सर्वनाम: सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Sarvanam ke Bhed

सर्वनाम (Sarvnaam) हिंदी व्याकरण में वे शब्द होते हैं जिनका प्रयोग संज्ञा (संज्ञा - किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव का नाम) के स्थान पर किया जाता है। ये संज्ञाओं को बार-बार दोहराने से बचाते हैं और वाक्यों को संक्षिप्त व स्पष्ट बनाते हैं।

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Reported by Rohit Kumar

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हिंदी भाषा का बेहतर ज्ञान होना तभी संभव है जब आप का व्याकरण अच्छा हो। व्याकरण में आप ने संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि के बारे में पढ़ा होगा। और आज इस लेख के माध्यम से हम आप को इन्हीं में से एक सर्वनाम के बारे में जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं। आज आप लेख में जानेंगे कि सर्वनाम क्या होता है? सर्वनाम के कितने प्रकार होते हैं? सर्वनाम के भेद और सर्वनाम की परिभाषा क्या है? साथ ही सर्वनाम से जुडी अन्य सभी बातों के बारे में जानकारी हासिल करेंगे। सर्वनाम क्या होता है व अन्य संबंधित विस्तृत जानकारी हेतु आप इस लेख को पूरा पढ़ सकते हैं।

सर्वनाम क्या होता है?

सर्वनाम उन शब्दों को कहते हैं जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किये जाते हैं। जैसे कि हम , तुम, वो, उसे, तुम्हे, मुझे, आप आदि शब्द सर्वनाम कहे जाते हैं। इसे एक उदाहरण से समझे –

उदाहरण – राम को जल्दी घर पहुंचना था इसलिए राम पहले निकल गया।
राम को जल्दी घर पहुंचना था इसलिए वो पहले निकल गया।

इस उदाहरण में आप ने देखा की यहाँ राम की बात हो रही है, जिसे देर हो चुकी है और इसलिए वो जल्दी निकल गया। अब आप पहले वाक्य और दुसरे वाक्य में देखें। आप को यही बात दोनों ही वाक्यों में समझ आएगी लेकिन इस बात को दुसरे वाक्य में पहले से बेहतर तरीके से समझाया गया है। दुसरे वाक्य में आप राम (संज्ञा) के लिए प्रयुक्त हुए सर्वनाम (वो) के प्रयोग को देख सकते हैं। जिस से उसकी रोचकता बढ़ गयी है और अर्थ समझने में भी कोई समस्या नहीं है।

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सर्वनाम और इसके भेद

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सर्वनाम की परिभाषा

जैसे कि अभी तक आप ने लेख में जाना कि जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं उन्हें ही सर्वनाम कहते हैं। सर्वनाम का शाब्दिक अर्थ देखें तो इसका अर्थ होता है – सब का नाम। इसका अर्थ हुआ कि ये किसी व्यक्ति विशेष के उपयोग हेतु नहीं होता। इसका उपयोग सभी लोग कर सकते हैं। ऐसे ही ये किसी एक का नाम न होकर सभी का नाम हो सकता है। इसे ऐसे उदाहरण से समझे कि जब हम अपने लिए किसी सर्वनाम का प्रयोग करते हैं तो ‘मैं” का उपयोग करते हैं। ऐसे ही अन्य लोग भी अपने लिए इसी शब्द का प्रयोग करते हैं। तो इस प्रकार ये किसी व्यक्ति विशेष के द्वारा उपयोग में लाये जाने की बजाए सभी के द्वारा इसका प्रयोग किया जाता है।

