12वीं के बाद पायलट कैसे बनें? How to Become a Pilot After 12th?

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Reported by Dhruv Gotra

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यदि आप खुले आसमान में परिंदो की तरह उड़ान भरना चाहते हैं तो आपका यह सपना पूरा हो सकता है। आजकल हर क्षेत्र में आप अपना कॅरिअर बना सकते हैं बशर्तें आपको सही मार्गदर्शन मिल सके।

स्टूडेंटस के अपने अलग-अलग सपने होते हैं कोई इंजनियर बनना चाहता है तो कोई टीचर और कोई पायलट। पायलट भी कई प्रकार के होते हैं कमर्शियल पायलट और एयर फाॅर्स में पायलट। सरल भाषा में कहा जाये तो पायलट एक Air Crew Officer होता है जिसका कार्य विमान के उड़ान का नियंत्रण और उसके संचालन का होता है।

12वीं के बाद पायलट कैसे बनें? How to Become a Pilot After 12th?
12वीं के बाद पायलट कैसे बनें?

यदि आप पायलट बनने की इच्छा रखते हैं और आपको यह नहीं पता की पायलट बनने के लिए किन-किन प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा तो आपके लिए यह लेख बहुत उपयोगी होगा। आप इस लेख को पढ़कर जान सकते हैं कि 12वीं के बाद पायलट कैसे बनें (pilot kaise bane) ?

वह सभी छात्र जिनकी इच्छा भारतीय वायु सेना में पायलट बनने की है, उन्हें Air Force Common Admission Test (AFCAT) या Combined Defence Service Examination (CDS) जैसी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।

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पायलट बनने के लिए किस क्षेत्र में आपको जाना होगा और 12वीं के बाद पायलट कैसे बनें इसके लिए आप को किस तरह की पढ़ाई करनी होगी इसकी जानकारी का होना आवश्यक है ,यह आपको इस लेख के माध्यम से पता लग जाएगा। 12th के बाद बहुत सी प्रतियोगी परीक्षाएं होती हैं जिनकी तैयारी करके आप एक बेहतर सरकारी नौकरी पा सकते हैं।

भारतीय वायु सेना के पायलट के लिए मानदंड

प्रवेश परीक्षाNDA परीक्षा
योग्यता10+2 विज्ञान विषय (PCM) तथा कॉमर्स(वाणिज्य)
पायलट ट्रेनिंग फीस15 लाख से 20 लाख रु. (लगभग)
वेतन2 लाख से लेकर 5 लाख तक
लाइसेंसकमर्शियल पायलट लाइसेंस (CPL)
पायलटों के प्रकारएयरलाइन पायलट, कमर्शियल पायलट ,फाइटर पायलट

पायलट बनने के लिए योग्यता (12वीं के बाद पायलट कैसे बनें)

यदि आप पायलट की चाह रखते हैं तो आपको इन सभी योग्यता मानदंड (Eligibility Criteria) को पूरा करना होगा। इन मानदंडों को पूरा करने के बाद ही आप पायलट बन सकते हैं। पायलट कई प्रकार के होते है, जिन्हे मुख्यता दो भागो में बांटा गया है;

  1. एयर फ़ोर्स पायलट (Air Force Pilot)
  2. कमर्शियल पायलट (Commercial Pilot)

दोनों तरह के पायलट बनने के लिए योग्यता मानदंड लगभग समान ही है। 12वीं (इण्टर) कक्षा के बाद आप पायलट ट्रेनिंग कोर्स में अपना नामांकन कर सकते है। इसके लिए आपका इंटर विज्ञान विषय (PCM) से पूरा होना चाहिए। लेकिन अब कई ऐसी पायलट ट्रेनिंग अकादमियां भी है जो वाणिज्य विषय (कॉमर्स) के छात्रों को भी प्रवेश देती है

यदि आप भारतीय वायु सेना (Indian Airforce) के पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको NDA (National Defence Academy) की परीक्षा देनी होगी। यदि आप कमर्शियल पायलट बनने की इच्छा रखते हैं तो आप इसकी ट्रेनिंग के लिए फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन ले सकते हैं।

योग्यता जो पायलट बनने के लिए आवश्यक है – 

यदि आप पायलेट बनने की चाह रखते हैं तो आपके पास निम्नलिखित योग्यता होनी आवश्यक है –

