दोस्तों व्यक्ति के जीवन में शिक्षा का कितना महत्व है ये आप सभी को तो पता होगा। आजकल के ज़माने में शिक्षा का बहुत महत्व बढ़ गया है आजकल हर किसी व्यक्ति का शिक्षित होना जरूरी है ये तो आप जान ही गए होंगे। भारत सरकार द्वारा शिक्षा के महत्व को समझते हुए RTE Act 2009 को पारित किया गया।
यह अधिनियम बच्चों को शिक्षा के अधिकार का अधिकार प्रदान करता है। 6 से 18 वर्ष के उम्र के बच्चों को RTE Act 2009 के तहत निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा प्रदान की जाएगी। देश को तरक्की के रास्ते पर ले जाने के लिए हर किसी मानव का शिक्षित होना अतिआवश्यक है इस लिए सबसे पहले शिक्षा के क्षेत्र को बढ़ावा देना होगा।
दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में आपको RTE Act 2009 in Hindi – शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के विषय में आपको जानकरी देंगे।
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शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
दोस्तों शिक्षा के अधिकार अधिनियम को 4 अगस्त 2009 को संसद में अधिनियमित किया गया था तथा RTE Act 2009 को 1 अप्रैल 2010 को पारित का दिया गया था। यह अधिनियम बच्चों की शिक्षा से सम्बंधित बनाया गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत 6 से 14 आयु के देश के सभी बच्चों को निशुल्क (मुफ्त) में शिक्षा पढ़ाई जाएगी।
इस अधिनियम (एक्ट) के जरिये देश के असंगठित वर्ग तथा आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चे भी अब शिक्षा ग्रहण कर सकते है इस अधिनियम में देश की कितनी भी प्रकार की जाति या धर्म के बच्चे हो उन सब को शामिल किया जायेगा। इस अधिनियम के तहत अब देश में कोई भी बच्चा अशिक्षित नहीं रहेगा सबको शिक्षित होने का अधिकार मिलेगा। देश में जब यह अधिनियम लागू होगा तब हमारा देश का नाम भी विश्व के 135 देशों की श्रेणी में आ जायेगा। आपको बता दे कि RTE Act 2009 में 38 धाराएं तथा 7 अध्याय है।
RTE Act 2009 में जम्मू-कश्मीर को छोड़ के 1 अप्रैल 2010 में देश के सभी राज्यो में को लागू किया गया है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में 86वां संविधान संसोधन 2002 को Modified (संसोधित) कर दिया गया था। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के बारे में विस्तार से जानें।
RTE Act 2009 of Key Highlights
Article का नाम | RTE Act 2009 |
लाभार्थी | देश के 6 से 14 आयु के गरीब बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर हो |
RTE Act की शुरुआत | भारत सरकार द्वारा |
विभाग | स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग |
उद्देश्य | देश के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त करवाना उन्हें निशुल्क शिक्षा देना |
संसद द्वारा पारित हुआ | 4 अगस्त 2009 |
RTE Act शुरू हुआ | 1 अप्रैल 2010 |
आधिकारिक वेबसाइट | dsel.education.gov.in |
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लाभ एवं विशेषताएं
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के लाभ एवं विशेषताएं निम्न प्रकार से नीचे बताई गयी है।
- राइट टू एजुकेशन को संसद द्वारा 4 अगस्त 2009 को पारित (passed) किया गया था।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE Act) के तहत देश के सभी बच्चो को मुफ्त (निशुल्क) में शिक्षा दी जाएगी।
- RTE 2009 अधिनियम में 6 से 14 वर्ष के बच्चों को मुफ्त शिक्षित किया जायेगा।
- दोस्तों आपको पता है जो कानून समवर्ती सूची का विषय है वो भारतीय शिक्षा के अंतर्गत है। तथा इनमे कानून बनाने का अधिकार राज्य एवं केंद्र सरकार को होता है।
- 1990 में राम मूर्ति समिति की जो रिपोर्ट आयी थी वह रिपोर्ट भी शिक्षा के अधिकार की प्रथम ऑफिसियल डाक्यूमेंट्स थी।
- शिक्षा अधिकार अधिनियम संसद में 4 अगस्त 2009 में संसोधित किया गया था।
