अरुणिमा सिन्हा जीवनी – Biography of Arunima Sinha in Hindi Jivani

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Reported by Saloni Uniyal

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दोस्तों आपने कई महिलाओं एवं पुरुष पर्वतारोही के नाम सुने होंगे जिन्होंने अपने जज्बे और हौसले के दम पर एक ऊँचा मुकाम हासिल किया है परन्तु आज हम आपको एक विकलांग महिला पर्वतारोही के बारे में बताने जा रहे है इस महिला का नाम अरुणिमा सिन्हा है। जो लोग अपने जीवन में किसी भी कार्य करने को लेकर हार मान चुके है उन्हें Arunima Sinha का जीवन परिचय जरूर पढ़ना चाहिए। आज हम आपको इस आर्टिकल में अरुणिमा सिन्हा जीवनी (Biography of Arunima Sinha in Hindi Jivani) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी को साझा करने वाले है, इसके लिए आपको इस वीडियो को अंत तक अवश्य देखना होगा।

अरुणिमा सिन्हा जीवनी - Biography of Arunima Sinha in Hindi Jivani
अरुणिमा सिन्हा जीवनी

Biography of Arunima Sinha in Hindi Jivani

नामअरुणिमा सिन्हा
जन्म20 जुलाई 1988
धर्महिन्दू
उम्र33
जन्म स्थानअम्बेडकर नगर (उत्तर प्रदेश)
शिक्षानेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग से पर्वतारोहण का कोर्स
नागरिकताभारतीय
जातिकायस्थ
पतिगौरव सिंह
पेशापर्वतारोही, वॉलीबॉल खिलाड़ी
पहचानमाउंट एवरेस्ट फतह करने वाली पहली भारतीय दिव्यांग महिला
आयु33

अरुणिमा सिन्हा कौन है?

Arunima Sinha एक दिव्यांग महिला पर्वतारोही है जिन्होंने सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करके भारत का नाम रोशन किया है।

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एक दिव्यांग महिला होने के बावजूद भी उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ कर अपने जूनन और जज्बे को दिखाया है। आपको बता दे अरुणिमा सिन्हा का एक बहुत ही खतरनाक ट्रेन एक्सीडेंट हुआ था जिसमे उन्हें बहुत चोट लगी जिसके कारण उनका एक पैर भी काटना पड़ा।

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जन्म

Arunima Sinha का जन्म 20 जुलाई 1988 को उत्तर प्रदेश के अम्बेडकर नगर में हुआ था। इनकी माता-पिता की जानकारी के बारे में कुछ पता नहीं है।

शिक्षा

अरुणिमा ने उत्तर प्रदेश से अपनी प्रारंभिक शिक्षा को पूरा किया है। उनके बाद इन्होने नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ़ माउंटेनियरिंग से पर्वतारोहण का कोर्स किया है। और इन्हे बॉलीबॉल खेलना बहुत पसंद है।

Arunima Sinha का ट्रेन एक्सीडेंट

21 अप्रैल 2011 अरुणिमा सिन्हा CISF की परीक्षा देने के लिए दिल्ली जा रही थी और वे पद्मावत एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थी। उस दौरान अरुणिमा सिन्हा के पास कुछ चोर आ गए जिन्होंने अरुणिमा के सामान एवं उनकी सोने की चेन को लूटना चाहा जिस दौरान उनके बीच काफी छीना झपटी और बहस हुई और वे ट्रेन से नीचे गिर गई। जब वे ट्रेन से नीचे गिरी तो वे दूसरी ट्रेन के ट्रैक पर चली गई और तभी अचानक सामने से ट्रेन आ रही थी और वे जब तक उस ट्रैक से हट पाती ट्रेन उनके पैरों को कुचल चुकी थी।

आपको यह सुनकर बहुत दुख और पीड़ा होगी कि एक ट्रेन के उनके ऊपर गुजर जाने के बाद करीबन 49 ट्रेन उनको कुचल कर गई यह कितना दर्दनाक था कि वे इस पीड़ा को सहन करती रही उसके पश्चात उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। डॉक्टर द्वारा चेकअप करने के बाद बताया गया कि इनके पैर की बहुत बुरी हालत है कि इनका पैर अब काटना पड़ेगा। और इसके बाद उन्होंने ऐसा फैसला किया कि वे दुनिया में अपना नाम मुकाम करेगी और उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी छोटी माउंट एवरेस्ट पर फतह किया।