  • आपको भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • उम्मीदवार को कलर ब्लाइंडनेस वाला रोग नहीं होना चाहिए।
  • उम्मीदवार की हाइट (ऊंचाई) कम से कम 5 फुट होनी आवश्यक है ।
  • पायलट बनने के लिए शैक्षिक योग्यता में उम्मीदवार का 12वीं (इंटरमीडिएट) कक्षा में फिजिक्स(भौतिक विज्ञान) ,केमिस्ट्री(रसायन विज्ञान) ,मैथ (गणित) से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।
  • यदि आप कमर्शियल पायलट बनना चाहते हैं तो आपकी आयु न्यूनतम 18 वर्ष तथा अधिकतम आयु 32 वर्ष होनी आवश्यक है।
  • उसी प्रकार एयर फ़ोर्स पायलट बनने के लिए उम्मीदवार की आयुसीमा (Age Limit) 17-19 वर्ष तथा 20-24 वर्ष होनी चाहिए।
  • आपकी अंग्रेजी भाषा में अच्छी पकड़ होना चाहिए आपको अच्छी इंग्लिश बोलनी आनी चाहिए।
  • उम्मीदवार को कोई अन्य गंभीर बीमारी नहीं होनी चाहिए।

बारहवीं के बाद प्रवेश परीक्षा पास करें-

आप बारहवीं (इण्टर) के बाद प्रवेश परीक्षा को पास करके पायलट बन सकते हैं –

  • बारहवीं पास करने के बाद उम्मीदवार को पायलट बनने के लिए कोर्स का चुनाव करना चाहिए।
  • पायलट बनने के लिए उम्मीदवर का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है।
  • यह प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होती है -पहला एंट्रेंस एग्जाम, दूसरा मेडिकल टेस्ट, और अंत में इंटरव्यू ।
यदि आप कमर्शियल पायलट बनना चाहते है तो आपको फ्लाइंग स्कूल स्कूल से Commercial Pilot Ka Course करना होगा इस कोर्स में लगभग 18-24 महीने का समय लगता है। यदि आप एंट्रेंस एग्जाम पास कर लेते हैं तो इसके बाद आप दो तरीकों से कमर्शियल पायलट बन सकते हैं -पहला आप  फ्लाइंग स्कूल में एडमिशन लेन सकते हैं । दूसरा आप कैडेट पायलट प्रोग्राम से पायलट बन सकते हैं।

यदि आप भारतीय वायु सेना (इंडियन एयरफोर्स) में पायलट बनने का सपना देख रहे है। तो इसके लिए आपको काफी कठिन ट्रेनिंग से होकर गुजरना पड़ेगा क्यूंकि इन पायलट को फाइटर जेट विमानों के साथ आक्रमण करने का अभ्यास भी कराया जाता है जो की इतना आसान नहीं होता। भारतीय वायु सेना का पायलट बनने के लिए योग्यता मानदंड कमर्शियल पायलट के समान ही होता है।

भारतीय वायु सेना में पायलट ऐसे बन सकते हैं –

  • NDA (National Defence Academy)
  • SSCE (Short Service Commission Entry)
  • CDSE (Combined Defence Service Exam)
  • NCC (National Cadet Corps)

अन्य कोर्स जो स्नातक के उपरांत पायलट बनने के लिए है। इसमें भी प्रवेश पाने के लिए आपको प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी। यह प्रवेश परीक्षा भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है जिसे संघ लोक सेवा आयोग (यू.पी.एस.सी) आयोजित करता है।

इसकी ट्रेनिंग लगभग 3 साल तक होती है। ट्रेनिंग पूर्ण हो जाने के बाद उम्मीदवार को Permanent Commission Officer के रूप में भारतीय वायु सेना में पायलट नियुक्त किया जाता है।

पायलट बनने में कितना समय लगता है

पायलट बनने के लिए आपको किसी फ्लाइंग क्लब में एडमिशन लेना होगा जो की नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA), व गवर्नमेंट ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त हो। साथ ही साथ आपको स्टूडेंट पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन करना होगा और पायलट बनने के लिए आयोजित होने वाली प्रवेश परीक्षा को भी उत्तीर्ण करना होगा।

परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद आपको ट्रेनिंग पूरी करनी होगी। इन सभी प्रक्रिया के पूर्ण होने के उपरांत आपको भारत में पायलट बनने के लिए कम से कम 2 से 3 वर्ष का समय तक लग जाता है।

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पायलट बनने के लिए लाइसेंस (12वीं के बाद पायलट कैसे बनें)

पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को लाइसेंस की जरूरत होती हैं और लाइसेंस प्राप्त करने के लिए उम्मीदवार की training होती हैं। पायलट बनने के लिए उम्मीदवार को तीन लाइसेंस मिलते है –

