स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: 15 अगस्त पर निबंध – 15 August Essay in Hindi 10 lines

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: 15 अगस्त हमारे देश का एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष बड़ी ही धूम-धाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। इस दिन 15 अगस्त 1947 में हमारा देश 200 वर्षों बाद अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से पूरी तरह आजाद हो ... Read more

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Reported by Dhruv Gotra

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15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध: 15 अगस्त हमारे देश का एक राष्ट्रीय पर्व है, जिसे हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष बड़ी ही धूम-धाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। इस दिन 15 अगस्त 1947 में हमारा देश 200 वर्षों बाद अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से पूरी तरह आजाद हो गया था। जिसके आजाद होने के पीछे हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान की अहम भूमिका है जिन्होंने अपने प्राणों को परवाह किये बिना देश की आजादी के लिए खुद को इस न्योछावर कर दिया, ऐसे सभी स्वतंत्रता सेनानियों की इस निस्वार्थ देशभक्ति को याद करें उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर हम सभी देशवासियों द्वारा हर वर्ष देश की आजादी के दिन को याद करके बड़े ही सम्मान के साथ अपने राष्ट्रीय ध्वज को विद्यालयों, कालेजों, बैंक व कार्यालयों में फहराया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें - 15 august essay in hindi 10 lines
स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें

इसके साथ ही इस दिन विद्यालयों में बच्चों की निबंध, पोस्टर मेकिंग व भाषण प्रतियोगिता आयोजित करवा कर उन्हें बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया जाता है।

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स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) पर निबंध

15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से मुक्त होकर एक स्वतंत्र राष्ट्र बना था। 14 और 15 की मध्य रात्रि को कई विद्रोह के बाद भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुयी थी। हमें स्वतंत्र हुए आज पूरे 76 वर्ष हो गए हैं।

हमारा भारत 200 वर्ष तक अंग्रेजों के अधीन था जिसके बाद हमारे देश में आजादी के लिए काफी लड़ाई लड़ी गयी। जिसमें बहुत से महापुरुषों ने अपना बलिदान दिया और भारत को एक स्वतंत्र देश बनाया। इस वर्ष हम स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ मना रहें है।

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स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में पूरा देश हर वर्ष पूरे हर्ष और उल्लास के साथ इस दिन को राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाते है। और स्कूल, कॉलेज और भारत के सभी संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है। और इस दिन बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते है और हास्य, नाटक, भाषण, नृत्य, जैसे कार्यक्रम आयोजित करते हैं।

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15 अगस्त पर निबंध

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15 अगस्त पर निबंध -1 (Swatantrata Diwas Par Nibandh)

इस दिन देश के प्रधानमंत्री जी भारत की राजधानी दिल्ली के लाल किला पर झंडा फहराते है और उसके बाद राष्ट्र गान गाया जाता है और साथ ही 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।

उसके उपरान्त प्रधानमंत्री जी लाल किले से पूरे देश को सम्बोधित करते है और स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में वहां और भी बहुत से लोग और बच्चे उपस्थित होते है। स्वतंत्रता दिवस के दिन हमारे सैनिक और एनसीसी कैडेट परेड करते है। परेड, और विभिन्न राज्यों की झाँकियाँ निकाली जाती है तथा बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किये जाते हैं। प्रधानमंत्री जी के द्वारा दिया गया भाषण तथा लाल किले पर किये जाने वाले सभी कार्यक्रम लाइव (LIVE) प्रसारण किया जाता है। इस भाषण को पूरा देश अपने रेडियो और टेलीविजन के माध्यम से सुनता है।

भारत को आजादी दिलाने में कुछ महापुरुषों ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है उन्होंने अपनी जान गंवा कर हमें एक स्वतंत्र राष्ट्र प्रदान किया है। इनमें से कुछ महापुरुषों के नाम इस तरह है- भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, चंद्र शेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पाण्डे, राज गुरु, सुख देव, महात्मा गाँधी।

