[Rainwater Harvesting] वर्षा जल का संचयन कैसे करें – वर्षा जल संचयन के नुकसान

पर्यावरण में बहुत से बदलाव आ रहे हैं जिनमें से एक है भूजल में आ रही कमी। जिस का सीधा असर पेयजल संकट के रूप में देखा जा रहा है। और ये समस्या सिर्फ एक देश या किसी सीमित क्षेत्र में नहीं है, ये पूरे विश्व में सामने आ रही है। जिसका यदि जल्दी निराकरण ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

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पर्यावरण में बहुत से बदलाव आ रहे हैं जिनमें से एक है भूजल में आ रही कमी। जिस का सीधा असर पेयजल संकट के रूप में देखा जा रहा है। और ये समस्या सिर्फ एक देश या किसी सीमित क्षेत्र में नहीं है, ये पूरे विश्व में सामने आ रही है। जिसका यदि जल्दी निराकरण नहीं किया गया तो भविष्य में जल्दी ही आने वाली पीढ़ियां पेयजल संकट से जूझेगी।

इसलिए समझदारी इसी में है कि हम समय पर इस समस्या का हल निकाल लें और साथ ही भूमिगत जल के स्तर में बढ़ोतरी करने का जरिया ढूंढें। तो आज इस लेख में हम इसी बारे में बात करेंगे। इस लेख के माधयम से आप जानेंगे वर्षा जल का संचयन (Rainwater harvesting) कैसे करें? और साथ ही इसके क्या क्या फायदे और क्या नुकसान हैं आदि।

[Rainwater Harvesting] वर्षा जल का संचयन कैसे करें - वर्षा जल संचयन के नुकसान
[Rainwater Harvesting] वर्षा जल का संचयन कैसे करें – वर्षा जल संचयन के नुकसान

Rainwater Harvesting: वर्षा जल संचयन क्या होता है ?

रेनवाटर हार्वेस्टिंग (Rainwater harvesting) यानी वर्षा जल का संचयन। हर साल वर्षा का पानी काफी मात्रा में बहकर व्यर्थ हो जाता है। जबकि इसके संचयन से हम भूमिगत पानी के स्तर को बढ़ा सकते हैं। इसके लिए हमे बहुत ही साधारण और सरल वैज्ञानिक तरीकों की मदद से बारिश के पानी को बचाना / संचित करना होता है। इसी प्रक्रिया को वर्षाजल संचयन या Rainwater harvesting कहते हैं। वर्षा जल संचयन की ये पद्धतियां काफी सरल और कम खर्चीली होती हैं लेकिन इनसे काफी लाभ होते हैं। ये तरीके ग्रामीण और शहरी परिवेश दोनों ही जगह इस्तेमाल किये जा सकते हैं।

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वर्षा जल का संचयन क्यों करते हैं?

Rainwater harvesting करना आवश्यक है लेकिन क्या आप जानते हैं की वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है ? यदि नहीं तो आइये इस लेख में आगे पढ़कर समझते हैं –

  • भूमि जल भण्डारण और जल स्तर में गिरावट पर नियन्त्रण हेतु : जैसे की अब भूमिगत जलस्तर की समस्या से बहुत से राज्य व क्षेत्र अब अछूते नहीं रहे हैं तो ऐसे में आवश्यक है कि भूमि जलस्तर को सुधारने के लिए भूमि जल भण्डारण की आवश्यकता है। भूमि जल भंडारण में वृद्धि हेतु वर्षा जलसंचय के कुछ सामान्य तरीकों को अपनाया जा सकता है। जिससे भूमिगत जलस्तर की गिरावट पर नियनत्रण किया जा सकता है।
  • भूमि जल गुणवत्ता में सुधार लाने हेतु : भूमि जल स्तर में सुधार के साथ साथ जल की गुणवत्ता में भी सुधार लाया जा सकता है। यदि हम ज्यादा से ज्यादा पानी को बहने की बजाए भूमि के नीचे पहुंचाने की व्यवस्था करेंगे तो इससे जल की गुणवत्ता सुधरेगी और इसका प्रयोग कुछ समय बाद पीने योग्य पानी के लिए भी किया जा सकता है। जबकि स्टोर किया हुआ बारिश का पानी आप पीने के लिए नहीं कर सकते।
  • पानी को व्यर्थ होने से बचाने के लिए : वर्षा का पानी सतही बहाव के चलते नालों, समुद्र आदि में जाकर व्यर्थ हो जाता है। जिसस उसे फिर से इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इसलिए जल संरक्षण आवश्यक है।
  • पानी की उपलब्धता बढ़ाने हेतु : वर्षा जल संचय से न केवल जलस्तर बढ़ेगा बल्कि पानी की उपलब्धता भी बढ़ेगी। संचय किये गए पानी का उपयोग बहुत से कार्यों के लिए किया जा सकता है। जैसे नहाने, कपड़े धोने, बगीचे / खेत में पानी से सिचाई, गाड़ी धोने, सफाई, पशुओं के पीने हेतु व अन्य ऐसे ही कार्यों के लिए।
  • ऐसे क्षेत्रों में जहाँ पानी की नियमित सप्लाई नहीं होती वहां इन तरीकों से काफी सहायता मिलती है।

