शब्द-विचार किसे कहते हैं: परिभाषा एवं प्रकार

Photo of author

Reported by Saloni Uniyal

Published on

शब्द -विचार व्याकरण का वह भाग है, जिसमें शब्दों के भेद, अवस्था, बनावट एवं रचना का वर्णन किया जाता है। उसे ही शब्द -विचार कहते है। व्याकरण का सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त करने के लिए शब्द -विचार का अध्ययन करना आवश्यक है। तो आइये जानते है शब्द -विचार किसे कहते है ? और परिभाषा एवं कितने प्रकार होते है। आर्टिकल से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त करने के लिए हमारे लेख को विस्तारपूर्वक अंत तक पढ़े।

शब्द-विचार किसे कहते हैं: परिभाषा एवं प्रकार
शब्द-विचार

यह भी पढ़े :- तत्सम-तद्भव (Tatsam-Tadbhav) शब्द, परिभाषा

शब्द -विचार किसे कहते हैं ?

Shabd Vichar को जानने और समझने से पहले शब्द और विचार को जान लेना जरुरी है। जब दो या दो से अधिक वर्णों से एक नए समूह का निर्माण होता है, तो उसे शब्द कहते है। दूसरे शब्दों में, ध्वनियों के मेल से बने सार्थक वर्ण -समूह को शब्द कहते है।

शब्द- विचार की परिभाषा

यह हिंदी व्याकरण का दूसरा खंड है, जिसके अंतर्गत शब्द की परिभाषा, भेद-उपभेद, संधि, विच्छेद, रूपांतरण, निर्माण आदि से संबंधित नियमों पर विचार किया जाता है। क्या आप जानते हो शब्द – युग्म क्या होता हैं ?

व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp

शब्द-विचार का वर्गीकरण

शब्द -विचार का स्पष्ट अर्थ जानने के लिए इसे चार भागों में बांटा गया है :-

  1. अर्थ के आधार पर
  2. बनावट या रचना के आधार पर
  3. प्रयोग के आधार पर
  4. उत्पत्ति के आधार पर

1) अर्थ के आधार पर

अर्थ के आधार पर यह दो प्रकार के होते है :-

  1. सार्थक – जिन शब्दों का खुद में कोई अर्थ होता है, उन्हें सार्थक शब्द कहते है। जैसे – आम, पानी, पीला, किताब, घर आदि।
  2. निरर्थक शब्द – वे शब्द जिनका कोई अर्थ नहीं होता है, वह निरर्थक शब्द होते है। जैसे – बेस, गग, जत, वट, गर आदि।

2) बनावट या रचना के आधार पर

रचना के आधार पर इन्हें तीन भागों में विभाजित किया गया है –

(i) रूढ़ शब्द –

वे शब्द जो अपने – आप में सार्थक तो होते है, लेकिन इन्हें अलग -अलग करने पर कोई अर्थ नहीं निकलता है। जैसे – जल, मग, घर, वर शीशा आदि।

(ii) यौगिक शब्द

ऐसे दो या दो से अधिक शब्द जो आपस में मिलकर कुछ अर्थ निकालते है, उन्हें यौगिक शब्द कहते है। जैसे : विद्या +आलय = विद्यालय, प्रधान + मंत्री = प्रधानमंत्री, स्व +देश = स्वदेश आदि। इस यौगिक शब्द में दो अलग -अलग शब्दों का अपना कुछ अर्थ होता है।

(iii) योगरूढ़

वे शब्द जो किन्हीं दो शब्दों के योग से बने होते है और योग बनने के बाद यह अपने अर्थ हो छोड़कर विशेष अर्थ की तरफ संकेत देते है। जैसे –

  • दसकंठ – रावण
  • एकदंत – गणेश
  • त्रिनेत्र – महादेव शिव

3) प्रयोग के आधार पर

इसके दो भेद होते है :-

(i) विकारी शब्द

वे शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक के अनुसार परिवर्तन होता है, वह विकारी शब्द कहलाते है। जैसे ; स्त्री – पुरुष, बच्चा – बच्चे, मैं – हमें आदि। ये ऐसे शब्द है जो लिंक, वाचक, कारक के साथ बदल जाते है।

