जैसे की आप जानते हैं कि संज्ञा के सामान्य तौर पर तीन भेद होते हैं। पहला होता है व्यक्ति वाचक संज्ञा, दूसरा होता है जाति वाचक संज्ञा और तीसरा होता है, तीसरा है समूह वाचक संज्ञा, चौथा प्रकार है द्रव्य वाचक संज्ञा और अंतिम व पाँचवाँ प्रकार है भाव वाचक संज्ञा। तो आज इस लेख में हम बात करेंगे जातिवाचक संज्ञा (Jativachak Sangya) की। जैसे कि – जातिवाचक संज्ञा क्या होती है ? जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण क्या हैं ? आदि। इस संज्ञा के प्रकार के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए आप इस लेख को पूरा पढ़ें।
जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा
यदि आप जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा जानना चाहते हैं तो यहाँ पढ़ें –
जो शब्द किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान की सम्पूर्ण जाति अथवा वर्ग का बोध कराते हैं, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं।
जातिवाचक संज्ञा से किसी प्राणी, वस्तु, स्थान आदि की पूरी जाति का पता चलता है। जैसे की आप नाम से ही समझ सकते हैं जातिवाचक संज्ञा – जाती : कोई प्रजाति, वाचक मतलब बताने वाला। इसका पूरा अर्थ हुआ – किसी जाति / प्रजाति के बारे में बताना। इसके आधार पर आप कह सकते हैं कि यदि कोई शब्द / संज्ञा आप को किसी विशेष के बजाए सम्पूर्ण जाति के बारे में बताये तो वो जातिवाचक संज्ञा कहलाती है।
उदाहरण :
- प्राणी – मनुष्य, लड़का, लड़की, सेना, बिल्ली, कुत्ता, मानव, घोड़ा, मोर, पशु, सभा, मकान आदि।
- स्थान – पहाड़, शहर, नदियां, स्कूल, गाँव, विद्यालय, भवन आदि।
- वस्तु – मोबाइल, पुस्तकें, फर्नीचर , कार, चाय, बोतलें, मशीन आदि।
उदाहरणों से आप समझ सकते हैं कि यहाँ किसी व्यक्ति , वस्तु, स्थान विशेष की बात नहीं हो रही है बल्कि सम्पूर्ण जाती की बात हो रही है। ऐसे ही यदि यहाँ किसी भी मनुष्य या किसी स्थान के नाम के साथ उसका वर्णन हो तो ऐसी स्थिति में वो व्यक्तिवाचक संज्ञा होगी, जबकि यहाँ दिए गए उदाहरण जातिवाचक संज्ञा के हैं।
जातिवाचक संज्ञा के कुछ उदाहरण
- जंगल में मोर नाचते हैं।
यहाँ आप देख सकते हैं की मोर की बात हो रही है। मोर यहाँ किसी विशेष का बोध नहीं कराता। यहाँ सम्पूर्ण मोर जाति की बात हो रही है। - कॉलेज की बची हुई सीट पर कोई लड़की ही एडमिशन ले सकती है।
- यहाँ लड़की का अर्थ है कोई भी लड़की – सीता, सुमन, गीता, आदि कोई भी।
- शेर हिरण का शिकार करता है।
- यहाँ कोई विशेष शेर या हिरन की बात नहीं हो रही है, ये कोई भी हो सकते हैं।
- बच्चे स्कूल जा रहे हैं।
- बच्चे यहाँ सभी को सम्मिलित रूप से कहा गया है। स्कूल भी जातिवाचक शब्द है क्यूंकि यहाँ किसी विशेष स्कूल का नाम नहीं लिया गया है।
- बगीचे में फूल खिलते हैं।
- यहाँ किसी का भी बगीचा हो सकता है और फूल की कोई भी प्रजाति हो सकती है।
यह भी देखें :- संज्ञा (Sangya) – परिभाषा, भेद और उदाहरण
इसी प्रकार आप कुछ अन्य उदाहरण भी देख सकते हैं –
- बिल्ली घर में दूध पी जाती है।
- जंगल में जानवर रहते हैं।
- डॉक्टर को भगवान का रूप कहते हैं।
- वर्तमान में प्रदूषित नदियों को साफ करने के लिए बहुत से अभियान चलाये जा रहे हैं।
Jativachak Sangya से संबंधित प्रश्न- उत्तर
जातिवाचक संज्ञा क्या होती है ?
वो शब्द जो किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की सम्पूर्ण जाती का बोध कराते हैं, उन्हें ही जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे की – खिलौना, बच्चा, चाय, मोबाइल, पक्षी, पशु, विमान, गाडी आदि शब्द एक सम्पूर्ण जाति का बोध कराते हैं। इसके अतिरिक्त आप जातिवाचक संज्ञा को ऐसे भी समझ सकते हैं – जाति अर्थात प्रजाति और वाचक मतलब बताने वाला।
जातिवाचक संज्ञा के कितने भेद होते हैं?
Jativachak Sangya के दो भेद हैं – समूहवाचक संज्ञा (Collective Noun), द्रव्यवाचक संज्ञा (Material Noun) . हालाँकि इन्हे भी संज्ञा के ही अन्य भेद के रूप में जाना जाता है। जैसे व्यक्तिवाचक, जातिवाचक आदि।
जातिवाचक संज्ञा की पहचान कैसे करें?
जातिवाचक संज्ञा को आप ऐसे पहचान सकते हैं कि जब कोई शब्द किसी सम्पूर्ण प्रजाति का बोध कराते हों तो वो शब्द ही जातिवाचक संज्ञा के अंतरगत आएँगे।
व्यक्तिवाचक और जातिवाचक संज्ञा में क्या अंतर होता है उदाहरण सहित बताएं ?
जिन संज्ञा शब्दों से एक व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं, जैसे—राम, श्याम,पटना, बिहार आदि। जिन संज्ञा शब्दों से जाति का बोध होता है, उन्हें जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। जैसे पशु, बच्चे, पक्षी, आदि।
आज इस लेख में आप ने Jativachak Sangya/ जातिवाचक संज्ञा से संबंधित सभी महत्वपूर्ण जानकारियां पढ़ी। उम्मीद है आप को ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य लेखों को पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।