पॉक्सो एक्ट क्या है | POCSO Act in Hindi | सजा | जमानत व फुल फॉर्म के बारे में जानकारी

दोस्तों आपने शोषण शब्द तो सुना ही होगा यह नाम सुन के हमें बहुत गुस्सा और हमारे मन में डर का अनुभव होता है। हमारे देश हर दिन बच्चों का शोषण किया जाता है और हम कुछ भी नहीं कर पाते। वे लोग छोटे बच्चों का शोषण कर उनकी मासूमियत का फायदा उठाते है और ... Read more

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Reported by Dhruv Gotra

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दोस्तों आपने शोषण शब्द तो सुना ही होगा यह नाम सुन के हमें बहुत गुस्सा और हमारे मन में डर का अनुभव होता है। हमारे देश हर दिन बच्चों का शोषण किया जाता है और हम कुछ भी नहीं कर पाते। वे लोग छोटे बच्चों का शोषण कर उनकी मासूमियत का फायदा उठाते है और यौन शोषण करते है। पहले आपने कभी नहीं सुना होगा की छोटे बच्चे का यौन शोषण किया गया परन्तु अब यह मामले हर दिन सुनने को मिलते है। इस समस्या में ध्यान केंद्रित कर सरकार ने समस्या से चिंतित होकर समस्या का समाधान निकालने के लिए देश में पॉक्सो एक्ट को लागू कर दिया है।

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पॉक्सो एक्ट क्या है | POCSO Act in hindi | सजा | जमानत व फुल फॉर्म के बारे में जानकारी
पॉक्सो एक्ट क्या है | POCSO Act in hindi

जिसके तहत बाल शोषण के मामलों को कम किया जायेगा तथा जो भी बाल शोषण करेगा उसको इसके तहत कठोर सजा दी जाएगी। बच्चों को सुरक्षा प्रदान हो सके इसके तहत पॉक्सो एक्ट बनाया गया है। दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल में पॉक्सो एक्ट क्या है | POCSO Act in Hindi | सजा | जमानत व फुल फॉर्म के बारे में पूरी जानकारी आपके साथ साझा करेंगे।

पॉक्सो एक्ट क्या है? what is POCSO act.

बच्चों के साथ यौन अपराधों की घटना ना हो सकते तथा ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सरकार ने पॉक्सो एक्ट को देश में लागू कर रखा है। इस एक्ट में यौन शोषण, पोर्नोग्राफी तथा यौन उत्पीड़न से सुरक्षा के लिए प्रावधान बनाये हुए है। पॉक्सो एक्ट को 2012 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा enacted (अधिनियमित) किया गया था।

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इस एक्ट के जरिये यौन शोषण, पोर्नोग्राफी तथा यौन उत्पीड़न जैसे अपराधों के विपरीत कड़े कानूनों के प्रावधान बनाये गए है ताकि कोई भी व्यक्ति किसी शोषण करने से पहले सौ बार सोचे। तथा मासूम बच्चों को यौन शोषण होने से रोका जाये और उनका सुरक्षा प्रदान हो सके।

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POCSO Act की फुल फॉर्म क्या है?

PROTECTION OF CHILLDREN AGAINST SEXUAL OFFENCE POCSO Act का फुल फॉर्म है। इसका अर्थ हिंदी में यौन अपराधों के खिलाप बच्चों की सुरक्षा कहा जाता है। POCSO Act के तहत यदि किसी भी बच्चे के साथ अश्लीलता की जाती है या उसके साथ यौन शोषण किया जाता है तो उनके सुरक्षा के लिए इस एक्ट को लागू किया है की हमारे देश में ऐसे अपराध ना हो।

बच्चों के साथ यौन अपराध को रोकने के काम आयेगा POCSO Act

यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे के साथ गलत हरकतें, अश्लिलीलता या उस बच्चे का यौन शोषण करता है तो उस व्यक्ति को पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत कठोर सजा दी जाती है जो बहुत कड़े प्रावधान के तहत बने हुए होते है। इस एक्ट के अंतर्गत यौन शोषण, पोर्नोग्राफी तथा यौन उत्पीड़न के अपराधों को शामिल किया गया है। इन किये गए अपराधों को रेप की श्रेणी में रखा गया है रेप का अर्थ की किसे के साथ जबरदस्ती यौन सम्बन्ध बनाना बल्कि रेप में इन अपराधों को भी शामिल किया गया है

जैसे- बच्चों को पोर्नोग्राफिक कंटेंट या अश्लील पोर्न मूवी को दिखाना, बच्चों के अंग को गलत तरीके से छूना, अश्लील हरकते करना, अपना प्राइवेट पार्ट दिखाना या अपने प्राइवेट पार्ट को बच्चों से टच करना या बच्चों के प्राइवेट पार्ट को छूना आदि। तथा ये सब हरकते करने वाले व्यक्ति को बहुत बड़ी सजा भुगतनी पड़ेगी।

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POCSO Act किस लिए आवश्यक है?

