किसी भी भाषा को समझने के लिए उसका व्याकरण समझना आवश्यक होता है। खासकर जब आप को उस भाषा का नियमित प्रयोग करना हो तो। ऐसे ही हिंदी भाषा समझने के लिए जरूरी होता है कि इसके व्याकरण का ज्ञान हो। तभी आप इसका अच्छे से प्रयोग कर पाएंगे। इसलिए छोटे बच्चों को विद्यालय में भाषा का ज्ञान कराने के लिए व्याकरण पढ़ाई जाती है। जिस में वो संज्ञा व उसके प्रकार सहित अनेक ऐसे महत्वपूर्ण जानकारियों को पढ़ते हैं। जिससे उन्हें भाषा का अच्छा ज्ञान हो सके और वो अपने मनोभावों को व्यक्त करने के लिए सही तरीके से वाक्य रचना का सकें। आइये फिर इस लेख में हम भाव वाचक संज्ञा के बारे में पढ़ेंगे। आज समझेंगे कि भाववाचक संज्ञा क्या होती है और इससे जुडी अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां भी पढ़ेंगे।
भाव वाचक संज्ञा किसे कहते है?
आप ने संज्ञा के बारे में जानते ही होंगे की संज्ञा क्या होती है? यदि नहीं जानते तो आप को बता दें कि किसी जाति, द्रव्य, गुण, भाव, व्यक्ति, स्थान और क्रिया आदि के नाम को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा के पांच प्रकार के होते हैं –
- व्यक्तिवाचक संज्ञा,
- जातिवाचक संज्ञा,
- भाववाचक संज्ञा,
- द्रव्यवाचक संज्ञा और
- समूहवाचक संज्ञा
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि Bhav Vachak Sangya Kise Kahate Hain तो आगे लेख में पढ़ सकते हैं –
भाववाचक संज्ञा की परिभाषा: भाव वाचक संज्ञा उन शब्दों को कहते हैं जिन शब्दों से किसी पदार्थ या प्राणी के दशा, अवस्था, उसके गुण-दोष, धर्म और भाव का बोध होता हो, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं। उदाहरण के लिए – उत्साह, आजादी, थकावट, सुंदरता, बचपन मिठास, साहसी आदि शब्द भाववाचक संज्ञा में आते हैं। जैसे कि आप भाव शब्द से ही समझ सकते हैं कि इसका अर्थ होता है एहसास, मानव की भावनाएं आदि। इसका कोई आकार या रूप नहीं होता। साथ ही इनकी कोई शक्ल नहीं होती और न ही इसे हम देख या छू सकते हैं।
यहाँ समझिये भाव वाचक संज्ञा से संबंधित शब्दों को
आइये अब जानते हैं की आप कैसे किसी शब्द से भाववाचक संज्ञा बना सकते है। इसे पढ़ने के बाद आप भाववाचक संज्ञा को और अच्छी तरह से समझ सकते हैं। नीचे दी गयी टेबल में आप किसी शब्द और उससे उत्पन्न होने वाले भावों को पढ़ सकते हैं। इससे आप किसी शब्द के भाववाचक संज्ञा को समझ सकते हैं –
शब्द | भाव वाचक संज्ञा शब्द |
सुन्दर | सुंदरता |
मोटा | मोटापा |
मित्र | मित्रता |
भला | भलाई |
चतुर | चतुराई |
बुरा | बुराई |
गरीब | गरीबी |
बूढा | बुढ़ापा |
मीठा | मिठास |
गर्म | गर्मी |
ठण्ड / सर्द | ठंडी / सर्दी |
पढ़ना | पढाई |
दोस्त | दोस्ती |
दुश्मन | दुश्मनी |
वीर | वीरता |
अपना | अपनत्व |
अभी तक आप ने जाना कि कैसे आप शब्दों से उत्पन्न होने वाले भाव को समझ सकते हैं। ऐसे ही अब आगे समझेंगे की आप कैसे विभिन्न शब्दों से भाव वाचक शब्द बना सकते हैं ?