संज्ञा का प्रयोग किसी व्यक्ति विशेष का बोध कराता है जबकि सर्वनाम, इसके उलट, सभी के लिए और सबके द्वारा प्रयोग किया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर यदि हम कहते हैं की ‘मोहन जा रहा है ‘. तो इसका अर्थ हुआ की कोई व्यक्ति विशेष कहीं जा रहा है। वहीँ यदि हम कहें कि वह कहीं जा रहा है तो इसका अर्थ शहर, दुकान, पशु, घर, पक्षी आदि का बोध कराने वाला हो सकता है। इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि संज्ञा की अपेक्षा सर्वनाम का क्षेत्र अधिक विस्तृत और व्यापक होता है। इन्हीं सर्वनामों के प्रयोग से न केवल वाक्य सुन्दर बनते हैं बल्कि इससे किसी शब्द या नाम (संज्ञा) के दोहराव से भी बचा जा सकता है। इसके साथ ही सुस्पष्ट अपने विचार रखने में भी सहायता मिलती है।

सर्वनाम के भेद / प्रकार

बात करें सर्वनामों के प्रकार / भेद की तो उत्पत्ति के आधार पर सर्वनाम के दो प्रकार हैं –

  • मौलिक सर्वनाम
  • यौगिक सर्वनाम

मूल रूप से सर्वनामों की संख्या 11 होती है, जिन्हें मौलिक सर्वनाम के तौर पर जाना जाता है। जैसे – मैं, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई और कुछ। जब इन जब इन मौलिक सर्वनामों पर कारक चिन्हों का प्रभाव पड़ता है तो ये यौगिक रूप बन जाते हैं। जैसे कि –

उदाहरण : मैं (मौलिक सर्वनाम) के यौगिक रूप – मैंने, मुझे, मुझको, हमें, हम, हमको, मेरा, मेरे, मेरी, मुझमें, मेरे लिए इत्यादि।

आइये अब जानते हैं कि प्रयोग की दृष्टि से इसके कितने स्वरुप हैं –

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. सम्बन्धवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम

आइये अब जानते हैं इन सभी सर्वनामों के बारे में विस्तार से –

पुरुषवाचक सर्वनाम

वो शब्द (सर्वनाम) जो किसी वक्ता, श्रोता (सुनने वाला) और जिसके बारे में चर्चा चल रही है (अन्य तीसरा व्यक्ति) के लिए प्रयुक्त होता है, या उनके स्थान पर किस्या जाता है उसे ही पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे की – मैं, तुम, वो, उसे आदि।

उदाहरण : उसने मुझे आकर बताया था की तुम आज मुझे ढून्ढ रहे थे।

इस वाक्य में आप तीन पुरुषवाचक सर्वनाम देख सकते हैं – उसने, मुझे और तुम। ये तीनों ही सर्वनाम पुरषवाचक सर्वनाम के तीन भेदों को दर्शातें हैं। मुझे-  उत्तम पुरुष, तुम- मध्यम पुरुष, उसने – अन्य पुरुष

ऐसे करें पहचान :

  • उत्तम पुरुष – मैं, हम, मैंने, मुझे, हमने, मेरा, हमारा, मुझको।
    उदाहरण : मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी, इसलिए बोलना ठीक नहीं समझा।
  • मध्यम पुरुष – तू, तुम, तुमने, तुझे, तूने, तुम्हें, तुमको, तुमसे, आपने, आपको
    उदाहरण : क्या तुम मेरे साथ चल सकते हो?
  • अन्य पुरुष – वह, यह, वे, ये, इन, उन, उनको, उनसे, इन्हें, उन्हें, इससे, उसको
    उदाहरण : क्या वे लोग हमारी बात सुनेंगे ?

निश्चयवाचक सर्वनाम

वो शब्द या सर्वनाम जो जो किसी दूर / निकट या पास की वस्तुओं की ओर इंगित/ संकेत करती हो, ऐसे ही सर्वनाम को निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे कि – यह, वो, वह, वे, ये आदि।

उदाहरण :

  • यह मेरी कलम है।
  • वह टेबल पर जग रखा है।
  • ये मेरी नयी कार है।
  • वो बॉल वहां क्यों पड़ी है ?
  • वह बच्चा पढ़ाई कर रहा है।
  • वे सभी एक ही पेड़ के फल हैं।
  • ये मेरे खिलौने हैं।