इस दिन महापुरुषों की कुर्बानियों को याद किया जाता है। और उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी जाती है। आज के दिन स्कूलों में छात्र-छात्राओं में मिष्ठान का वितरण किया जाता है। सारे सरकारी दफ्तर में झंडा फहराया जाता है। इस दिन भारत के सभी सरकारी कार्यालय का अवकाश रहता है। स्वतंत्रता दिवस को सभी राज्य के मुख्यमंत्री अपने राज्य में ध्वजारोहण करते है।

Essay on Independence Day in Hindi – 15 अगस्त पर निबंध

15 अगस्त को ध्वजारोहण, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, समाज परिसर, सरकारी और निजी संगठन के माध्यम से 15 अगस्त के शुभ अवसर पर समारोह आयोजित किया जाता है।

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इस दिन को भारत के सभी नागरिकों के द्वारा बहुत उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस को मनाया जाता है भारत के प्रधानमंत्री जी के द्वारा लाल किला दिल्ली में इस दिन, झंडा फहराया जाता हैं और भाषण द्वारा राष्ट्र को संबोधित करते हैं। 

दूरदर्शन पूरे कार्यक्रम का टेलीविजन पर सीधा प्रसारण करता है। 15 अगस्त 1947 को प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहला झंडा रोहण समारोह किया था। भारत या विदेश में रहने वाले प्रत्येक भारतीय नागरिक के दिल में इस दिन का बहुत महत्व है। क्योंकि वर्षों के संघर्ष के बाद भारत को 15 अगस्त को आजादी जो मिली, इस दिन भारतीय नागरिकों को अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता मिली और पूर्ण स्वायत्तता प्राप्त हुई।

यह दिन हमें स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्षों और स्वतंत्रता प्राप्त करने में उनके द्वारा बलिदान किए गए जीवन की भी याद दिलाता है। हमारे वीरों ने जिस दर्द से वह मुश्किल समय व्यतीत किया है, वह हमें याद दिलाता है कि आज हम जिस आज़ादी का आनंद ले रहे हैं, वह लाखों लोगों का खून बहाकर हासिल की है।

यह भारत के प्रत्येक नागरिक के अंदर देशभक्ति की भावना को भी जगाता है। यह वर्तमान पीढ़ी को उस समय के लोगों के संघर्षों को करीब से समझती है और उन्हें भारत के स्वतंत्रता सेनानियों से परिचित कराती है।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व

15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) लोगों में देशभक्ति की भावना पैदा करता है। यह लोगों को एकजुट करता है और उन्हें यह महसूस कराता है कि हम एक राष्ट्र हैं जहां कई अलग-अलग भाषाएं, धर्म और सांस्कृतिक मूल्य हैं। अनेकता में एकता भारत का प्रमुख सार तत्व और शक्ति है। 

हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश का हिस्सा होने पर गर्व महसूस करते हैं, जहां सत्ता आम आदमी के हाथ में है। हर साल 15 अगस्त को हम उस दिन को मनाते हैं जब हम एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गए, जिसका अर्थ है कि हम खुद पर शासन करने के लिए स्वतंत्र थे और किसी और के द्वारा शासित नहीं थे।

मैं हिन्दू हूँ, तू मुस्लिम है,
है दोनों इंसान,
ला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ़ ले कुरान,
इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर,
है मेरा बस एक ही अरमान,
एक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान!!

जय हिन्द !……. जय भारत !…..

Independence Day History

अंग्रेजों ने भारत में लगभग 200 वर्षों तक शासन किया है। ब्रिटिश शासन के तहत, लोगों का जीवन दयनीय था। भारतीयों के साथ गुलाम जैसा व्यवहार किया जाता था और उन्हें उनसे कुछ भी कहने का कोई अधिकार नहीं था। 

भारतीय शासक ब्रिटिश अधिकारियों के हाथों की कठपुतली मात्र थे। ब्रिटिश शिविरों में भारतीय सैनिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता था और किसान भूख से मर रहे थे क्योंकि वे फसल नहीं उगा सकते थे और उन्हें भारी भूमि कर देना पड़ता था।

आजादी से पहले अंग्रेजों के द्वारा भारतीय नागरिकों को पर कई अत्याचार किये गए। उन्हें अपना जीवन व्यतीत करने के लिए किसी भी प्रकार की स्वतंत्रता प्राप्त नहीं थी। हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा भारत को आजादी दिलाने के लिए कई संघर्षों का सामना करना पड़ा था।