- RTE Act 2009 में जम्मू-कश्मीर को छोड़ के 1 अप्रैल 2010 में देश के सभी राज्यो में को लागू किया गया है। तथा यह अधिनियम भी मौलिक अधिकार में शामिल हो जायेगा तथा हमारा देश का नाम भी विश्व के 135 देशों की श्रेणी में आ जायेगा।
- इस अधिनियम के तहत अन्य जानकारियां भी साझा की जाती है जैसे-राज्य एवं केंद्र वित्तीय की जिम्मेदारी आदि।
- RTE Act 2009 के तहत यदि कोई बच्चा दिव्यांग है जो विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने आता है तो अधिनियम के तहत बच्चों की उम्र को 14 से 18 तक बढ़ा दिया गया है।
- RTE Act 2009 के अंतर्गत आप किसी भी बच्चे को मानसिक उत्पीड़न या शारीरिक दंड नहीं दे सकते है यह अपराध (निषेध) माना जायेगा।
- इस अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को विद्यालयों में मुफ्त (निशुल्क) में शिक्षा प्रदान की जाएगी और यदि कोई स्कूल या व्यक्ति पढ़ाने के स्थान पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत आपसे महंगी फीस या फीस लेता है तो इस स्थिति में उसे दंड दिया जायेगा और विद्यालय को 10 गुना फीस का भुगतान करना पड़ेगा।
- इस अधिनियम के तहत शिक्षा के क्षेत्र में सुधार किया जायेगा शिक्षा में गुणवत्ता लायी जाएगी तथा स्कूलों में बेसिक पैरामीटर्स को स्थापित किया जायेगा। जिन स्कूलों को शिक्षा के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त नहीं है, उन स्कूलों को मान्यता प्राप्त कराई जाएगी।
- आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे जो गैर अल्पसंख्यक निजी गैर सहायता प्राप्त विद्यालय में पढ़ते है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत कहा गया है कि इन बच्चों का जब प्रवेश होगा तो इनके लिए 25% सीटों को आरक्षित किया जायेगा।
- यदि सरकार द्वारा किसी स्कूल की मान्यता को रद्द किया जाता है और वह स्कूल फिर भी चलाया जाता है तो इस स्थिति में विद्यालय को दंड मिलेगा तथा उसे भुगतान के रूप में 1 लाख तथा 10,000 हर दिन देने होंगे।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के उद्देश्य
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के उद्देश्य निम्न प्रकार है-
- बच्चों के लिए केंद्रित शिक्षा प्रणाली की शुरुवात भी RTE Act 2009 के अंतर्गत की गयी है।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के कुछ नियम भी है इसमें जो भी अध्यापक स्कूल में पढ़ाएंगे वो प्राइवेट ट्यूशन नहीं पढ़ा सकते।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत यदि कोई बच्चा विकलांग है और वह स्कूल पढता है, उस बच्चे के लिए आयु को 14 वर्ष 18 वर्ष बढ़ा दी जाएगी।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अंतर्गत आप किसी बच्चे को शारीरिक तथा मानसिक उत्पीड़न में तनावहीन नहीं कर सकते है।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 देश में इसलिए पारित किया गया है ताकि देश के प्रत्येक क्षेत्र के 6 से 14 आयु के बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर है असंगठित क्षेत्र में आते है उनको अधिनियम के तहत मुफ्त में शिक्षा प्राप्त हो सके और अपने जीवन का विकास कर सके।
- आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण बच्चे अपनी शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते उनको शिक्षित होने का मौका नहीं मिल पाता है परन्तु अब RTE Act 2009 के तहत हर बच्चा अपनी शिक्षा को पूरा करने में समर्थ हो पायेगा।
- इस अधिनियम के तहत कोई स्कूल बच्चे या बच्चे के माता-पिता से कोई किसी प्रकार का इंटरव्यू लेते है तो उस स्कूल को दंड भुगतना पड़ेगा उसे 25 हजार का भुगतान करना पड़ेगा।
- यदि भुगतान करने पर वह विद्यालय फिर से वह गलती करता है तो उसे 25 हजार के जुर्माने के बदले 50 हजार का जुरमाना देना पड़ेगा।
- अधिनियम के तहत जो बच्चे विद्यालयों में पढाई कर रहे है उन बच्चों के पढाई की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी। केंद्र सरकार द्वारा उनको निशुल्क पढ़ाया जाएगा।
RTE Act 2009 के 7 कौन से अध्याय है?
