पोषक तत्व किसे कहते हैं: हमारे शरीर के लिए पोषक तत्व कितने महत्वपूर्ण है, ये तो सभी जानते है। पोषक (Nutrients) तत्व के बिना हमारा शरीर कुछ भी नहीं है। जिस प्रकार हम आहार लेते है, उसी प्रकार हम आहार के जरिये अपना पोषक तत्व ग्रहण करते है। हम हर प्रकार से अपने शरीर के अंदर की हर क्रिया को मजबूत बनाना चाहते है, जिसके लिए हमारे शरीर मे पोषक तत्व पूर्ण होने चाहिए। जब तक हमारे शरीर में पोषक तत्व पूर्ण नहीं होंगे तब तक हम कुछ भी काम नहीं कर पाएंगे। हमारे शरीर में कुछ ताकत ही नहीं होगी। शरीर की हर चीज़ को चलाने के लिए एनर्जी होनी जरुरी है, जो हमे पोषक तत्व से ही प्राप्त होते है। पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए ही नहीं बल्कि संसार में जितने भी जीव-जंतु है उन सबको काम करने के लिए पोषक तत्वों (Nutrients) की जरुरत होती है तथा जो व्यक्ति द्वारा मशीने बनायीं गयी है, उनको भी एनर्जी की जरूरत पड़ती है, उनके पोषक तत्व डीजल, पेट्रोल आदि द्वारा पूर्ण होते है। आईये पोषक तत्व क्या हैं देखते हैं।
पोषक तत्व किसे कहते हैं-
अभी तक हमने जो पढ़ा उसे देखकर आपको समझ आ ही गया होगा की पोषक (Nutrition) तत्व आखिर होते क्या है और क्यों काम आते है। आईये हम ये फिर से जानते है- शरीर की ऊर्जा बरक़रार रखने के लिए हम तरह -तरह का भोजन ग्रहण करते है चाहे हम शाकाहारी भोजन ग्रहण करे या मांसाहारी भोजन खाये हमें अपने शरीर की पोषक कमी को दूर करना आव्यसक है। जीव जंतु अपनी पोषकता को हरी पत्तियां घास खा कर पूर्ण कर लेते है तथा हरे पेड़ -पौधे प्रकाश संश्लेशण क्रिया पूर्ण करके अपनी पोषक तत्व की कमी को पूरा करते है।
एक रूप से पोषक तत्व रसायन है जो शरीर की अभिक्रियाओं को चलाने में सहायता करते है। पोषक तत्व को ग्रहण करके हमे ऊर्जा प्राप्त होती है, जिससे हमारे शरीर की सभी क्रियाये काम करती है। ये हमारे शरीर मे खून से लेकर ऊतकों का निर्माण करते है, तथा शरीर तंदुरस्त रहता है। हम भोजन से पोषक तत्व को वसा, प्रोटीन तत्व तथा कार्बोहाइड्रेट आदि के रूप में ग्रहण करते है। ये तो कुछ कार्बनिक तत्व (Chemical compound) है, अकार्बनिक तत्वों की बात करे जिसमे खनिज लवण तथा पानी आते है।
हमारे शरीर में जब तक पोषक तत्व नहीं होंगे तब तक हमारा शरीर अधूरा है। इसमें सूक्ष्म पोषक तत्व तथा वृहत पोषक तत्व आते है। पोषक तत्व की आव्यसकता को देखते हुए आज कल बाजारों में कई तरह के प्रोटीन मिनरल्स तथा दवाईया भी आ रही है, जो पोषक तत्व की कमी को दूर कर रहे है। पोषक तत्व से ना केवल आदमी मानसिक रूप से बल्कि शारारिक, व्यवहारिक तथा कार्यात्मक रूप से मजबूत होता है।
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पोषण किसे कहते हैं? What is Nutrition?
आसान भाषा में कहे तो हमारे द्वारा भोजन या पोषक (Nutrition) तत्वों को ग्रहण किया जाना पोषण कहलाता है। हम पोषक तत्व को दो भागो में वितरित करते है। जो इस प्रकार है उदाहरण – स्वपोषण तथा परपोषण आदि।
स्वपोषण
स्वपोषण में वे जीव आते है, जो स्वयं अपने भोजन का निर्माण करते है। ये जीव प्रकाश संश्लेषण की उपस्थिति में अपने भोजन का निर्माण करते है तथा खुद अपना भोजन बनाते है स्वपोषी जीव कहलाते है और इस प्रक्रिया को पूर्ण होना स्वपोषण कहलाता है। उदाहरण – युग्लीना जो एक एककोशिकीय जीव है, तथा हरे पेड़ पौधे।
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परपोषण
परपोषी जीव अपने भोजन का निर्माण स्वयं नहीं करते है ये जीव या जंतु दुसरो पर निर्भर रहते है ये स्वपोषियों की तरह प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया करके खुद भोजन नहीं बना सकते है परपोषी जीव कहलाते है। परपोषी जीवो के उदाहरण कुछ इस प्रकार है जैसे- मेंढक, मानव (प्राणी) तथा अमीबा। ये सब परपोषी प्राणी है।
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पोषक तत्वों को हम 6 तरह में बांटते है–
- वसा
- खनिज
- प्रोटीन
- कार्बोहाइड्रेट
- जल
- विटामिन
1. वसा (FAT)
सबसे पहले वसा क्या है ये जानते है, वसा एक प्रकार से ऑक्सीजन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का मिश्रण होती है। जिसे हम वसा कहते है। एक प्रकार से वसा को हम तेल भी कह सकते है हमारे शरीर में वसा का जमाऊ चर्बी के रूप में होता है, अर्थात हम वसा को चर्बी कह कर भी बुलाते है। वसा बहुत चिकनी होती है, यदि हम वसा को जल में घोलेंगे तो यह नहीं घुलेगी अर्थात यह अघुलनशील होती है। वसा को हम भोजन से ग्रहण करते है इससे हमे ऊर्जा प्राप्त होती है। वसा से हमे भोजन स्वादिस्ट लगता है परन्तु इसकी अधिकता हमारे शरीर के लिए हानिकारक भी हो सकती है यह शरीर मे चर्बी के रूप में जम जाती हैं। वसा को हम शाकाहारी तथा मांसाहारी दोनों के रूप में ले सकते हैं। वसा के उदहारण कुछ इस प्रकार हैं – घी, दूध, तेल, मक्खन, पनीर, मांस, अंडे तथा मछली आदि इन सब में वसा की बहुत अधिकता होती है।
2. खनिज (MINERAL)
हमारे शरीर में पोषक तत्वों के अंदर खनिज लवण भी आते हैं। हमारे शरीर (BODY) में जो कुल भार होता हैं उसका ये 4 से 5% भार का अंश खुद ही बनाते हैं। शरीर में खनिज अल्प मात्रा में पाए जाते हैं, जो लगभग आयनो के रूप में 20 प्रकार के पाए जाते हैं। खनिज को हम अल्पपोषक के नाम से भी पुकारते हैं खनिजों का हमारे शरीर में होना अतिआवस्यक हैं इनकी कमी से शरीर (body) की क्रियाशीलता में दुष्प्रभाव पड़ेगा। हमे भोजन के द्वारा शरीर में खनिजों की पूर्ति कर लेते हैं।
खनिज तत्वों को दो भागो में बांटते हैं –
- अल्प तत्व – इनकी शरीर को अधिक मात्रा की जरुरत होती हैं जैसे-S, CA, P
- लघु तत्व – इनकी शरीर को कम मात्रा की जरुरत होती हैं जैसे-CO, MN, CU
3. प्रोटीन (PROTEIN)
प्रोटीन जल अपघटन करके अमीनो अम्ल (amino acid) देते हैं। जटिल होने के कारण हम इनको जटिल कार्बनिक पदार्थ भी कहे सकते है। प्रोटीन एक प्रकार का अमीनो अम्ल हैं, अर्थात ये अमीनो अम्लो से बने होते हैं। शरीर में अमीनो अम्ल 20 प्रकार के पाए जाते हैं जो भिन्न-भिन्न कर्मो में लगे हुए होते हैं। प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण (important) होते हैं। इनकी कमी से शरीर में कार्य सुचारु रूप से नहीं होते हैं शरीर में कई तरह के हार्मोन्स होते हैं जो सही से कार्य नहीं करते हैं, वो इन अमीनो अम्ल पर निर्भर रहते हैं।