यह भी पढ़े :- संज्ञा (Sangya) – परिभाषा, भेद और उदाहरण: Sangya in Hindi
भाववाचक संज्ञा शब्दों का निर्माण
आप की जानकारी के लिए बता दें कि भाववाचक संज्ञा शब्दों को बनाने के लिए बहुत तरीके हैं। आप विभिन्न जातिवाचक संज्ञाओं, सर्वनामों और विशेषणों, क्रियाओं, अवयवों से भाववाचक संज्ञा का रचना कर सकते हैं। आइये अब इन्हे समझते हैं –
जाति वाचक संज्ञाओं से भाववाचक संज्ञा की रचना करना :
जातिवाचक संज्ञा | भाव वाचक तत्व |
किशोर | कैशोर्य |
गुरु | गुरुत्व |
ईश्वर | ईश्वरत्व |
ब्राह्मण | ब्राह्मणत्व |
नेता | नेतृत्व |
शिशु | शिशुता, शैशव |
पुरुष | पुरुषत्व |
देव | देवत्व |
पशु | पशुता, पशुत्व |
सर्वनाम शब्दों से भाव वाचक शब्द
अपना | अपनत्व , अपनापन |
आप | आपा |
मम | ममत्व, ममता |
निज | निजता |
सर्व | सर्वस्व |
अहं | अहंकार |
स्व | स्वत्व |
विशेषण शब्दों से भाववाचक संज्ञा
अनिवार्य | अनिवार्यता |
कुलीन | कुलीनता |
उचित | औचित्य |
कुटिल | कुटिलता |
अधिक | अधिकता |
ग्राह्य | ग्राह्यता |
कुशाग्र | कुशाग्रता |
धवल | धवलता |
दुर्बल | दुर्बलता |
आस्तिक | आस्तिकता |
क्रिया शब्दों से भाववाचक संज्ञा
कसना | कसाव |
खीजना | खीज |
कमाना | कमाई |
ठहरना | ठहराव |
जगमगाना | जगमगाहट |
फैलना | फैलाव |
काटना / कटना | कटाई / कटाव |
झुकना | झुकाव |
चीखना | चिल्लाहट |
पढ़ना | पढ़ाई |
बहना | बहाव |
थकना | थकावट |
लूटना | लूट |
नीच | नीचता |
अवयव शब्दों से भाव वाचक शब्द
नीचे | निचाई |
निकट | निकटता |
शीघ्र | शीघ्रता |
मना | मनाही |
देर | देरी |
समीप | समीपता |
दूर | दूरी |
भीतर | भीतरी |
ऊपर | ऊपरी |
समीप | सामीप्य |
भाव वाचक संज्ञा से संबंधित कुछ प्रश्न उत्तर
भाव वाचक संज्ञा क्या होती है?
Bhav Vachak Sangya संज्ञा का एक प्रकार है। भाव वाचक संज्ञा उन शब्दों को कहते हैं जिन शब्दों से किसी पदार्थ या प्राणी के दशा, अवस्था, उसके गुण-दोष, धर्म और भाव का बोध होता हो, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
संज्ञा के कितने प्रकार होते हैं?
संज्ञा के 5 प्रकार होते हैं।
भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण बताइये ?
भाव वाचक संज्ञा का उदाहरण : प्रभुता, ऊँचाई, सामीप्य, कठोरता, कुशाग्रता आदि।
क्रिया शब्दों से भाव वाचक संज्ञा बनाने का उदाहरण दीजिये ?
पढ़ना – पढाई , झुकना – झुकाव, लिखना – लिखाई, झुकना – झुकाव, खीजना – खीज। आदि ऐसे कई अन्य शंब्द हैं। जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
आज इस लेख के माध्यम से हम भाव वाचक संज्ञा व इससे संबंधित कई उदाहरण दिए हैं। उम्मीद है आप को ये लेख उपयोगी लगा होगा। यदि आप ऐसी ही जानकारीपरक लेखों को पढ़ने के इच्छुक हैं तो हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।