POCSO Act देश में लागू बहुत ही मुख्य उद्देश्य से किया गया है। हम सभी को पता है की बच्चे कितने सच्चे होते है उनको तभी भगवान का रूप कहा जाता है वे मानसिक तथा शारीरिक रूप से अविकसित होते है उनको ये पता नहीं चल पता की हमारे साथ कोई अच्छा कर रहा है।

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या बुरा कर रहा है वे सही तरीके से बुरी घटनाओं को बता नहीं सकते और अगर जिन बच्चों को यह पता भी चल जाता है की हमारे साथ कोई बुरा कर रहा है तो कई बच्चे डर के कारण ये बातें अपनी फैमिली को नहीं बता पाते है की हमें डांट या मार पड़ेगी। दोस्तों आज कल लोग बच्चों की मासूमियत का फायदा उठा कर उलटे काम करते है। पहले तो इसमें लड़कियों के साथ यौन शोषण किया जाता है परन्तु आज कल नाबालिग लड़कों की यह बहुत खबर आ रही है। इस एक्ट के तहत इन अपराधों को करने वाले व्यक्ति को कठोर सजा दी जाती है। ताकि ऐसा काम कोई आगे चलकर ना करें।

POCSO Act Classification (वर्गीकरण)

POCSO Act बाल सुरक्षा के लिए बनाया गया प्रावधान है। इससे अंतर्गत 18 आयु के छोटे बच्चों जो नाबालिग होते है उनको संरक्षित किया जाता है। POCSO Act के तहत बच्चों के साथ यौन अपराधों को रोकने के लिए तथा जो कोई किसी बच्चे के साथ अश्लीलता करता है उसके लिए कड़ी सजा का प्रावधान हेतु नियम बनाये हुए है। बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध की घटनाओं को पोक्सो अधिनियम के अंतर्गत 2 श्रेणी में रखा गया है।

  1. 12 साल से कम आयु के बच्चों में यौन अपराध:- यदि किसी व्यक्ति द्वारा 12 साल से कम नाबालिग आयु के बच्चे के साथ यौन अपराध या रेप किया गया हो और यदि वह अपराध सिद्ध हो जाये की इसी व्यक्ति ने ऐसा घिनौना काम किया है तो उसे POCSO Act के अंतर्गत हमेशा के लिए कारावास और मृत्युदंड की सजा मिल जाएगी।
  2. 12 साल से अधिक आयु के बच्चों में यौन अपराध:- यदि कोई व्यक्ति 16 साल के बच्चे के साथ यौन अपराध करने में पकड़ा गया और तो उसे POCSO Act के तहत 10 साल और ज्यादा 20 साल के लिए उस व्यक्ति के कड़ी सजा का प्रावधान किया जायेगा।

POCSO Act में बदलाव

POCSO अधिनियम 2012 में पारित किया गया था। तथा जब इस अधिनियम में जो भी नियम तथा प्रावधान रहे होंगे उनमे वर्तमान समय में सरकार द्वारा बदलाव किया गया है। पहले ये प्रावधान कठोर तो थे परन्तु इतने नहीं पर अब वर्तमान समय में सरकार द्वारा इसमें बदलाव किया गया।

पहले वाले कानूनों को और कठोर कर दिया गया है ताकि नाबालिग बच्चों के साथ यौन अपराध जैसी घटनाएं न हो पाए। पहले नाबालिग लड़कियों के साथ हुए यौन अपराध या रेप को POCSO Act के तहत उस अपराधी के लिए सजा का प्रावधान किया जाता था। वही दोस्तों अपने सुना होगा की ऐसी घिनौनी हरकतें आजकल नाबालिग लड़कों के साथ भी हो रही है इसी समस्या का निवारण के लिए सरकार द्वारा अब नाबालिग लड़कों के साथ होने वाले यौन अपराधों को POCSO Act के अंतर्गत जोड़ा गया है।

पहले नाबालिग लड़कों के साथ हो रही अश्लीलता या यौन अपराध के लिए कोई भी कानून नहीं बनाया गया था लेकिन अब इन मामलों को भी इसमें शामिल कर दिया गया है। POCSO Act के तहत यदि कोई अपराधी 12 साल से कम आयु की बच्ची के साथ रेप जैसी घटना करता है तो उसे अधिनियम के तहत फांसी की सजा दी जाएगी।