प्रोटीन शरीर की कोशिकाओं का निर्माण करने उनको ठीक करने में मदत करती हैं साथ ही शरीर की गति को निरंतर रखती हैं प्रोटीन शरीर के टॉक्सिन को बहार निकालती हैं जिससे शरीर स्वस्थ रहता हैं। यह शरीर में वाइरस और बैक्टीरिया जैसे विषाणु को प्रवेश महि करने देती या उसे नष्ट कर देती हैं। प्रोटीन से शरीर में बहुत लाभ हैं प्रोटीन से हड्डियां मजबूत होती हैं, ऑक्सीजन प्राप्त, रोग प्रतिरोधक छमता को बढ़ाना, शरीर में हार्मोन को नियंत्रित रखना आदि प्रोटीन से ऐसे बहुत से लाभ हैं। अब हमे प्रोटीन कैसे प्राप्त होता आईये ये भी जानते हैं जैसे- सोयाबीन, दही, अंडे, बादाम, ओट्स, मछली के तेल से आदि।
4. कार्बोहाइड्रेट (CARBOHYDRATE)
जैसा कि आपको पता होगा की किसी भी कार्य को करने के लिए ऊर्जा की जरूरत पड़ती ही हैं उसी प्रकार हमारे शरीर को भी काम करने के लिए ऊर्जा की आव्यसकता होती हैं जो हमे कार्बोहाइड्रेट से ही प्राप्त होती हैं। कार्बोहाइड्रेट एक ऊर्जा का स्रोत हैं, जो हम खाना खा के प्राप्त करते हैं। कार्बन, ऑक्सीजन और हाइड्रोजन से इसका निर्माण होता हैं। इसकी कमी होने से शरीर को दुष्प्रभाव भी पड़ता है इसकी कमी से शरीर का वजन कम हो जाता हैं जिससे काम करने में थकावट का अनुभव होता हैं, परन्तु इसकी अधिकता होने से शरीर के वजन में अधिकता होती हैं, तथा मोटापे से जुड़े रोग होने लगते हैं। कार्बोहाइड्रेट की पूर्ति हम भोजन खा कर करते हैं। इसके उदाहरण कुछ इस प्रकार से हैं- दूध, चीनी, फल, सोयाबीन, मटर, चावल, सब्जियां, साबुत अनाज आदि।
5. जल (WATER)
जल भी एक पोषक तत्व के रूप में काम आता हैं। हमारे द्वारा खाये गए खाने का पाचन जल के माध्यम से ही होता जल हमारे शरीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं, वह शरीर के तापमान को नियंतरित करने शरीर से हानिकारक पदार्थ (टॉक्सिन) को बाहर निकालने तथा अनेक कोशिकाओं का निर्माण करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका प्रदान करता हैं। शरीर के पोषक तत्वों जैसे – ग्लूकोज, मिनरल तथा विटामिन का प्रवाह जल के माध्यम से ही होता हैं।
6. विटामिन (VITAMIN)
सरल भाषा में कहे तो विटामिन हमारे शरीर का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। विटामिन (vitamin) को हम कार्बनिक यौगिक भी कहते हैं। विटामिन मानव शरीर को रोग प्रतिरोधक क्षमता रोगो से लड़ने को प्रदान करती हैं। ये एक तरह से हमारे शरीर की रक्षा करती हैं, ये शरीर की उपापचय रासायनिक प्रक्रियाओ के लिए आवश्यक होती हैं। विटामिन को हम खाद्य पदार्थो से ग्रहण करते हैं जैसे-दूध, अनाज, मूंगफली, मांस आदि। विटामिन 6 तरह के होते हैं। जैसे- विटामिन A, B, C, D, E, K आदि।
पोषक तत्व से जुड़े प्रश्न/उत्तर
पोषक तत्व किसे कहते हैं ?
ये एक प्रकार का रसायन हैं, जो हमारे शरीर मैं ऊर्जा प्रदान करते हैं। पोषक तत्व कई प्रकार के होते हैं, पोषक तत्वों को हम भोजन के रूप में ग्रहण करते हैं।
पोषण क्या हैं कितने प्रकार का होता हैं ?
हमारे द्वारा भोजन या पोषक तत्वों को ग्रहण किया जाना पोषण कहलाता है। हम पोषक तत्व को दो भागो में वितरित करते है। जो इस प्रकार है उदाहरण – स्वपोषण तथा परपोषण आदि।
विटामिन कितने प्रकार के होते हैं?
विटामिन 6 प्रकार के होते हैं- जैसे- विटामिन A, B, C, D, E, K आदि।
विटामिन किन चीज़ो से प्राप्त होता हैं ?
विटामिन को हम खाद्य पदार्थो से ग्रहण करते हैं जैसे-दूध, अनाज, मूंगफली, मांस आदि।
खनिज क्या हैं ? खनिज को कितने भागो में बांटा हैं ?
खनिज एक प्रकार का लवण हैं जो हमारे शरीर में अनेक भूमिका निभाते हैं।
खनिज तत्वों को दो भागो में बांटते हैं –
अल्प तत्व – इनकी शरीर को अधिक मात्रा की जरुरत होती हैं जैसे-S, CA, P
लघु तत्व – इनकी शरीर को कम मात्रा की जरुरत होती हैं जैसे-CO, MN, CU
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