जल ही जीवन है पर निबंध: Jal hi Jivan Hai Par Nibandh

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Reported by Saloni Uniyal

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जल हमारे जीवन में एक बहुत महत्वपूर्ण पदार्थ है जो कि हमें प्रकृति द्वारा दिया गया अमूल्य उपहार है। इसके बिना पृथ्वी सूनी है। यदि यह हमारे जीवन में नहीं होगा तो हम अपना कोई भी कार्य पूरा नहीं कर पाएंगे इसलिए इसे जल ही जीवन कहा गया है अर्थात जल ही हमारा जीवन है यदि ये नहीं होगा तो पृथ्वी पर कोई भी प्राणी जीवित नहीं रहेगा। आपको बता दें पृथ्वी का भाग 70 प्रतिशत पानी से घिरा हुआ है जिसमें से हम केवल 1 प्रतिशत ही इस्तेमाल कर सकते हैं जिसकी वजह से इसका संरक्षण करना बहुत आवश्यक हो गया है। सरल भाषा में कहें तो सभी जीव जंतुओं को जीवित रहने के लिए जल की आवश्यकता होती है इसके अतिरिक्त पृथ्वी पर उपस्थित पेड़ पौधे, कीट पतन आदि सभी जल के बिना जीवित रहना असंभव है। अकसर स्कूल में शिक्षकों द्वारा जल ही जीवन है पर बच्चों से निबंध प्रतियोगिता कराई जाती है जिसके लिए बच्चे इंटरनेट की सहायता लेते हैं।

जल ही जीवन है पर निबंध: Jal hi Jivan Hai Par Nibandh
जल ही जीवन है पर निबंध: Jal hi Jivan Hai Par Nibandh

जल का महत्व, लाभ

हमारे सम्पूर्ण जीवन में जल के बहुत महत्वूर्ण कार्य है जिसके हम कुछ कार्यों के बारे में नीचे बताने जा रहें हैं आप देख सकते है।

  • कृषि- जैसा कि दोस्तों आप सभी को पता है कि हमारा देश भारत एक कृषि प्रधान देश है। देश में किसानों द्वारा अन्न उगाया जाता है इसे ही कृषि कहते हैं लेकिन बिना पानी के कृषि करना संभव नहीं है। यदि खेतों में पानी की सिंचाई नहीं की जाएगी तो धरती सूखी पड़ जाएगी जिससे सभी फसलें सुख जाएगी और बर्बाद हो जाएगी। इसलिए कृषि करने के लिए पानी की सिंचाई होना जरुरी है।
  • दैनिक जीवन में- हमारे दैनिक जीवन की बात करें तो इसमें सबसे ज्यादा कार्य पानी से होते है जिसमें हमारा खाना, पीना, नहाना एवं अन्य कई कार्य किये जाते है। इसके अतिरिक्त हमारी बॉडी का 60 से 70 प्रतिशत भाग पानी से बना हुआ है इस वजह से हमें पानी की जरुरत पड़ती है। रक्त का जो अधिकांश भाग है वह भी जल ही होता है।
  • जीव जंतु एवं वनस्पति- पानी जितना जरुरी मनुष्य के लिए है उतना ही महत्वपूर्ण पशु पक्षी, जीव जंतु एवं पेड़ पौधों के लिए ही भी होता है। अर्थात पृथ्वी पर उपस्थित कोई भी जीवित प्राणी बिना जल के जीवित नहीं है।

जल के स्रोत

प्रकृति में जल के कई स्रोत है जिससे हम जल प्राप्त करते हैं। सबसे पहले तो वर्षा का जल है इसकी वजह से ही पृथ्वी पर पानी है अगर वर्षा नहीं होंगे तो पूरी पृथ्वी सूखी पड़ जाएगी। लेकिन मनुष्य अपने लाभ के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है जिससे वर्षा का पानी धरती पर गिरते ही बह जाता है और अवशोषित नहीं हो पता जो कि एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। इसके अतिरिक्त पानी के कई स्रोत हैं जैसे- नदियां, तालाब, झील एवं कुँए इनसे भी हम जल प्राप्त करके अपनी पूर्ति करते हैं।

विश्व जल दिवस

विश्व में लोगों को जल ही जीवन है के विषय में जागरूक एवं इसके महत्व को समझाने के लिए हर साल विश्व जल दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है जिसे कि अंग्रेजी में World Water Day कहा जाता है। आज के समय में कई लाखों लोग ऐसे हैं जिन तक भरपूर मात्रा में पानी नहीं पहुँच पता जिससे उन्हें कई समस्याएं होती है, तो का जगह पानी की कमी के कारण लोगों को दूषित ही पानी पीना पड़ता है। विश्व जल दिवस के दिन लोगों को बताया जाता है कि हमारे जीवन में जल का कितना महत्व है इसकी कमी के कारण सम्पूर्ण पृथ्वी का जीवन संकट में पड़ जाएगा जिसके लिए हमें इसे संरक्षण करने का प्रयास करना है। स्कूल में भी इस दिवस पर कार्यक्रम कराए जाते हैं एवं बच्चों से निबंध भी लिखाए जाते हैं।