भारत के प्रसिद्ध नेताओं एवं स्वतंत्रता सेनानियों के द्वारा आजादी के लिए अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी गयी जिसमें मुख्य रूप से महात्मा गाँधी, भगत सिंह, सरदार वल्लभ भाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरू, दादा भाई नौरोजी, रानी लक्ष्मी बाई, मंगल पांडे, आदि महान व्यक्तियों के द्वारा आजादी की लड़ाई लड़ी गयी थी। इन महान व्यक्तियों के द्वारा देश को आजादी दिलाने के लिए अपने प्राणों का भी बलिदान दिया गया था।

लड़े वो वीर जवानों की तरह ,
ठंडा खून फौलाद हुआ ,
मरते मरते भी मार गिराएं ,
तभी तो देश आजाद हुआ।

1619 में सूरत के उत्तर पश्चिमी तट में अंग्रेजों के माध्यम से भारतीय उप महाद्वीप में अपना प्रथम चौकी की स्थापना की गयी बॉम्बे ,मद्रास और कोलकाता में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के तहत तीन स्थायी व्यापारिक स्टेशन की स्थापना की गयी।

19वीं सदी के मध्य में ब्रिटिश शासन के द्वारा इन मुख्य क्षेत्रों में अपने प्रभाव के विस्तार को प्रचलित किया गया। इसके साथ ही भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश के अधिकतर भागों में भी अंग्रेजों का शासन चलता था।

ब्रिटिश शासन के अंतर्गत स्थानीय राजाओं के साथ समझौता करके भारत के विभिन्न भागों को नियंत्रित करने का कार्य शुरू किया गया। विद्रोही भारतीय सैनिकों के द्वारा सन 1857 में उत्तरी भारत में एक विद्रोह अंग्रेजों की सरकार East India Company से क्राउन हेतु सभी राजनीतिक अधिकार को ट्रांसफर करने का मार्गदर्शन किया गया।

यह भी देखें;- दिवाली पर निबंध (Diwali Essay)

स्वतंत्रता दिवस – भारत के कुछ ऐतिहासिक पल

भारत के कुछ ऐतिहासिक पल जैसे कि- अंग्रेजों का भारत आना, भारत देश एक गुलाम के तौर पर, राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना, साम्प्रदायिक दंगे और भारत का बँटवारा, स्वतंत्र भारत और आजादी का त्यौहार, आदि

अंग्रेजों का भारत आना

  • अंग्रेजों का आगमन भारत में 17वीं शताब्दी में हुआ था। वे भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से आये थे। उनका मुख्य उद्देश्य भारत में अपना व्यापार स्थापित करना था। धीरे-धीरे उन्हें भारत में अपना व्यापार स्थापित पूर्ण रूप से स्थापित कर लिया और बहुत से भारतीय राजाओं को युद्ध में पराजित करके उन्होंने उनके सभी इलाकों पर अपना शासन स्थापित किया। 18वीं सदी तक ब्रिटिशो ने अपनी ईस्ट इंडिया कम्पनी को पूर्ण रूप से जमा लिया था।

भारत देश एक गुलाम के तौर पर

  • अब सभी भारतीयों को पूर्ण रूप से पता लग चूका था कि वे सभी गुलाम बन चुके है। ब्रिटिशों द्वारा भारतीयों को अंग्रेजी सिखाने व अन्य तौर तरीके सीखने के लिए उनसे कुछ भी करा लेते थे जो भारतीयों को समझ नहीं आता था, उन्हें लगता था वो हमें अंग्रेजी और अन्य तौर तरीके सिखाने में हमारे मदद कर रहें है।
    लेकिन ऐसा करते-करते ब्रिटिश भारतीयों पर शासन करने लगे। ब्रिटिशों ने भारतीयों को न केवल शारीरिक बल्कि उन्हें मानसिक रूप से भी परेशान किया। इसी के बाद बहुत से युद्ध भी हुए।

