Char Dham Yatra Route: कहा जाता कि जीवन में यदि व्यक्ति एक बार चार धाम की यात्रा करता है तो वह जन्म एवं मृत्यु के चक्र से मुक्त हो जाता है क्योंकि यहां जाकर व्यक्ति द्वारा किए गए सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति हासिल हो जाती है। चार धाम यात्रा पश्चिम से पूर्व की ओर दक्षिणावर्त करनी चाहिए। इसका अर्थ यह है कि यात्रा यमनोत्री से शुरू होने के बाद अंतिम धाम बद्रीनाथ में भगवान के दर्शन करके समाप्त होती है। यह यात्रा अप्रैल मई से शुरू होकर अक्टूबर नवंबर के महीने तक चलती है अर्थात यह हर साल 6 महीने के लिए शुरू होती है और 6 महीने तक यहां सभी धाम के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। यदि आप चार धाम यात्रा कर रहें है तो आपको अपने साथ रूट मैप को लेकर अवश्य जाना चाहिए।
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दिल्ली एनसीआर से चार धाम सड़क मार्ग (ड्राइविंग दूरी)
- दिल्ली एनसीआर से चार धाम सड़क मार्ग (ड्राइविंग दूरी)
- दिल्ली से हरिद्वार – 210 km (6 घंटे)
- हरिद्वार से बरकोट – 220 km (7 घंटे)
- बरकोट से यमनोत्री – 36 km
- बरकोट से उत्तरकाशी – 100 km (4 घंटे)
- उत्तरकाशी से गंगोत्री – 100 km (4 घंटे)
- उत्तरकाशी से रुद्रप्रयाग – 180 km (7-8 घंटे)
- रुद्रप्रयाग से केदारनाथ – 74 kms (drive) + 20 kms trek (new route)
- रुद्रप्रयाग से बद्रीनाथ – 160 km (6-7 घंटे)
- बद्रीनाथ से ऋषिकेश – 297 kms (10-11 घंटे)
- ऋषिकेश से दिल्ली – 230 km (6 घंटे)
चार धाम यात्रा के प्रमुख मार्ग –
- हरिद्वार से- हरिद्वार – ऋषिकेश – देवप्रयाग – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – तिलवाड़ा – अगस्त्यमुनि – कुंड – गुप्तकाशी – फाटा – रामपुर – सोनप्रयाग – गौरीकुंड – रामबाड़ा पुल – लिंचोली – केदारनाथ (3,553 मीटर)
- देहरादून से- देहरादून – ऋषिकेश – हरिद्वार – बड़कोट – यमुनोत्री (223 किमी) – उत्तरकाशी – गंगोत्री (100 किमी) – रुद्रप्रयाग – केदारनाथ – बद्रीनाथ (313 किमी) – ऋषिकेश – देहरादून
- ऋषिकेश से- ऋषिकेश – हरिद्वार – बड़कोट – यमुनोत्री – उत्तरकाशी – गंगोत्री – रुद्रप्रयाग – केदारनाथ – बद्रीनाथ – ऋषिकेश
बद्रीनाथ धाम मार्ग मानचित्र
बद्रीनाथ पहुंचने का रास्ता – दिल्ली – हरिद्वार – ऋषिकेश – देवप्रयाग – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – कर्णप्रयाग – नंदप्रयाग – चमोली – जोशीमठ – बद्रीनाथ
ऊंचाई – 3,300 मीटर
स्थान – अलकनंदा नदी के बाईं ओर
समर्पित – भगवान विष्णु को
बद्रीनाथ धाम घूमने का स्थान
- व्यास गुफा
- माता मूर्ति मंदिर
- पांडुकेश्वर
- ब्रह्मा जहाज
- योग ध्यान बद्री मंदिर
- गणेश गुफा
- माणा गांव
- भीम पुल
- नीलकंठ पीक
केदारनाथ धाम मार्ग मानचित्र
केदारनाथ पहुंचने का रास्ता – दिल्ली – ऋषिकेश – देवप्रयाग – श्रीनगर – रुद्रप्रयाग – तिलवाड़ा – अगस्त्यमुनि – कुंड गुप्तकाशी – फाटा – रामपुर – सोनप्रयाग – गौरीकुंड – रामबाड़ा ब्रिज – लिनचोली – केदारनाथ
ऊंचाई – 3,553 मीटर
समर्पित – भगवान शिव को
स्थान – मन्दाकिनी नदी के तट
केदारनाथ मंदिर के पास घूमने के स्थान
- गाँधी सरोवर
- कालीमठ
- शंकराचार्य समाधी
- त्रियुगी नारायण मंदिर
- वासुकि ताल
- चंद्रपुरी
Gangotri Dham Route Map
गंगोत्री पहुँचने का रास्ता – दिल्ली – ऋषिकेश – टिहरी – उत्तरकाशी – भटवारी – गंगनानी – हरसिल- गंगोत्री
ऊंचाई – 3,200 मीटर
स्थान – भागीरथी नदी के तट
समर्पित – देवी गंगा को
गंगोत्री मंदिर के नजदीक घूमने की जगह
- भोजबासा
- केदारताल
- गौमुख
- भैरोंघाटी
- जलमग्न शिवलिंग
- तपोवन
यमुनोत्री धाम रूट मैप
यमुनोत्री पहुँचने का रास्ता – दिल्ली – ऋषिकेश – नरेंद्रनगर – चमा – ब्रह्मखाल – बरकोट – Sayana Chatti – हनुमान चट्टी – फूल चट्टी – जानकी चट्टी – यमुनोत्री
ऊंचाई – 3,291 मीटर
स्थान – यमुना नदी के उद्गम के निकट
समर्पित – देवी यमुना को
यमुनोत्री मंदिर में घूमने का स्थान
- दिव्य शिला
- खरसाली
- सप्तऋषि कुंड
- सूर्य कुंड
- हनुमान चट्टी
यात्रा के लिए कुछ आवश्यक बातें
- यात्रा में जाने से पहले अपना रजिस्ट्रेशन करवा लें। चार धाम यात्रा के लिए पंजीकरण करना सभी के लिए अनिवार्य है। आप ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
- यात्रा करने से पहले अपने समान के साथ आवश्यक दवाइयां, पानी आदि अन्य जरुरत की चीजें रख दें।
- आप अप्रैल – मई से लेकर अक्टूबर – नवंबर के माह के बीच यात्रा कर सकते हैं।
- यात्रा के समय अपने पास गर्म एवं आरामदायक कपड़े रखें।
- चार धाम यात्रा से पहले अपने स्वास्थ्य की जांच अवश्य करा लें।