दुनिया की सबसे ऊँची छोटी पर चढ़ी

Arunima का पैर कट जाने के पश्चात भी उन्होंने हार ना मानी अब उनका हौसला और भी बढ़ गया और उन्होंने अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बनाने का फैसला लिया। उन्होंने फाइबर तथा लोहे के मिश्रण से एक पैर बनवाया और अपने कटे हुए पैर में लगवाया। सिन्हा ने बछेंद्री पाल से मुलाक़ात की और उसके पश्चात उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई करनी प्रारम्भ कर दी। जब वे चोटी पर चढ़ रही थी तो उन्हें कई परेशानी झेलनी पड़ी परन्तु फिर भी उन्होंने हार ना मानी।

और अपने जूनून और हौसले के साथ उन्होंने 21 मई 2013 माउंट एवरेस्ट पर यात्रा का अंत हुआ और उन्होंने माउंट एवरेस्ट पर देश का तिरंगा फहराया और उसके बाद उनकी आँखों में ख़ुशी के आंसू निकलने लगे। अभी भी जब भी अरुणिमा अपनी इन दुर्घटनाओं को याद करती या बोलती है तो उनके आँखों में आंसू आ जाते है और वे इमोशनल हो जाती है परन्तु कमजोर होने के बजाय वे और मजबूत हो गई है हम उनके इस जज्बे को सलाम करते है।

माउंट एवरेस्ट के अतिरिक्त अन्य चोटियों पर भी की चढ़ाई

अरुणिमा सिन्हा द्वारा दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तो चढ़ाई की गई परन्तु इसके अतिरिक्त उन्होंने कुछ अन्य चोटियां भी चढ़ी है जिनकी जानकारी हम आपको नीचे निम्न प्रकार से बताने जा रहे है।

  • यूरोप के एल्ब्रुस पर्वत पर भी की चढ़ाई। (5631 मीटर)
  • अफ्रीका के किलिमंजारी पर्वत पर चढ़ी। (5895 मीटर)
  • अर्जेन्टीना के अकोंकागुआ पर्वत पर भी चढ़ी। (6961 मीटर)

अरुणिमा सिन्हा को प्राप्त पुरस्कार एवं सम्मान

  • भारत सरकार द्वारा अरुणिमा को भारत के चौथे सबसे बड़े सम्मान पदमश्री से वर्ष 2015 में सम्मानित किया गया।
  • वर्ष 2016 में तेनजिंग नोर्गे नेशनल एडवेंचर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • अम्बेडकरनगर महोत्सव समिति द्वारा वर्ष 2016 में अम्बेडकरनगर रत्न पुरस्कार द्वारा सम्मानित किया गया।
  • अरुणिमा को प्रथम महिला पुरस्कार वर्ष 2018 में प्रदान किया गया।
  • राज्य स्तर पर भी अरुणिमा को कई बार सम्मानित किया गया है।

इनके हौसले और जज्बे को देख कर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मान एवं इनकी प्रशंसा करते हुए 25 लाख रूपए का चेक दिया गया। इसके अलावा समाजवादी पार्टी ने 5 लाख रूपए तथा 20 लाख रूपए की राशि केंद्र सरकार द्वारा दी गई। अरुणिमा को दुनिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट चढ़ाई करके तिरंगा फहराने के लिए भारत भारती संस्था, सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश) द्वारा सुनपुर रत्न अवॉर्ड प्रदान करने की घोषणा जारी कर दी है।

अरुणिमा सिन्हा के जीवन परिचय से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

Arunima Sinha कौन है?

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Arunima Sinha एक विकलांग पर्वतारोही है, जिन्होंने विश्व की सबसे ऊँची चोटी माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की है।

Arunima ने माउंट एवरेस्ट पर यात्रा कब आरम्भ की?

माउंट एवरेस्ट पर यात्रा 21 मई 2013 को की गई थी।

Arunima Sinha का जन्म कब और कहाँ हुआ?

20 जुलाई 1988 को उत्तर प्रदेश राज्य के सुल्तानपुर जिले के अम्बेडकर नगर में हुआ था।

अरुणिमा के साथ ट्रेन एक्सीडेंट कब होता था।

अप्रैल 2011 को Arunima के साथ ट्रेन हादसा हुआ था।

माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली विकलांग महिला कौन है?

Arunima Sinha माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली भारत की पहली विकलांग महिला है।

इस लेख में हमने Biography of Arunima Sinha in Hindi Jivani के बारे में पूरी जानकारी को साझा कर दिया है। फिर भी यदि आप इस लेख की अन्य जानकारी या कोई प्रश्न पूछना चाहते है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना प्रश्न लिख सकते है आपके प्रश्रों का उत्तर जल्द ही हमारी टीम द्वारा दिया जाएगा।

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