- अध्याय 1- प्रारंभिक
- अध्याय 2- बालक का शिक्षा का अधिकार
- अध्याय 3- समुचित सरकार स्थानीय प्राधिकारी माता-पिता के कर्त्तव्य
- अध्याय 4- विद्यालय एवं शिक्षकों के कार्य कर्तव्य एवं अधिकार
- अध्याय 5- प्रारंभिक शिक्षा एवं पाठ्यक्रम
- अध्याय 6- शिक्षा अधिकार का संरक्षण
- अध्याय 7- प्रकीर्णन (विस्तार)
RTE Act 2009 के अनुच्छेद
दोस्तों RTE Act 2009 शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के कुल अनुच्छेद आपको पढ़ने को मिलेंगे। जो निम्न प्रकार है-
- निशुल्क अनिवार्य शिक्षा का अधिकार 2009
- उपधारओं का उल्लेख
- बालक का निःशुल्क अनिवार्य शिक्षा का अधिकार
- प्रवेश नहीं दिए गए बच्चे को या जिन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पूरी नहीं की है उनके लिए उप्रबंधन
- समुचित सरकार का विद्यालय पूर्व शिक्षा के लिए व्यवस्था
- माता-पिता का कर्तव्य
- समुचित सरकार से करता
- अन्य विद्यालयों में स्थानांतरण का अधिकार
- केंद्र और राज्य सरकार इस अधिनियम के उपबंधों को लागू और निधियां उपलब्ध कराएंगे।
- 3 वर्ष के भीतर बुनियादी ढांचा तैयार करना होगा निर्धारित सीमा में विद्यालय तैयार होना चाहिए।
- शिक्षकों के खाली पद भरना
- प्रवेश धरना आयु
- दुर्बल तथा अलाभित सूमह के लिए नजदीकी निजी विद्यालयों में 25% आरक्षण दिया जायेगा।
- प्राइवेट टूशन का शिक्षण नहीं करेगा।
- प्रवेश के लिए किसी प्रति व्यक्ति 30 अनुवीक्षक प्रक्रिया न होना।
- शिक्षकों को जनगणना, आपदा राहत, चुनावी प्रक्रिया के आलावा किसी गैर परियोजना के लिए अभियोजित नहीं किया जायेगा।
- बालक प्रारम्भ में या विहित समय 6 माह तक कभी भी प्रवेश ले सकता है।
- पाठ्यक्रम और मूल्यांकन
- परीक्षा समापन प्रमाण पत्र
- मान्यता प्रमाण पत्र के लिए बिना किसी विद्यालय का स्थापित किया जाना
- बच्चों के शिक्षा के अधिकार को मॉनिटर करना।
- विद्यालय के मान-मानक
- अनुसूची का संसोधन करने की शक्ति
- शिकायतों को दूर करना 3 महीने के अंदर-अंदर
- प्रत्येक विद्यालय में एक विद्यालय समिति का गठन करेगा जिसमे 75% या फिर 3/4 संरक्षक और 50% महिलाओं को भागीदारी होगी।
- राष्ट्रीय सलाहकार परिषद्
- विद्यालय प्रबंधन समिति एक विद्यालय विकास योजना बनाएगी
- राज्य सलाहकार परिषद्
- शिक्षकों की नियुक्ति के लिए योग्यताएं और शर्तें।
- छात्र शिक्षक अनुपात
- निर्देश जारी करने की शक्ति
- अभियोजन के लिए पूर्व मंजूरी
- शिक्षकों के कर्तव्य और शिकायतों को दूर करना।
- सद्भाव पूर्वक की गयी कार्यवाही के लिए संस्थान।
- बच्चों के शारारिक दंड एवं मानसिक उत्पीड़न का प्रतिरोध
- विद्यालय में किसी के द्वारा भी बच्चे को किसी भी कक्षा में प्रवेश से रोका नहीं जाएगा और न ही बच्चे को निकला जाएगा।
- समुचित सरकार के नियम बनाने की शक्ति।
शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रावधान
शिक्षा अधिकार अधिनियम के प्रावधान कुछ इस प्रकार है-
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम के प्रावधान के तहत जो भी बच्चे विद्यालय नहीं जाते है उनको उनके वर्ष के हिसाब से कक्षाओं में प्रवेश दिलाया जायेगा।
- Article 21-A है इसमें 6 से लेकर 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क (मुफ्त) शिक्षा प्रदान की जाएगी। भारतीय सविधान में 2 दिसंबर 2002 को 86 संसोधन कर जोड़ा गया था।
- इस अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर सभी बच्चों को निःशुल्क और अच्छी गुणवता में शिक्षा दी प्रदान की जाएगी।
RTE Act 2009 का महत्व
शिक्षा अधिकार अधिनियम के महत्व कुछ इस प्रकार है।
- RTE Act 2009 के अंतर्गत शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चो की बोर्ड परीक्षा नहीं होगी जब तक वे बच्चे अपनी प्राथमिक शिक्षा को पूरा नहीं कर देते है।