(ii) अविकारी शब्द

ऐसे शब्द जिनका रूप कभी नहीं बदलता है, और जो हमेशा एक समान रहते है। उन्हें अविकारी शब्द कहते है। जैसे – यहाँ, वहाँ, कब, क्यों, किन्तु, कम, अधिक, परन्तु, प्रतिदिन आदि।

4) उत्पत्ति के आधार पर

इसके चार भेद होते है :-

यह भी देखेंPurn Viram Chinh | पूर्ण विराम चिन्ह: प्रयोग और नियम

पूर्ण विराम चिन्ह: प्रयोग और नियम (Purn Viram Chinh)

(i) तत्सम

तत्सम शब्द की उत्पत्ति दो शब्दों के मेल से होती है जैसे – तत+सम। अर्थात ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा में हुई होती है लेकिन उनका उपयोग हिंदी भाषा में करने पर कोई परिवर्तन नहीं आता है, तो उसे तत्सम शब्द कहते है। जैसे – रात्रि, माता, फल, अग्नि, पुष्प पृथ्वी, कार्य, मृत्यु, कवि, नदी आदि।

(ii) तद्भव शब्द 

ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा में हुई होती है, लेकिन हिंदी भाषा में उनका उच्चारण करने पर उनका रूप बदल जाता है। जैसे –

  •  उच्च = ऊँचा
  • कर्म = काम
  • ग्रीष्म = गर्मी
  • चूर्ण = चूरन
  • दीप = दीया
  • नयन = नैन

(iii) देशज शब्द

वे शब्द जो देश के अंदर बोलचाल की भाषा से हिंदी भाषा में प्रचलित हो गए हैं। तो ऐसे शब्दों को देशज शब्द कहते है। जैसे –

  • जूता
  • कपास
  • रोटी
  • फावड़ा
  • चूड़ी
  • घरौंदा
  • बाप

(iv) विदेश शब्द

कुछ ऐसे शब्द जो विदेशी भाषाओं में प्रयुक्त किए जाते है, लेकिन उन्हें हिंदी में प्रयुक्त करने पर कोई बदलाव नहीं आता है। जैसे – इरादा, चश्मा, डॉक्टर, बम, इलाज, हॉस्पिटल, रेडियों आदि।

शब्द-विचार से जुड़े महत्वपूर्ण सवालों के जवाब-

शब्द-विचार किसे कहते हैं ?

हिंदी व्याकरण में जब हम वर्णों का सही उच्चारण, संधि, रूपांतरण तथा शुद्ध लेखन की प्रक्रिया को जानते या समझते है, तो उन्हें शब्द -विचार कहते है।

शब्द-विचार के कितने प्रकार होते है ?

शब्द -विचार की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए इसे चार भागों में बांटा गया है- उत्पत्ति के आधार पर, रचना के आधार पर, अर्थ के आधार पर एवं विकार के आधार पर।

अर्थ के आधार पर शब्द के कितने भेद होते है ?

अर्थ के आधार पर शब्द के दो भेद होते है – सार्थक शब्द और निरर्थक शब्द।

तत्सम और तद्भव शब्द किसे कहते हैं ?

ऐसे शब्द जिनकी उत्पत्ति संस्कृत भाषा में हुई होती है, लेकिन संस्कृत और हिंदी भाषा में उनका प्रयोग करने पर कोई बदलाव नहीं आता है। जैसे –  गर्मी, ग्राम, गायक, ग्रामीण, घृणा। इसी के विपरीत तद्भव शब्द होते है जिनका हिंदी में उच्चारण करने पर रूप परिवर्तन हो जाता है। जैसे – आग, अनाज, आम, आलस, कोयल आदि।

यह भी देखेंतत्सम-तद्भव (Tatsam-Tadbhav) शब्द, परिभाषा, पहचानने के नियम और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण

तत्सम-तद्भव (Tatsam-Tadbhav) शब्द, परिभाषा, पहचानने के नियम और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण

Photo of author

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें