हिन्दी व्याकरण में काल को बहुत महत्व दिया जाता है। क्योंकि किसी भी शब्द या वाक्य से क्रिया के काल के बारे में पता चलता है। जैसे कि क्रिया हो चुकी है, क्रिया हो रही है अथवा क्रिया आगे भविष्य में हो सकती है या होगी। इस लेख में हम आपको हिन्दी व्याकरण में काल की परिभाषा, काल के भेद या प्रकार और काल के उदाहरण के बारे में बताने जा रहे हैं। काल की परिभाषा और भेद के बारे में पूरी जानकारी के लिये इस लेख को अंत तक अवश्य पढें।
हिंदी व्यंजन, परिभाषा, भेद और सम्पूर्ण वर्गीकरण
काल की परिभाषा (Kaal in Hindi)
किसी भी भाषा में काल का अपना एक विशेष महत्व होता है। क्योंकि काल के प्रयोग से ही हमें क्रिया के होने के सही समय का ज्ञान होता है। हिन्दी व्याकरण में काल के प्रयोग से हमें क्रिया के घटित होने का पूर्ण अथवा अपूर्ण समय का ज्ञान प्राप्त होता है। दूसरे शब्दों में क्रिया के जिस रूप से क्रिया के होने का समय तथा उसकी पूर्णता या अपूर्णता का बोध होता हो, उसे ही हिन्दी व्याकरण में काल कहा जाता है। आसान भाषा में कहें तो काल के प्रयोग से हमें यह पता चलता है कि घटना या क्रिया हो रही है, हो चुकी है या आगे भविष्य में होगी। उदाहरण के तौर पर दिनकर अच्छा लिखते हैं, दिनकर अच्छा लिखते थे और दिनकर अच्छा लिखेंगे। इन तीनों वाक्यों में हमें क्रिया के अलग अलग काल का बोध हो रहा है।
काल के भेद और प्रकार
हिन्दी व्याकरण में काल के तीन भेद या प्रकार होते हैं। काल के भेद हैं-
- वर्तमान काल- जब क्रिया या घटना का वर्तमान समय में होना पाया जाता हो।
- भूतकाल- जब क्रिया के होने का समय घट चुका हो अथवा क्रिया का होना बीत चुके समय में होना पाया जाता हो।
- भविष्यत काल- जब क्रिया के होने का समय आने वाले समय अर्थात भविष्य में होना पाया जाता हो।
वर्तमान काल (Present Tense in Hindi)
वर्तमान काल की परिभाषा- वर्तमान काल क्रिया का वह रूप होता है जिसमें क्रिया के घटित होने का समय वर्तमान समय में पाया जाता हैं। वर्तमान काल की पहचान क्रिया के अन्त में कुछ वाक्यान्तों से की जाती है। जैसे कि- ता है, ती है, ते हैं, रहा है, रही है, रहे हैं इत्यादि। यदि किसी क्रिया के अन्त में यह शब्द पाये जाते हैं तो यह वर्तमान काल में प्रयुक्त होते हैं। वर्तमान काल के भी पांच भेद माने गये हैं। वर्तमान काल के पांच भेद इस प्रकार हैं-
वर्तमान काल के भेद
- सामान्य वर्तमान काल- वर्तमान काल के इस भेद में क्रिया का वर्तमान में होना पाया जाता है। उदाहरण के तौर पर-
- मैं खेलता हूं।
- मैं पढता हूं।
- तुम दौडते हो।
- सुरेश कार्यालय जाता है।
- रमेश विद्यालय जाता है।
- रानी मायके जाती है। आदि
- अपूर्ण वर्तमान काल- जब क्रिया वर्तमान काल में निरंतरता से हो रहा होता है। तो इसे अपूर्ण वर्तमान काल कहा जाता है। अपूर्ण वर्तमान काल में कार्य वर्तमान काल में ही सम्पन्न होना पाया जाता है। उदाहरण के तौर पर –
- हम गोवा जा रहे हैं।
- जानकी खाना खा रही है।
- सीता जा रही है।
- राम गाडी चला रहा है।
- श्याम सो रहा है।
- अर्जुन खाना बांट रहा है।
- गोपाल नाटक कर रहा है।
- संदिग्ध वर्तमान काल –वर्तमान काल के इस भेद में क्रिया का वर्तमान काल में ही होना पाया जाता है, लेकिन क्रिया के वास्तव में होने पर संदेह प्रकट किया जाता है। संदिग्ध वर्तमान काल में क्रिया के अंत में ता है, ती हैं, ते हैं, ता, ती, ते के साथ साथ वाक्य के अन्त में होगा, होगी, होंगे का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर-
- सलमान फिल्म देख रहा होगा।