  • स्टूडेंट पायलट लाइसेंस
  • प्राइवेट पायलट लाइसेंस
  • कमर्शियल पायलट लाइसेंस
  • किसी भी उम्मीदवार को training के समय सबसे पहले Student Pilot License (SPL) और उसके बाद Private Pilot License (PPL) और सबसे अंत में Commercial Pilot License (CPL) मिलता है।

स्टूडेंट पायलट लाइसेंस आवेदन

Director General Of Civil Aviation (DGCA) से मान्यता प्राप्त किसी भी फ्लाइंग स्कूल में प्रवेश लेने के बाद सबसे पहले आपको Student Pilot License (SPL ) दिया जाता है। यह लाइसेंस भारत सरकार के अंतर्गत आता है। SPL लाइसेंस मिलने के बाद आप स्टूडेंट या न्यू लर्नर के रूप में प्लेन उड़ाने की ट्रेनिंग को ले सकते हैं।

प्राइवेट पायलट लाइसेंस आवेदन

Student Pilot License (SPL ) का न्यूनतम मानदंड 60 घंटों का होता है। आप जैसे ही इस समय सीमा की ट्रेनिंग पूरी कर लेते है तो इसके बाद आप Private Pilot License(PPL) के लिए आवेदन कर सकते है।

यह लाइसेंस Student PilotLicense(SPL) की तुलना में थोड़ा मुश्किल होता है। SPL तथा PPL की ट्रेनिंग पूरी हो जाने के बाद लगभग 210 घंटे की उड़ान को पूरी करने पर आप कमर्शियल पायलट लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकते है।

कमर्शियल पायलट लाइसेंस आवेदन

Commercial Pilot License के लिए भी आपके कुछ टेस्ट लिए जाते है और आपको परीक्षा देनी होती है, जिसमें आपको उत्तीर्ण होना होता है इसके बाद ही आप कमर्शियल पायलट कहलाते हो। इसमें आपको Commercial Pilot License (CPL) मिलता है जो की किसी भी प्लेन को उड़ाने के लिए आवश्यक है।

कमर्शियल पायलट बनने के लिए विभिन्न एयरलाइंस द्वारा कैडेट पायलट प्रोग्राम कराये जाते हैं जिसे आप ज्वाइन कर सकते हैं। विभिन्न एयरलाइंस का कैडेट पायलट प्रोग्राम भी भिन्न भिन्न होता है। इसमें भी आपको प्रवेश परीक्षा, इंटरव्यू और मेडिकल टेस्ट के तीनो चरणों को पूरा करना होता है जिसके बाद आप एयरलाइंस का कैडेट पायलट प्रोग्राम ज्वाइन कर सकते है।

12वीं के बाद पायलट कैसे बनें से जुड़े सवाल जबाब

पायलट बनने के लिए क्या योग्यता होनी चाहिए ?

उम्मीदवार का 12वीं (इंटरमीडिएट) कक्षा में फिजिक्स(भौतिक विज्ञान) ,केमिस्ट्री(रसायन विज्ञान) ,मैथ (गणित) से न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों से उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

पायलट के लिए बारहवीं में कौन से विषय होने चाहिए ?

उम्मीदवार के 12TH में विज्ञान विषय कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना चाहिए।

भारतीय वायु सेना में पायलट बनने के लिए कौन सी परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है ?

इसके लिए Air Force Common Admission Test (AFCAT) या Combined Defence Service Examination (CDS) जैसी प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है।

पायलट बनने में कितना समय लगता है ?

सभी प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद आपको भारत में पायलट बनने के लिए कम से कम 2 से 3 वर्ष का समय तक लग जाता है।

पायलट बनने के लिए किस लाइसेंस की जरूरत होती है ?

किसी भी उम्मीदवार को training के समय सबसे पहले Student Pilot License ( SPL) और उसके बाद Private Pilot License (PPL) और सबसे अंत में Commercial Pilot License (CPL) मिलता है।

पायलट बनने के लिए उम्मीदवार का चयन कैसे किया जाता है ?

बारहवीं पास करने के बाद उम्मीदवार को पायलट बनने के लिए कोर्स का चुनाव करना होता है। पायलट बनने के लिए उम्मीदवर का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होता है। यह प्रक्रिया तीन चरणों में संपन्न होती है -पहला एंट्रेंस एग्जाम, दूसरा मेडिकल टेस्ट, और अंत में इंटरव्यू ।

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