वर्षा जल का संचयन (Rainwater harvesting) कैसे करें?

वर्षा जल संचयन के लिए कुछ वैज्ञानिक और पुराने तरीके हैं जिनका प्रयोग करके आप पानी की उपलब्धता बढ़ा सकते हैं। साथ ही आप को इसके बहुत से लाभ भी प्राप्त होंगे। ये सभी तरीके बेहद सामान्य हैं जिससे कोई भी इनका प्रयोग कर सकता है। साथ ही इनके उपयोग हेतु अधिक खर्च भी नहीं होता। आइये जानते हैं कौन से वो तरीके ?

  • छत पर जल संचय प्रणाली : ये ऐसा तरीका है जिसे कोई अपने छत पर अपनाकर जल संचायन की प्रक्रिया को अपना सकता है। इसमें छत पर बारिश के पानी को संचित कर सकते हैं। इसके लिए खुले टैंक बनाये जा सकते हैं जो ऊंचाई पर हो। इसमें जमा होने वाले पानी को फ़िल्टर करके या ब्लीचिंग पाउडर का इस्तेमाल करके भी इसका पूरी तरह से उपयोग किया जा सकता है। अर्थात फ़िल्टर और ब्लीच होने के बाद इसे पीने लायक भी बनाया जा सकता है क्यूंकि इसमें अधिक गंदगी नहीं होती और वर्षा जल स्वच्छ होता है। इसे छत पर टैंक में जमा होने पर नालों के माध्यम से घरों में पहुंचाया जा सकता है। साथ ही आप इस जल को उबाल सकते हैं ताकि इसे पीने में कोई नुकसान न हो।
  • भूमिगत टैंक बनाकर : इस प्रणाली में यदि भूमि के नीचे टैंक्स का निर्माण कर दिया जाए तो इससे भी लम्बे समय के लिए पानी को संरक्षित कर सकते हैं। इस तरीके में बारिश के पानी को भूमिगत गड्ढे में भेजकर उसे नेचुरल फ़िल्टर करके पाइप के माध्यम से टैंक तक पहुँचाया जाता है।
  • जल संग्रह जलाशय आदि बनाकर : जल संग्रह जलाशयों के निर्माण से भी पानी का संचयन किया जा सकता है। जैसे कि – तालाब, जलाशय आदि।
  • इसके अतिरिक्त कुछ अन्य तकनीकों का प्रयोग करके हम जल संग्रह कर सकते हैं। । जैसे कि –
    • गली प्लग,
    • बड़े जलग्रहण क्षेत्रों का वर्षा जल चेक डैम, परिरेखा बांध (कंटूर बांध),
    • गेबियन संरचना,
    • परिस्त्रवण टैंक (परकोलेशन टैंक),
    • चैक बांध/सीमेन्ट प्लग/नाला बंड,
    • पुनर्भरण शाफ्‌ट,
    • कूप डग वैल पुनर्भरण,
    • भूमि जल बांध/ उपसतही डाईक, आदि।
  • शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में छत-उपरि जल संचयन तकनीक का प्रयोग करके भी आसानी से बिना कोई अधिक लागत के आप पानी का संग्रह कर सकते हैं। इस तकनीक में आप को अपने छत के ऊपर बारिश के पानी को संचित करके उसे नीचे टैंक्स में भर सकते हैं। और जिसका उपयोग ब्लीचिंग पाउडर के इस्तेमाल के बाद सभी घरेलू कार्यों हेतु भी किया जा सकता है।

वर्षा जल संचयन के लाभ

आइये अब जानते हैं की वर्षा जल संचयन क्यों आवश्यक है ?