पोक्सो अधिनियम की मुख्य विशेषताएं

सरकार द्वारा पोक्सो अधिनियम में मुख्य विशेषताएं में निम्न प्रकार से है-

  • किसी नाबालिग के साथ यौन अपराधों की घटना आने पर POCSO Act के अंतर्गत पुलिस द्वारा घटना को दर्ज किया जायेगा।
  • POCSO Act के तहत यदि कोई व्यक्ति 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिक बच्चे के साथ यौन अपराध करता है तो उसे अधिनियम के तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया जायेगा।
  • यदि किसी नाबालिग लड़की के साथ कोई अपराधी रेप करता है तो महिला चिकित्सक द्वारा उस लड़की की मेडिकल जाँच की जाएगी और इसमें ऐसी जांचे की जाएगी जिससे बच्ची को कोई दर्द या तकलीफ न हो। और जो जाँच की जाएगी वो बच्ची के माता-पिता के देखरेख में होगी।
  • अब फिजिकल रिलेशन बनाने की उम्र को 16 साल से बढ़ाकर 18 साल भारतीय दंड संहिता 1860 के अंतर्गत किया गया है।
  • जब भी कोई यौन अपराध की घटना आएगी तो पुलिस द्वारा उस घटना को दर्ज करके इसकी मुख्य कार्यवाही अदालत में की जाएगी। और जो घटना से पीड़ित बच्चे है वो अपने अभिभावक के साथ रहेंगे जब कार्यवाही होगी और होने वाली कार्यवाही को सी.सी.टी.वी में रिकॉर्ड किया जायेगा।
  • यदि 18 साल से कम आयु की लड़की की शादी हो जाती है और उसके साथ उसकी इच्छा के बिना फिसिकल रिलेशन बनाये जाते है तो POCSO Act के तहत इसे भी अपराध ही माना जायेगा।
  • यदि किसी बच्चे के साथ यौन अपराध जैसी घटना होती है और वह शारीरिक और मानसिक रूप से दिव्यांग है तो अदालत में अनुवादक उसके अभिभावक या कोई विशेष शिक्षक या विशेषज्ञों की मदद ली जाएगी तथा कार्यवाही जब होगी उसकी विडिओ रिकॉर्ड की जाएगी।
  • बाल यौन अपराध की घटना होने पर 24 घंटे होने से पहले यह सूचना बाल कल्याण समिति को बतानी होगी और पुलिस द्वारा इसमें मामला दर्ज किया जायेगा।
  • यह जो एक्ट है इसमें पुनर्वास भी शामिल है, इसमें पीड़ित बच्चे के लिए कल्याण समिति द्वारा मुआवजे को भी शामिल किया गया है।
  • पीड़ित बच्चों को जिनके साथ यौन अपराध हुआ है उनको अदालत में मुफ्त क़ानूनी सहायता प्रदान की जाएगी।
  • यौन शोषण के अपराधों को शारीरिक संपर्क को भी शामिल किया गया है या नहीं वो POCSO Act के प्रावधानों में बताया गया है।

पॉस्को अधिनियम से कैसे बचें

पॉस्को अधिनियम से कोई भी अपराधी नहीं बच सकता। यदि इसमें पीड़ित की आयु 18 से ज्यादा है तो तब ही यह धारा हट सकती है। वरना POCSO Act से किसी भी जुर्मी को नहीं बचाया जा सकता है क्योंकि ये अधिनियम बने ही इस अपराधों के लिए है की सजा तो मिलनी ही मिलनी है इसलिए यह जुर्म करने से पहले सौ बार सोचें।

पॉक्सो एक्ट क्या है से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

पॉक्सो एक्ट क्या है?

बच्चों के साथ यौन अपराधों की घटना ना हो सकते तथा ऐसे अपराधों को रोकने के लिए सरकार ने पॉक्सो एक्ट को देश में लागू कर रखा है।

POCSO अधिनियम को कब पारित किया गया था?

POCSO अधिनियम 2012 में पारित किया गया था।

POCSO Act की फुल फॉर्म क्या है?

POCSO Act की फुल फॉर्म- PROTECTION OF CHILLDREN AGAINST SEXUAL OFFENCE है।

पॉक्सो एक्ट क्यों बनाया गया है?

बच्चों के साथ यौन अपराधों की घटना से सुरक्षा प्रदान हो सके इसके तहत पॉक्सो एक्ट बनाया गया है

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