How to make Career In AI: आज के समय में टेक्नोलॉजीज के प्रयोग से कई काम किए जा रहें हैं ऐसे में AI प्रत्येक क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। इसके साथ ही आप इसमें अपना करियर भी बना सकते हैं इसमें कई प्रकार के करियर अवसर मिल जाते हैं। AI में करियर बनाने के लिए आपको कुछ आवश्यक कौशल विकसित करने होंगे एवं कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना होता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस दौर में देश-दुनिया में कई परिवर्तन आ रहें हैं इसकी सबसे अधिक भागीदारी शिक्षा, हेल्थ एवं अन्य विभिन्न सेक्टरों में देखी जा रही है। एआई एवं मशीन लर्निंग में बीटेक, एमटेक के अतिरिक्त भी कई विकल्प है आप ऑनलाइन फ्री कोर्स करके अपना बेहतर करियर बना सकते हैं। तो चलिए जानते हैं AI सेक्टर में करियर बनाने के लिए कौन सी स्किल्स होनी जरुरी होती हैं।
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? (What is Artificial Intelligence)
AI का पूरा नाम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है जिसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता भी कहते हैं। अर्थात यह कृत्रिम तरीके से विकसित किया गया गौ जिसका इस्तेमाल बौद्धिक क्षमता समझने में किया जाता है। अन्य भाषा में कहें तो इसे डाटा मैनेजमेंट एवं मैन्युपुलेशन कहते हैं। आपको बता दें कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, रोबोटिक्स, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग एवं मैथेमेटिक्स आदि की जगह मिलाकर इसका निर्माण होता है।
सरल भाषा में कहें तो मशीन के अंदर दुनिया से सम्बंधित डाटा भरकर एक सॉफ्टवेयर तैयार किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर के जरिए मशीन आपके किसी भी सवाल का जवाब कुछ ही सेकंड में दे देती है एवं मानव बुद्धिमत्ता का प्रदर्शन करती है।
कहाँ से करें कोर्स?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस फील्ड से जुड़े कोर्स आप IIT कॉलेज में एडमिशन लेकर कर सकते हैं। आईआईटी कॉलेज इस कोर्स के लिए ऑफर करते हैं। इसमें IIT मद्रास, कानपुर, खड़गपुर, दिल्ली, गुवाहाटी, मुंबई, रुड़की शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ साइंस, बंगलुरु, नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली, बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी, सीएआईआर (सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड रोबोटिक्स), यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर, इलाहाबाद तथा इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी आदि शामिल होते हैं।
ये स्किल्स हैं जरूरी
मशीन लर्निंग
मशीन लर्निंग कृत्रिम बुद्धिमता का एक उपक्षेत्र है जो कंप्यूटर को स्पष्ट रूप से प्रोग्राम किए बिना सीखने एवं सुधारने में सक्षम बनाने में मदद करता है। इसमें एल्गोरिदम होते हैं जो कि गणतीय निर्देशों का ग्रुप होता है। इसकी सहायता से मशीनें स्वयं ही कार्य सीखती हैं। कंप्यूटर प्रोग्राम में इन सभी एल्गोरिदम को डाला जाता है मशीनें डेटा का विश्लेषण करती हैं। उदाहरण के लिए मशीन लर्निंग की सहायता से हाथ से लिखे अक्षरों को भी पहचान सकती हैं लेकिन इसके लिए पहले मशीन को हजारों अक्षरों के नमूने दिखाए जाते हैं जो कि लिखें होते हैं। इन नमूनों को देखकर मशीन ट्रेन होती है और अक्षरों की पहचान करती है कि कौन सा अक्षर है। इस प्रकार से मशीन लर्निंग से अन्य मशीनों को ट्रेन किया जाता है जिससे वे इंसानी बुद्धिमता के कार्य करने में सक्षम हो सके। यह स्किल होनी बहुत जरुरी है जो एआई क्षेत्र में काम आती है।
डीप लर्निंग
सामान्य मशीन लर्निंग की तुलना में डीप लर्निंग की बात करें तो इसमें अधिक गहराई होती है यह भी एक कृत्रिम बुद्धिमता (AI) का एक उपक्षेत्र है जो मानव मस्तिष्क से प्रेरित कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग करके डेटा सीखता है। यह मशीनों को विशाल डेटासेट (जिसमें हजारों अथवा लाखों उदाहरण होते हैं, जैसे चित्र, आवाज एवं वीडियो) का विश्लेषण करके स्वयं सीखने में मदद मिलती है। इनमें मशीनों की जटिल पैर्टन को जाँच करना, भाषण एवं लेखन का अनुवाद एवं चित्रों का वर्गीकरण आदि कार्य की सीख दी जाती है।
डेटा साइंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को डेटा साइंस मशीन लर्निंग की बहुत आवश्यकता होती है। डेटा साइंस में डेटा का एकत्रीकरण करके विश्लेषण किया जाता है। डेटा का मतलब आंकड़े एवं जानकारी को इकट्ठा करना होता है। मशीनों को डेटा देखकर ट्रेन किया जाता है ताकि वे इस कार्य को सीख सकें।
कंप्यूटर विजन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम को दृश्य क्षमता प्रदान करने के लिए कंप्यूटर विजन कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग किया जाता है। यह जो तकनीक है वह मशीनों को फोटो एवं वीडियो में मौजूद वस्तुओं, लोगों एवं उनके बीच के संबंधों को समझने में सक्षम बनाती है। कंप्यूटर विजन के माध्यम से मशीनों को फोटो अथवा वीडियो में दिखाई देने वाली वस्तुओं एवं लोगों को पहचानने में सहायता करती है।
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग-
नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (NLP) कंप्यूटर विज्ञान का एक क्षेत्र है जो मनुष्यों एवं मशीनों के बीच से सम्बंधित होता है। इसका उद्देश्य मशीनों को मानव भाषा समझाने में मदद करना है। इसके जरिए मशीन लर्निंग मॉडल को मानव भाषा जैसे- हिंदी एवं अंग्रेजी आदि में लिखे वाक्यों एवं पाठ के डेटाबेस से ट्रेनिंग दी जाती है। भाषा की संरचना एवं शब्दावली को समझना होता है। इसके पश्चात मॉडल नए वाक्यों का विश्लेषण करके भाव, अर्थ एवं भाषा की व्याकरणिक शुद्धता आदि का पता लगा सकते हैं। AI सिस्टम के लिए इस बुनियादी क्षमता का होना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
कितनी हो सकती है सैलरी?
इन सभी कोर्स को करने में 6 महीने से 2 वर्ष तक का समय लग सकता है। इन कोर्सों में आपको AI से सम्बंधित सभी जानकारी सीखने को मिल जाती है। कोर्स कम्पलीट होने के बाद आप बेहतरीन कंपनियों में नौकरी के बेहतरीन मौके हासिल कर सकते हैं। AI करियर में आप हर महीने अच्छी सैलरी प्राप्त कर सकते हैं। इस करियर के शुरुआत में 8-12 लाख रुपए वार्षिक आय होती है।