निश्चय वाचक सर्वनाम के भी दो प्रकार होते हैं।

दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम : वो सभी सर्वनाम शब्द जो किसी दूर की किसी वस्तु या फिर व्यक्ति के बारे में बोध कराते हों उन्हें दूरवर्ती निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं।

उदाहरण : वो कार मेरी है।

निकटवर्ती निश्चय वाचक सर्वनाम : इनमे वो शब्द या सर्वनाम आते हैं जो पास या निकट की वस्तुओं और व्यक्ति का बोध कराती हैं।

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उदाहरण : यह मेरी पेन्सिल है। ये मेरा भाई है जिसके पास खिलौने हैं।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम (Indefinite Pronoun)

वो सर्वनाम शब्द जो किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं कराते या जिनसे किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं होता उन्हें अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे की – कुछ और कोई।

उदाहरण :

  • कोई तो होगा जिस ने ये प्रश्न सॉल्व किया होगा।
  • अभी नए प्रोजेक को लेकर कुछ तय नहीं हुआ है।
  • कोई उसे बताओ की उसकी साईकिल रमेश ले गया है।
  • उसने सुबह से कुछ नहीं खाया।
  • क्या कोई मेरे साथ इस काम को खतम कर सकता है।

आप ने ध्यान दिया होगा की कुछ ‘शब्द-समूह’ भी अनिश्चय सर्वनाम के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। जैसी कि –

1. कुछ न कुछ,
2. कोई न कोई,
3. सब कुछ,
4. हर कोई,
5. कुछ भी,
6. कुछ-कुछ आदि।

उदाहरण : उसे इस बारे में कुछ न कुछ तो अवश्य पता होगा।

संबंधवाचक सर्वनाम (Relative Pronoun)

समबन्ध वाचक सर्वनाम उन शब्दों को कहते हैं जिनसे एक सर्वनाम का दुसरे सर्वनाम शब्द से संबंध स्थापित किया जा सकता हो। या दुसरे शब्दों में समझें तो जिस सर्वनाम से एक शब्द या वाक्य का दूसरे शब्द या वाक्य से संबंध समझा जा सकता हो। जैसे : जो -सो, जैसा – वैसा, जिसकी – उसकी आदि ऐसे ही अनेक सर्वनाम संबंध वाचक सर्वनाम में आते हैं।

उदाहरण :

  • जैसा कर्म करोगे वैसा फल मिलेगा।
  • जैसी करनी वैसी भरनी।
  • जो सोवेगा सो खोवेगा जो जागेगा सो पावेगा।
  • जो बच्चे परिश्रम करते हैं वो सफल होते हैं।
  • जिसकी लाठी उसकी भैंस।
  • ये वही ड्रेस है जिसे मैं काफी दिनों से ढून्ढ रही थी।
  • जो पहले आएगा वो पहले पाएगा।

प्रश्नवाचक सर्वनाम (Interrogative Pronoun)

वो सर्वनाम शब्द जिनका इस्तेमाल प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है, उन्हें ही प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिन सर्वनाम शब्दों से प्रश्न का बोध होता हो वो प्रश्नवाचक सर्वनाम माने जाएंगे। जैसे कि – क्या, कौन, कैसे, कहाँ, कब आदि ऐसे अन्य शब्द जो प्रश्न का बोध कराते हैं उन्हें प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं।

उदाहरण :

  • श्याम कहाँ गया है ?
  • सरोवर के पास किसका घर है ?
  • आप को आज ही क्यों जाना है ?
  • हमारी नयी क्लास टीचर का नाम क्या है ?
  • यहाँ पड़ा ये खुलौना किसका है ?
  • हमारे देश के राष्ट्रपति कौन हैं ?
  • आप कब आये ?
  • टीवी के आगे क्या गिरा है ?

