू होने वाली है। चार धाम हिन्दुओं के जीवन की एक पवित्र तीर्थ यात्रा है। देश में श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर यमनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ तथा केदारनाथ यात्रा पर निकलते हैं। राज्य सरकार द्वारा यात्रा बुकिंग शुरू कर दी गई है, अगर आप भी चार धाम यात्रा करना चाहते हैं तो जल्द ही अपना रजिस्ट्रेशन करा लें। यात्रा में तीर्थयात्रियों के लिए कोई समस्या उत्पन्न न हो इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सभी व्यवस्थाएं कर दी गई हैं ताकि यात्रा में कोई बाधा ना आए। यह यात्रा प्रत्येक वर्ष सिर्फ 6 महीने के लिए ही चलती है। यात्रा करने से पहले भक्तों को यह मालूम होना चाहिए कि सबसे पहले किस धाम के दर्शन करने होते हैं अर्थात यात्रा करने का सही कर्म क्या होता है? तो चलिए जानते हैं इस सम्पूर्ण जानकारी के बारे में।

चार धाम यात्रा का सही क्रम

चार धाम यात्रा हिन्दू धर्म के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण यात्रा है। चार धाम उत्तराखंड राज्य के जिलों में स्थापित हैं जिनके नाम गंगोत्री, यमनोत्री, बद्रीनाथ एवं केदारनाथ है। धार्मिक मान्यताओं के आधार पर कहा गया है कि, चार धाम यात्रा की शुरुआत यमनोत्री से की जाती है। यमनोत्री में यमनोत्री मंदिर स्थित है, जो कि देवी यमुना को समर्पित है। यदि आप यमनोत्री से यात्रा का शुभारम्भ करते हैं तो आप बिना किसी संकट अथवा बाधा के अपनी चार धाम यात्रा हो सम्पूर्ण कर सकते हैं। शास्त्रों में भी कहा गया है कि किसी भी यात्रा की शुरुआत पश्चिम से शुरू और पूर्व में ख़त्म होनी चाहिए। अतः आपको सर्वप्रथम यमनोत्री के दर्शन करने चाहिए।

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यह है यात्रा का दूसरा पड़ाव

चार धाम यात्रा की शुरुआत यमनोत्री दर्शन के बाद गंगोत्री आपका दूसरा पड़ाव होता है। गंगोत्री जो कि गंगा नदी का उद्गम स्थल है। गंगोत्री मंदिर में देवी गंगा की पूजा की जाती है। यमनोत्री से गंगोत्री धाम की दूरी के बात करें तो यह करीबन 220 किलोमीटर है। यह यात्रा आप पैदल अथवा सड़क मार्ग से भी कर सकते हैं। सड़क मार्ग से आप बस, टैक्सी अथवा अपने निजी वाहन से आसानी से गंगोत्री धाम पहुंच सकते हैं।

तीसरा पड़ाव

गंगोत्री धाम के दर्शन करने के बाद चारधाम का तीसरा पड़ाव केदारनाथ मंदिर है। केदारनाथ मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। आज भी कहा जाता है कि भगवान शिव केदारनाथ धाम में बसे हुए हैं। केदारनाथ मंदिर उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित है। वर्ष में यह 6 माह के कपाट खुलते हैं। अतः भगवान शिव के भक्त कपाट खुलने के बाद भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। चारधाम में गंगोत्री के बाद केदारनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं।

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चार धाम यात्रा का अंतिम पड़ाव

केदारनाथ धाम के बाद चारधाम का अंतिम पड़ाव बद्रीनाथ धाम है। उत्तराखंड राज्य के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के तट पर बद्रीनाथ मंदिर स्थित है। केदारनाथ धाम में भगवान विष्णु निवास करते हैं। कहा जाता है कि जो भक्त यहाँ भगवान विष्णु के दर्शन करते हैं उनके सभी पाप दुख जीवन से ख़त्म हो जाते हैं। इस प्रकार चार धाम यात्रा यमनोत्री से शुरू होकर केदारनाथ मंदिर के दर्शन करने से ख़त्म होती है।

तो इस प्रकार चार धाम यात्रा का सही क्रम यमनोत्री फिर गंगोत्री इसके बाद केदारनाथ और अंत बद्रीनाथ जी है.

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चार धाम यात्रा से सम्बंधित कुछ आवश्यक बातें

हम यहां आपको चार धाम यात्रा से सम्बंधित कुछ आवश्यक बातों की जानकारी देने जा रहें हैं, इस जानकारी को ध्यान से पढ़ें-

Char Dham Yatra कब से शुरू होगी?

क्या आप इस वर्ष चार धाम यात्रा करना चाहते हैं। तो आपको बता दें Char Dham Yatra 10 मई 2024 से शुरू होने जा रही है। इसमें से केवल बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई 2024 से खुलने जा रहें हैं। आप ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करके यात्रा बुकिंग कर सकते हैं।

आवास एवं सुविधाएं

चार धाम मार्ग पर राज्य सरकार द्वारा अनेकों सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है। आप अपने बजट के अनुसार सुविधा का लाभ ले सकते हैं। यात्रा के मार्ग के कई स्थानों पर भोजन, चिकित्सा सहायता एवं परिवहन जैसी सुविधाएं प्रदान की गई है।

सावधानियां

यात्रा करते समय आपको कई दुर्गम रास्तों का भी सामना करना होगा। अधिक ऊंचाई एवं उबड़ खाबड़ रास्तों में ध्यान से चलें एवं दवाएं अपने साथ ले जाएं। यात्रा के लिए सिर्फ वे ही व्यक्ति जाए जो मानसिक रूप से स्वस्थ होने के साथ शारीरिक रूप से भी मजबूत हो।

पर्यावरण का रखें ख्याल

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जब आप चारधाम की यात्रा करते हैं अथवा अन्य जगह यात्रा करते हैं तो अपने आस पास स्वच्छता बनाए रखें। आप जो कूड़ा करकट करते हैं उसे प्राकृतिक आवास में फैकने के बजाय अपने पास ही रखें तथा कूड़ेदान में डालें।

मार्गदर्शन

आप अपने परिवार अथवा किसी भी ग्रुप के साथ यात्रा करें, क्योंकि आप कभी भी खतरे में पड़ सकते हैं यदि साथ रहेंगे तो आपको इतनी दिक्कत नहीं आएगी। इसके अतिरिक्त आप अनुभव के लिए एक स्थानीय गाइड को भी अपने साथ ले जा सकते हैं जो आपके मार्गदर्शन के काम आए।

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