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना

  • देश में जब युद्ध जैसी स्थिति बनी हुई थी उसी समय 64 सदस्यों के साथ दिसम्बर वर्ष 1885 को राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। इस पार्टी में देश के सभी लोग बढ़ चढ़कर शामिल होने लगे।
    राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में मुख्य भूमिका दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम ने निभाई। बहुत सी क्रांतिकारी गतिविधियां की जाने लगी। इसके बाद भारतीय मुस्लिम लीग व अन्य कई राष्ट्रीय दलों की स्थापना की गई।
साम्प्रदायिक दंगे और भारत का बँटवारा
  • जलियाँवाला बाग़ हत्याकांड के बाद ब्रिटिशों ने साम्प्रदायिक दंगों की राजनीति तेज कर दी। उसके बाद कोहाट में वर्ष 1924 में भयानक हिन्दू-मुस्लिम दंगे हुए। अगस्त वर्ष 1947 में ब्रिटिशों ने भारत छोड़ा और उसके बाद भारत का बँटवारा हुआ।
    इसके बाद 14 अगस्त को बंटवारे के बाद पाकिस्तान बना और उसके बाद भयंकर साम्प्रदायिक दंगे हुए। आजाद होने के बाद भी भारत में एक अलग ही हिंसक दंगों की ज्वाला भड़की। जहाँ भारतीयों को देश के आजाद होने की ख़ुशी थी वही इन साम्प्रदायिक दंगों ने भारतीयों की ख़ुशी को कम कर दिया था और साथ ही देश का बंटवारे होने का दुःख भी था।

स्वतंत्र भारत और आजादी का त्यौहार

हमें यह स्वतंत्रता इतनी आसानी से नहीं मिली है, इस आजादी को पाने के लिए हमारे देश के कई महान क्रांतिकारियों ने बलिदान दिए है, किसी ने फांसी खाई है तो किसी ने मरते दम तक अपनी जान आजादी प्राप्त करने के लिए न्यौछावर की है।

अंग्रेजों के भारत छोड़कर जाने के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत देश पूर्ण रूप से आजाद हुआ। और इसी लिए हर साल 15 अगस्त को भारत देश के स्वतंत्र होने की ख़ुशी में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह भारतीयों का राष्ट्रीय पर्व भी कहलाता है।

देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू बने और उनके द्वारा ही देश के आजाद होने की ख़ुशी में दिल्ली के लाल किले पर आजादी के बाद पहली बार झंडा फहराया गया। और देश को सम्बोधित भी किया गया। इसी प्रकार हर साल दिल्ली के लाल किले पर हर साल देश के प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है और राष्ट्र गान गया जाता है और देश के प्रधानमंत्री द्वारा देश को सम्बोधित भी किया जाता है।

निष्कर्ष

15 अगस्त (स्वतंत्रता दिवस) को हम उन सभी वीर क्रांतिकारियों को याद करते है जो देश की आजादी पाने के लिए लड़ते-लड़ते शहीद हुए, जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए ब्रिटिशों के अत्याचार सहे। इस दिन हमें उन सभी वीरों को याद करते है और उनके बलिदान को ध्यान में रखते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देते है। सभी भारतीयों को मिल-जल कर प्रेम भाव से रहना चाहिए।

15 अगस्त पर निबंध हिंदी में – 2 (15 August Par Nibandh)

स्वतंत्रता दिवस हमारे भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है, इस दिन राष्ट्रीय स्तर पर स्वतंत्रता समारोहों का आयोजन राजधानी दिल्ली में किया जाता है, इस दिन दिल्ली में प्रधानमंत्री जी द्वारा लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, जिसे देखने के लिए लाखों की संख्या में लोग एकत्रित होकर अपने-अपने हाथों में तिरंगे को फहराते हैं

और राष्ट्रीय गान गाने के साथ सैनिक द्वारा बाजों की स्वर-लहरी कर समारोह में 21 तोपों की सलामी दी जाती है और सशस्त्र बलों द्वारा परेड भी निकाली जाती है, जिसमें प्रधानमंत्री जी द्वारा जनता को सम्बोधित कर एकजुट हो कर राष्ट्रीय की स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए भाषण देकर प्रेरित किया जाता है। इस दिन देश को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद करवाने वाले सभी वीरों व वीरांगनाओं के योगदान को स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है,

