निलंबित, बर्खास्त, सस्पेंड और डिसमिस में क्या अंतर होता है?

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Reported by Dhruv Gotra

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आज इस लेख में हम आप को निलंबित बर्खास्त सस्पेंड और डिसमिस में अंतर के संबंध में जानकारी देंगे। आप ने कभी न कभी इन शब्दों को सुना ही होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि निलंबित बर्खास्त सस्पेंड और डिसमिस में क्या अंतर होता है? यदि नहीं जानते तो आज ये लेख आप के लिए फायदे मंद होने वाला है। आइये जानते हैं कि difference between suspended, suspended and dismissed के बारे में। जानने के लिए इस लेख को पूरा अवश्य पढ़ें।

क्या होता है निलंबित (Suspend) होना ?

किसी कर्मचारी के निलंबित होने का अर्थ होता है कि उसे सस्पेंड कर दिया गया है। बता दें कि निलंबन को अंग्रेजी में Suspend कहा जाता है। और इन दोनों ही शब्दों का अर्थ एक ही होता है। निलंबित (Suspend) करने की अवधी कुछ दिनों से लेकर कुछ महीनों की हो सकती है।

निलंबन का अर्थ नौकरी से निकालना नहीं होता है। किसी कर्मचारी के निलंबित होने का अर्थ है कि वो अब कुछ दिन या महीनों (जो भी अवधि निर्धारित की गयी हो) के लिए कार्य नहीं करेगा। सामन्यतः किसी कर्मचारी का निलंबन उसके विभाग द्वारा किया जाता है। और जिस भी आरोपों के कारण उस पर प्रतिबन्ध लगा है, उन आरोपों की जांच की जाएगी।

यदि कर्मचारी संबंधित आरोपों से बरी हो जाता है या उसे आरोपों का दोषी नहीं पाया जाता है तो उसे फिर से नौकरी पर बहाल किया जाता है। इससे समझा जा सकता है कि निलंबन के बाद भी नौकरी पर बहाल होने का अवसर होता है। ये विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के द्वारा किसी जूनियर कर्मचारी के ऊपर किसी गंभीर दोषों के आरोप के आधार पर उसे निलंबित करने का अधिकार होता है।

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ये एक प्रकार का दंड है। निलंबन की अवधी बहुत अधिक नहीं होती। बता दें कि इस दौरान (निलंबन के दौरान) संबंधित कर्मचारी का वेतन और महंगाई भत्ता आधा कर दिया जाता है। हालाँकि उसे वापस नौकरी पर बहाल होने के बाद पूरी सैलरी और महंगाई भत्ता मिलने लग जाता है।

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निलंबित, बर्खास्त, सस्पेंड और डिसमिस में क्या अंतर होता है? Difference Between Suspended, Suspended and Dismissed

जानिये बर्खास्त (Dismissed) का मतलब क्या होता है ?

बर्खास्त का अर्थ होता है कि किसी कर्मचारी को उसके पद से हटाना यानी नौकरी से ही हटा देना। इसे अंग्रेजी में Dismiss कहते हैं। सामान्य तौर पर किसी कर्मचारी को बर्खास्त तब किया जाता है जब उस पर लगे आरोपों की पुष्टि हो जाती है। जैसे की आप ने लेख में पहले पढ़ा की किसी कर्मचारी को जब सस्पेंड किया जाता है। तो उस दौरान उस पर लगे आरोपों की जांच की जाती है। इसी प्रकार जब वो निर्दोष साबित होता है तो उसे फिर से बहाल कर दिया जाता है। वहीँ यदि उसे दोषी पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में उसे नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाता है।

बर्खास्त होने पर कर्मचारी को फिर से बहाल नहीं किया जाता है। यही नहीं इसके अतिरिक्त उसे किसी प्रकार की सैलरी या महंगाई भत्ता नहीं मिलता। बर्खास्त हुआ व्यक्ति कहीं और भी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर सकता है। उसे कहीं भी सरकारी नौकरी करने की अनुमति नहीं होगी और न ही उसे किसी प्रकार का चुनाव लड़ने हेतु पात्र माना जाएगा।

जिस नौकरी से उसे बर्खास्त किया गया है उस नौकरी से मिलने वाली पीएफ की सुविधा भी नहीं मिलेगी। उसे सिर्फ ग्रेजुएटी ही मिलेगी। किसी भी विभाग के कर्मचारी को बर्खास्त करने का अधिकार संबंधित विभाग के वरिष्ठतम अधिकारी को होता है।

निलंबित बर्खास्त सस्पेंड और डिसमिस में अंतर से संबंधित प्रश्न उत्तर

ससपेंड क्या होता है ?

किसी कर्मचारी के ससपेंड होने का अर्थ होता है कि उसे कुछ समय के लिए उस पर लगे किन्ही आरोपों के चलते उसे कार्य करने की मनाही होती है। जो भी व्यक्ति सस्पेंड होता है यानी जिसे निलंबित होता है, तो उसे निर्धारित अवधि के लिए कार्य नहीं करना होता है और इस बीच उस पर लगे आरोपों की जांच की जाती है। सस्पेंड किये गए व्यक्ति के पास फिर से बहाल होने का अवसर होता है।

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Suspend होने पर क्या होता है ?

जिस व्यक्ति / कर्मचारी को सस्पेंड किया जाता है उसे सिर्फ आधी सैलरी मिलती है और साथ ही आधा महंगाई भत्ता। हालाँकि जैसे ही उस पर लगे आरोपों की जांच पूरी हो जाती है और उसे निर्दोष पाया जाता है, तो उसे फिर से उसकी नौकरी पर बहाल कर दिया जाता है। निलंबन सिर्फ कुछ समय के लिए ही होता है।

बर्खास्त होने का क्या मतलब है ?

बर्खास्त होने का अर्थ हुआ कि किसी व्यक्ति पर लगे आरोपों की जांच में उसे दोषी पाया जाता है और उसे उसके पद से हटा दिया गया है। बर्खास्त होने वाला कर्मचारी को फिर से बहाल नहीं किया जाता है।

Dismiss होने का मतलब और उस से क्या होता है ?

जब भी कर्मचारी को बर्खास्त / नौकरी से निकाला जाता है तो उसे ही dismissed करना कहते हैं। जो भी व्यक्ति डिसमिस किया जाता है उसे उसका वेतन और महंगाई भत्ता मिलना बंद हो जाता है। इसके अलावा उसे पीएफ भी नहीं दिया जाता है। सिर्फ ग्रजुएटी पर ही उसका हक़ होता है।

सस्पेंड और डिसमिस में अंतर क्या होता है ?

सस्पेंड होना मतलब निलंबित होना वहीँ डिसमिस होना मतलब नौकरी से बर्खास्त होना (नौकरी से निकलना) होता है। किसी कर्मचारी के निलंबित होने पर उसे आधा वेतन और महनगाई भत्ता प्रदान किया जाता है। वहीँ यदि कर्मचारी बर्ख़ास्त किया जाता है तो ऐसे में उसे किसी प्रकार का वेतन, भत्ता और पीएफ नहीं मिलता। निलंबित हुए व्यक्ति को फिर से बहाल किया जा सकता है जबकि बर्खास्त किये गए व्यक्ति को भाल नहीं किया जाता है।

आज इस लेख में आप ने निलंबित बर्खास्त सस्पेंड और डिसमिस में अंतर को समझा। उम्मीद है आप को ये लेख पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य उपयोगी लेखों को पढ़ने के लिए आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ से जुड़ सकते हैं।

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