  • वर्षा जल संचयन से सबसे पहले पानी की कमी में थोड़ी राहत मिलेगी। वर्षा जल अगर फ़िल्टर न भी करें तो भी ये स्वच्छ होता है जिसका इस्तेमाल हम पीने के अतिरिक्त अन्य घरेलु कार्यों हेतु भी कर सकते हैं।
  • पानी के संचयन करने से अन्य बहुत से लाभ होंगे जैसे कि – मृदा का कटाव रुकेगा।
  • भूमिगत जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। साथ ही पानी की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
  • पानी के संचयन से पानी की उपलब्धता बढ़ेगी ही साथ ही पानी के सतही बहाव जिसके वजह से पानी सड़कों, नालियों आदि में भर जाता है उससे भी छुटकारा मिलेगा।
  • भूमि जल प्रदूषण से भी बचाव होगा। साथ ही सूखाग्रस्त क्षेत्रों में भी पानी की कमी से अच्छी तरह से निपटा जा सकेगा।

वर्षा जल संचयन के नुकसान

देखा जाए तो किसी भी बात के दो पक्ष होते हैं. एक सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक। इसी प्रकार बात करें वर्षा जल संचयन की तो इसमें भी कुछ ऐसा ही है। यूँ तो इसके फायदे बहुत अधिक हैं लेकिन कुछ ऐसे तथ्य भी हैं जिन्हे हम इससे होने वाले नुकसानों की श्रेणी में भी डाल सकते हैं। जैसे कि यदि संचित किए गए पानी का सही तरीके से रख रखाव नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में पानी दूषित हो जाएगा और विभिन्न प्रकार के पानी जनित रोग होने की सम्भावना रहेगी। जैसे की मलेरिया, डेंगू आदि अनेक ऐसी ही बीमारियां भी हो सकती है।

इसके अतिरक्त यदि पानी स्वच्छ नहीं हुआ तो अन्य पेट संबंधी बीमारियां भी हो सकती हैं।

Rainwater harvesting से संबंधित प्रश्न -उत्तर

वर्षा संचयन क्यों आवश्यक है ?

वर्षा जलसंचयन करना एक बहुत ही उपयोगी प्रक्रिया है। ऐसा करना आज के समय में आवश्यक है, क्यूंकि वर्तमान समय में बहुत से स्थानों पर भूमि के नीचे का जलस्तर काफी कम हो चूका है। जिससे पेयजल में कमी आने लगी है। साथ ही इससे खेती और और अन्य जल संबंधी जरूरतों पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है। इस समस्या से निपटने और जल संबंधी समस्याओं को भविष्य में खत्म करने और नियंत्रित करना है तो हमे भी से जल संचयन की विभिन्न प्रणालियों पर ध्यान देना होगा।

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Rainwater harvesting/ वर्षा जल संचयन कैसे करें ?

वर्षा जल संचयन के अलग अलग तरीके हैं जिनका प्रयोग करके वर्षा जल को संचित किया जा सकता है। जैसे कि – घरों की छतों कपार वर्षा के पानी को पाइप के माध्यम से नीचे अंडर ग्राउंड टैंक में पहुँचाना। जल संचयन/ संग्रह जलाशय बनाना- तालाब, झील आदि का निर्माण करके। उथले परकोलेशन टैंकों का निर्माण आदि तरीकों को पनाया जा सकता है जिससे वर्षा के पानी को बचाकर पृथ्वी के नीचे जलस्तर को बढ़ाने में प्रयोग किया जा सकता है।

वर्षा जल संचयन से क्या लाभ होते हैं ?

वर्षा जल संचयन से बहुत से लाभ हैं जैसे कि – पेयजल में आने वाली कमी को कम करना या नियंत्रित करना। साथ ही कृषि हेतु हने वाली पानी की कमी को भी दूर किया जा सकता है। और बेहतर सिचाई से कृषि में उत्पादन को बढ़ाया जा सकता है। वर्षा जल को बचाकर बहुत से घरेलु कार्यों के लिए उपयोग किया जा सकता है।

Rainwater harvesting या वर्षा जल संचयन क्या होता है ?

जैसा की नाम से आप समझ सकते हैं कि वर्षा जल संचयन अर्थात वर्षा के जल का संचयन करना। इससे न केवल वर्षा का पानी संचित होगा बल्कि इसका प्रयोग हम अन्य घरेलु और खेती के कार्यों हेतु कर सकते हैं। इसके लिए हम विभिन्न जल संचयन के तरीकों को अपनाकर जल को संचित कर सकते हैं।

आज इस लेख के माध्यम से आप ने Rainwater harvesting के बारे में जानकारी प्राप्त की। उम्मीद है आपक ये जानकारी पसंद आयो होगी। यदि आप ऐसी ही अन्य उपयोगी जानकारी और लेखों को पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट Hindi NVSHQ पर विजिट कर सकते हैं।

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