जिसका पूरा प्रसारण समाचार पत्रों के माध्यम से किया जाता है। साथ ही स्वतंत्रता दिवस को देश की सुख, शान्तिः व समृद्धि के प्रतीक के रूप में सभी राज्यों में जश्न के साथ नाच-गाने गाकर नागरिक एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं और झंडे को फहराकर व तिरंगे की पतंगे उढ़ाकर धूम-धाम से इस दिन को मनाते है।

देश की आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान

हमारे देश की आजादी के लिए स्वतंत्रता सेनानियों के कड़े संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि में पंडित जवाहर लाल नेहरू जी द्वारा लाल किले में देश के पूरी तरह से आजाद होने की घोषणा की गई, जिसके बाद हमारा देश पूरी तरह से स्वतंत्र हो गया,

ब्रिटिश सरकार द्वारा इस दिन को हमारे देश के स्वतंत्रता दिवस के रूप में चुने जाने का एक मुख्य कारण यह भी माना जाता है, की इसी दिन वर्ल्ड वार 2 में हुए युद्ध को पूरी तरह से खत्म कर जापान द्वारा समर्पण कर लिया गया, जिसे अंग्रेजी सरकार अपने जीत के रूप में स्मरण करने के लिए, उनके द्वारा इस दिन को हमारी आजादी के दिवस के रूप में चुना गया, जिसके आजाद होने के पीछे 1857 के विद्रोह में हमारे देश के बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों जैसे रानी लक्ष्मी बाई, तात्या टोपे, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, रामप्रसाद बिस्मिल आदि

महान क्रांतिकारियों के बाद महात्मा गाँधी, सुभाष चंद्र बोष, चंद्र शेखर आजाद, लाला लाजपत राय आदि द्वारा किए गए संघर्ष व उनके बलिदानों द्वारा ही हमारा देश पूरी तरह से आजाद होकर एक स्वतंत्र देश बनाया जा सका। देश के पूरी तरह स्वतंत्र हो जाने के बाद से ही इस दिन को हर वर्ष हमारे देश में आजादी के दिन के रूप में मनाया जाता है।

इस वर्ष भी 15 अगस्त 2024 को हमारे के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा, इसके लिए हर वर्ष आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों के अलावा मुख्य अतिथि को भी आमंत्रित किया जाता है,

स्वतंत्रता दिवस के नाम कुछ पंक्तिया

अंत में अपने देश की आजादी में योगदान देने वाले उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में बिस्मिल साहब की पंक्तियाँ कुछ इस प्रकार है।

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।

बिस्मिल साहब की इन पंक्तियों की शक्ति देखिये की ये सदियों के गुलाम भारतीयों के हृदय में स्वतंत्रता की लहर दौड़ा बैठीं, शायद ये इन जैसी कई कविताओं का जादू था या आजाद हिन्द में साँस लेने की तड़प, आजादी की आग इस देश को आजाद बना बैठी,

कितना साहस था उन शहीदों में जो अपनी जान की बाजी लगा कर हमें आजाद कर गए, आज 76 साल बाद भी ये ना हम जान पाए और ना आप, बस रह गई उनकी वीरता की कहानियाँ जो आज भी रूह कंपा देती है, मरी हुई देश भक्ति जगा देती हैं, स्वतंत्रता की अहमियत बता देती है।