- इस अधिनियम के तहत शिक्षा का अधिकार हर वर्ग के बच्चे को दिया जायेगा जो आर्थिक रूप से कमजोर है। उनके लिए आरक्षण शीट भी होगी जिससे वे प्राइवेट स्कूलों में भी एडमिशन ले सकते है।
- निजी विद्यालयों में बुनियादी मानकों को स्थापित होने का कार्य भी शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत ही मिलता है।
- RIGHT TO EDUCATION ACT 2009 के अंतर्गत प्राइवेट विद्यालयों में 25% शीटों को 6 से 14 आयु के सभी बच्चे जो शिक्षा ग्रहण करने में असमर्थ रहते है उनके लिए रखी गयी है।
- शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत जिन विद्यालयों को मान्यता प्राप्त नहीं रहती है उनको भी मान्यता मिल जाती है चाहे वह कितना भी बड़ा विद्यालय हो या चाहे कितना ही छोटा क्यों न हो।
- शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत आर्थिक रूप से कमजोर गरीब परिवार के बच्चों को इस अधिनियम के अंतर्गत मुफ्त/निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार में छात्र अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करेगा। उसकी शिक्षा में कोई भी बाधा नहीं डाल सकता है।
सभी के लिए निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा
- शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी बच्चे को निशुल्क शिक्षा के अधिकार को प्राप्त करने से रोक नहीं सकता है।
- भारत सरकार द्वारा अधिनियम के तहत यदि कोई भी स्कूल 1 किलोमीटर के दायरे में पड़ता है तो उस स्कूल में प्रत्येक बच्चे को अनिवार्य शिक्षा तथा निशुल्क (मुफ्त) शिक्षा प्रदान की जाएगी।
- Compulsory एंड free education के अंतर्गत किसी भी स्कूल में विकलांग बच्चा पढता है तो उसे इस अधिनियम के तहत शिक्षा के लिए किताबे, स्टेशनरी तथा कपड़े (स्कूल ड्रेस) आदि को भी मुफ्त में दिया जाता है क्योँकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपने बच्चों को ढंग से पूरी पढाई कराएं।
- भारत में गोपाल कृष्ण गोखले जी द्वारा 18 मार्च 1910 में अनिवार्य शिक्षा तथा मुफ्त शिक्षा को ब्रिटिश विधान परिषद में अपना प्रस्ताव रखा जाता है।
RTE में एडमिशन प्रक्रिया ?
सबसे पहले तो आप सभी को यह बता देते है की हर एक विद्यालय में 25 % सीट RTE के तहत आरक्षित होती है। जिसके अंतर्गत केवल RTE के द्वारा ही एडमिशन किये जाते है। इसके तहत बहुत से विद्यालयों में बहुत से बच्चों ने आवेदन किया होता है। उन सभी बच्चों को एडमिशन देना मुश्किल होता है। इसलिए विद्यालय लॉटरी की मदद से बच्चों के नामो की घोषणा करते है। जिन बच्चों का नाम लॉटरी में आता है केवल उन बच्चों का ही एडमिशन होता है। उसके बाद वह उस बच्चे की एडमिशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 में लाभार्थी कौन होंगे?
देश के 6 से 14 आयु के गरीब बच्चे जो आर्थिक रूप से कमजोर हो
RTE Act 2009 के 7 कौन से अध्याय है?
RTE Act 2009 के 7 अध्याय ये है-
अध्याय 1- प्रारंभिक
अध्याय 2- बालक का शिक्षा का अधिकार
अध्याय 3- समुचित सरकार स्थानीय प्राधिकारी माता-पिता के कर्त्तव्य
अध्याय 4- विद्यालय एवं शिक्षकों के कार्य कर्तव्य एवं अधिकार
अध्याय 5- प्रारंभिक शिक्षा एवं पाठ्यक्रम
अध्याय 6- शिक्षा अधिकार का संरक्षण
अध्याय 7- प्रकीर्णन (विस्तार)
संसद द्वारा RTE ACT कब पारित हुआ था?
संसद द्वारा RTE ACT 4 अगस्त 2009 को पारित हुआ था।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का मुख्य उदेश्य क्या है?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत देश के सभी बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्राप्त करवाना उन्हें निशुल्क शिक्षा देना इसका मुख्य उद्देश्य है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की ऑफिसियल वेबसाइट क्या है?
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की ऑफिसियल वेबसाइट dsel.education.gov.in ये है।