निजवाचक सर्वनाम (Reflexive Pronoun)

जो शब्द तीनों पुरुषों अर्थात – उत्तम पुरुष, माध्यम पुरुष व अन्य पुरुष में निजत्व का बोध कराएं, उन्हें ही निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे कि – अपने आप, स्वतः, स्वयं या खुद आदि शब्द, जिनसे निजत्व का बोध हो। ऐसे सर्वनाम शब्दों का प्रयोग किसी संज्ञा अथवा सर्वनाम के निश्चय हेतु, अन्य व्यक्ति के निराकरण हेतु, सर्वसाधारण के अर्थ में होता है।

उदाहरण :

  • मैं स्वयं इस कार्य को कर सकता हूँ।
  • वो औरों को नहीं , खुद को इसका जिम्मेदार समझता है।
  • बच्चे थोड़े बड़े होने पर अपने आप स्कूल जाने लग जाते हैं।
  • मनोज खुद जाकर पूजा का सामान ले आया।
  • सावित्री अपने चाचाजी के यहाँ चली गयी।

सर्वनाम और इसके प्रकार (संक्षेप में)

कर्म संख्या सर्वनाम प्रकार और पहचान उदाहरण
1 पुरुषवाचक(a) उत्तम पुरुष – मैं; हम/हमलोग
(b) मध्यम पुरुष – तू, तुम, आप; तुमलोग, आपलोग
(c) अन्य पुरुष – यह, ये, वह वे; ये लोग, वे लोग
1 – मैं घर तुम्हारे साथ चलूँगा।
2 – क्या आप सभी मेरे कार्य में हाथ बटाएंगे।
3 – वे लोग आज अपने घर लौट जाएंगे।
2 निश्चयवाचक(a) निकटवर्ती – यह, ये
(b) दूरवर्ती – वह, वे
1 – यह किताबें उस बैग में रख दो।
2 – वह जग मेज से हटा दो।
3 अनिश्चयवाचक(a) प्राणि बोधक – कोई
(b) वस्तु बोधक – कुछ
1 – शायद कोई उसे लेने गया है।
2 – कुछ तो बात हुई है वर्ना वो यूँ न जाती।
4 सम्बन्धवाचकजो, सोजो सोएगा वो खोएगा।
5 प्रश्नवाचक(a) प्राणि बोधक-कौन; कौन-कौन
(b) वस्तु बोधक-क्या; क्या-क्या
1 – आज कौन कौन सिनेमा देखने जाएगा ?
2 – आज डिनर में क्या क्या बनाया ?
6 6. निजवाचकआपआप को ही इस कार्य को खत्म करना होगा।

सर्वनाम के भेद से संबंधित प्रश्न उत्तर

सर्वनाम क्या होता है? सर्वनाम की परिभाषा क्या है?

सर्वनाम वो शब्द होते हैं, जिन शब्दों का प्रयोग संज्ञा अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान आदि, के नाम के स्थान पर करते हैं। इसके अंतर्गत मैं, तुम, तुम्हारा, आप, आपका, इस, उस, यह, वह, हम, हमारा, आदि शब्द आते हैं।

सर्वनाम कितने प्रकार के होते हैं?

सर्वनाम 6 प्रकार के होते हैं – पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम और निजवाचक सर्वनाम।

11 सर्वनाम शब्द कौन कौन से हैं?

मै, तू, आप, यह, वह, जो, सो, कौन, क्या, कोई और कुछ ये सभी मौलिक सर्वनाम कहलाते हैं। 

सर्वनाम के कुछ उदाहरण बताइए?

सर्वनाम के 10 उदाहरण – मैं, वह, उसे, आप, हम, उसे, उसका, तुम्हारा, उनका, कोई, जहाँ, उसका, कब, किसका, एक दूसरे का, हर कोई, कोई नहीं, प्रत्येक, कहीं भी, कोई भी, कुछ भी नहीं, इत्यादि सर्वनाम के उदाहरण हैं।

आज आप ने इस लेख में सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण आदि के बारे में जानकारी पढ़ी। उम्मीद है आप को ये जानकारी उपयोगी लगी होगी। यदि आप ऐसे ही अन्य लेखों को पढ़ना चाहते हैं तो हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।

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