स्वतंत्रता संग्राम से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य :-

  • दोस्तों 15 अगस्त को हमारे देश के साथ दुनिया के कई अन्य देश अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं जो की क्रमशः 1945, 1971 और 1960 में आज़ाद हुए थे। इन देशों के नाम इस प्रकार से हैं –
    • दक्षिण कोरिया
    • बहरीन
    • कांगो
  • दोस्तों क्या आपको पता है जब हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आज़ाद हुआ तब तक हमारे देश का कोई भी राष्ट्र गान नहीं था। आपको यह जानकर हैरानी होगी रविंद्रनाथ टैगोर हमारे देश का राष्ट्रगान “जन गण मन” 1911 में ही लिख चुके थे परन्तु देश की संसद के द्वारा 1950 में जन गण मन को राष्ट्र गान के रूप में स्वीकार किया गया।
  • क्या आपको पता है की देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू जी के द्वारा दिया गया ऐतिहासिक भाषण “Tryst with Destiny” 14 अगस्त की मध्य रात्रि को उस समय के वायसराय लॉज (अब राष्ट्रपति भवन) में दिया गया था। उस समय तक नेहरू जी देश के प्रधानमंत्री नहीं बने थे।
  • वैसे तो हर वर्ष 15 अगस्त को लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और लाल किले की प्राचीर (Barbican) से प्रधानमंत्री के द्वारा भाषण दिया जाता है। पर 15 अगस्त 1947 को ऐसा नहीं हुआ था उस समय झंडा 16 अगस्त 1947 को फहराया गया था।
  • देश की स्वतंत्रता के समय देश के अंतिम वायसराय का नाम था “लार्ड माउंटबेटेन“। जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के समय पंडित नेहरू के साथ आज़ादी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये थे।
निष्कर्ष
  • देश की स्वतंत्रता में हमारे देश के वीरों द्वारा दिए गए योगदान को हमें सदैव स्मरण करते रहना चाहिए और उन्हीं के नक़्शे क़दमों पर चलकर हमें हमारे देश की सम्प्रभुता व स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए देश के एक जिम्मेदार नागरिक की तरह अपने देश की सेवा में योगदान देना चाहिए।

15 अगस्त पर निबंध 10 lines

  1. स्वतंत्रता दिवस भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है।
  2. यह दिन प्रत्येक भारतीय के लिए गौरव का दिन है।
  3. आज ही के दिन 15 अगस्त 1947 में भारत देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था।
  4. 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री पहले शहीदों के स्मारक पर जाते हैं।
  5. हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस के आयोजन के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं।
  6. इसके बाद वे लाल किले पर ध्वजारोहण करते हैं और फिर देश वासियों को सम्बोधित करते हैं।
  7. देश की आजादी के लिए कई महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया है।
  8. इस दिन मौके पर लाल किले पर परेड का आयोजन किया जाता है।
  9. 15 अगस्त के दिन स्कूलों में झांकियां निकली जाती हैं।
  10. इस दिन जय हिन्द, वंदेमातरम्, भारत माता की जय, इंकलाब जिंदाबाद के नारों से पूरा देश गूंज उठता है।

15 अगस्त पर निबंध – 15 august par bhashan

15 अगस्त 2024 को हमारे देश के कौन से स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाएगा?

इस वर्ष हम 15 अगस्त 202 में हमारे देश की आजादी के 77 वें स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाएंगे।

इस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस के रूप में क्यों मानते हैं ?

इस दिन 15 अगस्त 1947 को हमारे देश से अंग्रेजी शासन हट जाने के बाद, हमारा देश पूरी तरह अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया था, जिसमें देश के बहुत से वीरों के बलिदान के योगदान से ही हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हो सकी, इनके इसी योगदान को स्मरण कर हम इस दिन को देश की आजादी के तौर पर याद रखने के लिए स्वतंत्रता दिवस के रूप में हर वर्ष मानते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के दिन क्या-क्या कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ?

स्वतंत्रता दिवस के दिन देश भर में नागरिक इस दिन को एक त्यौहार की तरह ख़ुशी और उल्लास से मनाते हैं, और इस दिन लाल किले में प्रधानमंत्री जी द्वारा देश का तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रीय गान गया जाता है, साथ ही विद्यालयों में भी तिरंगा फहराकर भाषण व पोस्टर प्रतियोगिताओं का कार्यक्रम भी धूम-धाम से आयोजित किया जाता है।

इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर किन्हें अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाएगा ?

इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर हमारे देश के उन सभी खिलाडियों को आमंत्रित किया जाएगा, जिन्होंने इस वर्ष ओलंपिक खेलों में हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया है।

15 अगस्त के शुभ अवसर पर झांकियां कहाँ से निकाली जाती है ?

स्कूल के माध्यम से 15 अगस्त के शुभ अवसर पर झाँकियाँ निकाली जाती है।

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