नमस्कार दोस्तों, दोस्तों आज के लेख में हम आपको हिंदी भाषा में उपयोग होने वाले तत्सम – तद्भव शब्दों के बारे में बताने जा रहे हैं आपने अक्सर हिंदी व्याकरण में या हिंदी भाषा में इन शब्दों का उपयोग किया होगा। दोस्तों जैसा की आपको पता ही होगा की हमारी हिंदी भाषा का उद्गम संसार की सबसे प्राचीन भाषा संस्कृत को माना जाता है। लेकिन समय बीतने के साथ कई बार भाषा और शब्दों में परिवर्तन हो जाता है परन्तु कई शब्द ऐसे भी हैं जो प्रत्येक समय में वैसे ही उच्चारित, सुने, पढ़े जाते हैं जैसे वह प्राचीन समय में थे जबकि कुछ शब्द समय के साथ अपना उच्चारण और अर्थ परिवर्तन कर चुके हैं।
दोस्तों ऐसे ही शब्दों को हिंदी व्याकरण में तत्सम-तद्भव (Tatsam-Tadbhav) शब्द कहा जाता है। यही कारण है की हमारी हिंदी भाषा के कई शब्द मूलतः संस्कृत भाषा के हैं। आज के आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही शब्दों को बताने का प्रयास करेंगे। चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं तत्सम-तद्भव शब्दों के बारे में।
तत्सम शब्द क्या होते हैं जानें ?
तत्सम शब्द की परिभाषा :- दोस्तों तत्सम शब्द जो मूलतः संस्कृत भाषा का शब्द है हिंदी व्याकरण में इसका उपयोग करने पर शब्दों के अर्थ में परिवर्तन हो जाता है। तत्सम शब्द हिंदी के दो शब्दों तत और सम से मिलकर बना है। जिसका अर्थ होता है “ज्यों का त्यों” तत्सम शब्द बोलने में ठीक वैसे होते हैं जैसे वह मूलतः संस्कृत भाषा में उपयोग किये जाते हैं। जैसे :- अग्नि, अमूल्य, अज्ञान, कर्पूर, हिंदी, बांग्ला, मराठी, गुजराती, पंजाबी, तेलगु, कन्नड़, मलयालम आदि।
तद्भव शब्द क्या होते हैं जानें ?
तद्भव शब्द की परिभाषा :- तद्भव शब्द वह होते हैं जो समय और परिस्थितियों के साथ अपने अर्थ और उच्चाचरण में परिवर्तन करते हैं। ऐसे शब्द मूलतः संस्कृत भाषा से लिए गए हैं पर समय के साथ प्राकृतिक रूप से अपभ्रंश के कारण इनके अर्थ बदल चुके हैं। तद्भव शब्द दो शब्द तद और भव से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है “उससे होना” तद्भव शब्द कहलाते हैं। जैसे :- अकाज, कचौड़ी, काजल, चमड़ा, कौड़ी आदि।
जिन शब्दों में के अंत में हिंदी वर्णमाला के क्ष अक्षर प्रयोग होगा वह तत्सम शब्द कहलाते हैं ठीक इसी प्रकार जिन शब्दों के अंत में हिंदी वर्णमाला के ख और छ अक्षर प्रयोग होता है वह तद्भव शब्द कहलाते हैं।
जब हिंदी भाषा के किसी शब्द में हिंदी वर्णमाला के अक्षर श्र, श, ष, व का प्रयोग किया जाता है तो वह तत्सम शब्द कहलाते हैं। इसी तरह हिंदी वर्णमाला के अक्षर स, ब का प्रयोग किया जाता है तो वह शब्द तद्भव शब्द कहलाते हैं।
जिन शब्दों में हिंदी की ऋ, र मात्रा का उपयोग किया जाता है ऐसे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं।
जिन शब्दों में हिंदी वर्णमाला के ख, ब, ऋ, स, छ आदि अक्षरों का उपयोग होता है उन्हें तद्भव शब्द कहा जाता है।
तत्सम शब्द क्या होते हैं ?
वे शब्द जो मूलतः हमारी प्राचीन संस्कृत भाषा की देवनागिरी लिपि से लिए गए हैं परन्तु समय के साथ इनके उच्चारण और अर्थ में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है। ऐसे शब्द तत्सम शब्द कहलाते हैं।
रोहित कुमार HINDI.NVSHQ.org में मुख्य संपादक के रूप में कार्यरत हैं, रोहित को लेखन के क्षेत्र में 6 वर्षों से अधिक का अनुभव है। रोहित ने हिंदी और संस्कृत में M.A किया। रोहित HINDI.NVSHQ.org में प्रकाशित किये जानें वाले सभी लेखों का निरीक्षण और विषयों का विश्लेषण से सम्बंधित कार्य करते हैं। और HINDI.NVSHQ.org की संपादक, लेखक और ग्राफिक डिजाइनर की टीम का नेतृत्व करते हैं।
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