- रोहित क्रिकेट खेल रहा होगा।
- पांच बज गये हैं, रोहित आता होगा।
- रोहिणी खाना बनाती होगी।
- संभाव्य वर्तमान काल – वर्तमान काल के इस भेद में कार्य के वर्तमान काल में घटित होने के साथ साथ वर्तमान काल में ही कार्य के पूर्ण होने की संभावना प्रकट होती है। उदाहरण के तौर पर-
- मैं आज पूरा लिख लूंगा।
- वह आज श्रीलंका से आया होगा।
- संभवत आज शाम तक बारिश होगी।
- आज्ञार्थ वर्तमान काल – वर्तमान काल के इस भेद में क्रिया के वर्तमान समय में घटित होने का आज्ञावाचक रूप पाया जाता है। आज्ञार्थ वर्तमान काल में क्रिया को वर्तमान समय में ही जारी रखने की आज्ञा का बोध होता है। उदाहरण के तौर पर-
- आलोक तू पढ।
- तुम दोनों बाजार जाओ।
- तुम सब घर चले जाओ।
- भरत तुम खाना खाओ।
- श्यामलाल गाडी धीरे चलाओ।
भूतकाल (Past Tense in Hindi)
भूतकाल की परिभाषा – जब क्रिया के किसी रूप से बीत चुके समय में क्रिया का घटित होना सूचित होता है तो इसे भूतकाल कहा जाता है। सामान्यत भूतकाल की पहचान इन वाक्यांतों से की जाती है- था, थे, थी, रहा था, रही थी, रहे थे आदि। जिस क्रिया के अन्त में यह शब्द प्रयोग किये जाते हैं वे भूतकाल में क्रिया के होने को स्पष्ट करते हैं। भूतकाल में भी 6 भेद पाये जाते हैं। भूतकाल के 6 भेद निम्नलिखित हैं-
भूतकाल के भेद
- सामान्य भूतकाल – भूतकाल के इस भेद में सामान्य तौर पर क्रिया का बीते हुये समय में होना पाया जाता है। लेकिन बीते हुये समय का निश्चित बोध नहीं हो पाता है। सामान्य भूतकाल में वाक्य के अंत में या, यी, ये, ए, ई, आ का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर-
- राजा पानी से नहाया।
- रानी ने खाना खाया।
- राजकुमार ने चश्मा पहना।
- राजकुमारी ने घोडा दौडाया।
- दरबारियों ने राजा का समर्थन किया।
- आसन्न भूतकाल – भूतकाल के इस भेद में क्रिया के पूरा होने का समय निकट ही पाया जाता है। आसन्न भूतकाल में क्रिया सन्निकट काल में ही समाप्त हो जाती है। इस प्रकार के वाक्यों में क्रिया का आरम्भ तो भूतकाल में ही होता है, लेकिन क्रिया का समापन वर्तमान काल के सन्निकट मालूम होता है। आसन्न भूतकाल में वाक्य के अंत में है, ई है, ए हैं, हैं, हो, हूं का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर –
- मैंने एक लेख लिखा है।
- रोशन ने अभी अभी खाना खाया है।
- नरेन्द्र अभी आया है।
- अमित ने अभी पानी पिया है।
- पूर्ण भूतकाल – जब किसी क्रिया को पूरा हो चुके बहुत समय बीत गया हो तो यह पूर्ण भूतकाल कहलाता है। पूर्ण भूतकाल में वाक्य के अन्त में था, थी, ई थी, थे, ए थे का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर-
- रमेश ने नरेन्द्र को पीटा था।
- हमने खाना खाया था।
- हम घूमने गोवा गये थे।
- घर में पानी भर गया था।
- अपूर्ण भूतकाल – जब हमें क्रिया के भूतकाल में आरम्भ होने का तो पता चलता है लेकिन क्रिया की समप्ति का पूरा बोध नहीं हो पाता है तो यह भूतकाल के अपूर्ण भेद में आता है। अपूर्ण भूतकाल में वाक्य के अंत में रहा था, रही थी, रहे थे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये-
- दामोदर खेल रहा था।
- हवा चल रही थी।
- बारिश हो रही थी।
- हम लोग घूमने जा रहे थे।
- संदिग्ध भूतकाल – क्रिया के जिस रुप से भूतकाल तो प्रकट हो किंतु क्रिया के होने में संदेह हो उसे संदिग्ध भूतकाल कहते हैं। संदिग्ध भूतकाल में क्रिया के घटित होने की निश्चितता का बोध नहीं होता है और यह आमतौर पर अनुमानित होता है। संदिग्ध भूतकाल में वाक्य के अंत में होगा, होगी, होंगे का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर-
- मंत्री ने कहानी सुनाई होगी।
- राजा को क्रोध आया होगा।
- नरेन्द्र झूठ बोल रहा होगा।
- राहुल घर पंहुच गया होगा।
- ममता स्कूल पंहुच गयी होगी।
- हेतुहेतुमद भूतकाल – भूतकाल के इस भेद में भूतकाल में होने वाली एक क्रिया दूसरी क्रिया के होने पर निर्भर करती है अर्थात किसी एक क्रिया का हेतु दूसरी क्रिया के पूरा होने का कारण बनता है। हेतुहेतुमद् भूतकाल में वाक्य के अन्त में ता, ते, ती का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के लिये-
- आज अगर छुट्टी होती तो मैं घूमने जाता।
- यदि दामोदर पढ लेता तो फेल न होता।
- यदि मैं समय पर न पंहुचता तो गाडी छूट जाती।
- यदि मैं छाता ले आता तो बारिश से नहीं भीगता।
वाक्य की परिभाषा, भेद और उदाहरण
भविष्यत काल (Future Tense in Hindi)
भविष्यत काल की परिभाषा – क्रिया के जिस स्वरूप से क्रिया के आने वाले समय में आरम्भ या समाप्त होने का बोध होता हो, तो इसे भविष्यत काल कहा जाता है। भविष्य काल में क्रियाओं के वाक्यांत में गा, गे, गी जोडा जाता है। उदाहरण के तौर पर –
- वह चला जायेगा।
- कमल नयन फिल्म देखेगा।
- विद्या स्कूल जायेगी।
- भारत की जनसंख्या में वृद्वि हो जायेगी।
इस काल के भी तीन भेद होते हैं। यह भेद क्रिया के घटित होने के समय और निरंतरता पर निर्भर करते हैं। यह तीनों भेद हैं –
भविष्यत काल के भेद
- सामान्य भविष्यत काल – सामान्य भविष्यत काल में क्रिया का होना आगे आने वाले समय में पाया जाता है। सामान्य भविष्य काल के वाक्यों के अन्त में एगा, ऐगी और ऐंगे जैसे शब्द जोडे जाते हैं। उदाहरण के तौर पर-
- हम खाना खायेंगे।
- सभी विद्यार्थी विद्यार्थी विद्यालय जायेंगे।
- नरेन्द्र खाना बनायेगा।
- खुशी एक गाना गायेगी।
- भारत में अगले वर्ष चुनाव होंगे।
- संभाव्य भविष्यत काल – जहां भविष्य में होने वाली क्रिया के बारे में संभावना अथवा इच्छा प्रकट की जाती है तो वहां संभाव्य भविष्यत काल का प्रयोग किया जाता है। संभाव्य भविष्यत काल के वाक्यों के अन्त में ए, ऐं, ओ, और उं जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर –
- संभवत आज बारिश आए।
- यह काम करने के बाद मैं क्या करूं।
- शायद आज मेरा मित्र विदेश से भारत आए।
- संभव है कि अगले वर्ष तक भारत जनसंख्या के मामले में चीन से आगे निकल जाए।
- हेतुहेतुमद भविष्यत काल – जब भविष्य काल में किसी एक क्रिया के होने पर दूसरी क्रिया का होना निर्भर हो तो इसे हेतुहेतुमद भविष्यत काल कहा जाता है। हेतुहेतुमद भविष्यत काल में एक क्रिया दूसरी क्रिया के होने पर ही आरोपित होती है। उदाहरण के तौर पर –
- यदि बस समय पर आयेगी तो मैं घर जल्दी पंहुच जाउंगा।
- यदि ड्राईवर आयेगा तो ही बस चल पायेगी।
- असावधानी से नदी में तैरोगे तो डूब जाओगे।
- तुम घर देर से पंहुंचोगे तो बहुत पिटोगे।
काल से सम्बन्धित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-FAQ
शाब्दिक अर्थ में समय को काल कहा जाता है। हिन्दी व्याकरण में क्रिया के घटित होने के समय को ही काल कहा जाता है।
हिन्दी व्याकरण में मुख्य रूप से काल के तीन भेद होते हैं। वर्तमान काल, भूतकाल और भविष्यत काल।
भूतकाल के 6 भेद माने गये हैं। यह हैं- सामान्य भूतकाल, आसन्न भूतकाल, पूर्ण भूतकाल, अपूर्ण भूतकाल, संदिग्ध भूतकाल और हेतुहेतुमद भूतकाल।
वर्तमान काल के भी 5 भेद होते हैं। यह भेद हैं- सामान्य वर्तमान काल, अपूर्ण वर्तमान काल, सांभव्य वर्तमान काल, संदिग्ध वर्तमान काल और आज्ञार्थ वर्तमान काल।