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जल प्रदूषण

आज के समय में जल कमी की समस्या का सामना हर व्यक्ति को करना पड़ रहा है और इसका सबसे बड़ा कारण जल प्रदूषण है। जल प्रदूषण का मेन कारण मनुष्य है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों एवं कारखाने से निकलने वाले पानी को नदियों एवं अन्य जल स्रोतों में मिला दिया जाता है जिस कारण पानी प्रदूषित हो जाता है जिससे वह पीने लायक नहीं बचता है। लोग अपने घरों से कूड़ा कचरा ले जाकर नदियों में फैंक देते है तो कई लोग नदियों में कपड़े धोते है जिस वजह से सम्पूर्ण नदी दूषित हो रही है और दिन प्रतिदिन जल प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है।

जल प्रदूषण को रोकने के उपाय

  • जल के किसी भी स्रोत को दूषित होने से रोके।
  • जल प्रदूषण को कम करने के लिए हमें अपने आस-पास के नागरिकों को जागरूक करना होगा।
  • फैक्ट्रियों एवं कारखानों से निकलने वाले गंदे जल एवं कूड़े को नदियों में प्रवाहित ना करें।
  • घर से निकलने वाले गंदे पानी को प्रवाहित करने के लिए अलग नालियां बनाई जाए और उसके पानी को नदियों में मिलाने के बजाय दूसरी जगह उचित प्रबंधन करके प्रवाहित करें। इससे नदियां दूषित नहीं होंगी।
  • जल प्रदूषण को रोकने के साथ आपको जल संरक्षण भी करना है इसके लिए आप वर्षा जल को एकत्रित कर सकते हैं।
  • अधिक से अधिक पेड़ों को लगाएं ताकि पर्यावरण स्वच्छ रहे।
  • घर से निकलने वाले कूड़े-कचरे को जल निकायों में प्रवाहित ना करें।

जल से होने वाली हानियां

जल हमारे जीवन का एक मुख्य हिस्सा है लेकिन अधिक जल होने से भी कई हानियां होती है जो कि निम्नलिखित है –

  • अत्यधिक वर्षा होने से बाढ़ आ जाती है जिससे लोगों के घर तबाह हो जाते हैं एवं बाढ़ में डूबने के कारण कई लोगों की मृत्यु भी हो जाती है।
  • अत्यधिक पानी होने से सभी फैसले बर्बाद हो जाती है जिससे सारा अनाज नष्ट हो जाता है जो कि अकाल का कारण बनता है।
  • पानी से कई प्रकार की बीमारियाँ भी होती है जैसे- पीलिया, टाइफाइड बुखार, दस्त, उल्टियां, पेट ख़राब एवं हैजा आदि रोग दूषित पानी के उपयोग करने से होते हैं।
  • तेज बारिश होने से शहरों में सड़कें पानी से भर जाती है जिस कारण लोगों के काम रुक जाते हैं एवं किसी भी व्यक्ति का बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

जल ही जीवन है पर 10 लाइन

जल ही जीवन है पर 10 लाइन नीचे निम्न प्रकार से बताई हुई है –

  1. जल हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण पदार्थ है जो कि मनुष्य, जानवरों, पौधों एवं प्रकृति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
  2. जल को पानी, नीर तोय के नाम से भी जाना जाता है।
  3. प्रकृति में जल तीन अवस्थाओं में पाया जाता है।
  4. जल हमारे जीवन में एक अमूल्य उपहार है इसका उपयोग सही से करें।
  5. जल को संरक्षित करके रखे ताकि पृथ्वी पर इसकी कमी ना हो।
  6. जल ही जीवन है इस अर्थ का सही उपयोग करके, इस विषय पर लोगों को जागरूक करें।
  7. आवश्यकता से अधिक पानी का इस्तेमाल ना करें।
  8. बारिश के पानी को इकट्ठा करके जल संरक्षण किया जा सकता है।
  9. पानी का कोई भी रंग नहीं होता यह बेरंग होता है।
  10. जल का रासायनिक नाम H2O है।

यह भी देखें:

जल ही जीवन है पर निबंध से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

जल ही जीवन है यह क्यों कहा गया है?

हमारे जीवन में जल एक अमूल्य उपहार है जो कि बहुत महत्वपूर्ण है इसके बिना हमारा कोई भी कार्य पूरा नहीं हो सकता है हमारे आम जीवन में जल सबसे महत्वपूर्ण है।

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व्यक्ति के जीवन में जल का क्या महत्व है?

हमें जीवन में दैनिक कार्यों को करने के लिए जल चाहिए होता है इसकी सहायता से हम सभी कार्यों को पूर्ण कर पाते हैं इसके अतिरिक्त हमारे शरीर के लिए जल एक महत्वपूर्ण भाग है।

पृथ्वी का कितना प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है?

पृथ्वी का कितना 70 प्रतिशत भाग जल से घिरा हुआ है।

जल को दूषित होने से कैसे रोके?

हमें जल को दूषित होने से रोकने के लिए जल संरक्षण का अधिक महत्व समझना है इसके लिए हमें नदियों में गन्दगी नहीं करनी है जितने भी पानी के स्रोत हैं उन्हें दूषित होने से बचाना है।

क्या जल को संरक्षण करने के लिए विश्व जल संरक्षण दिवस मनाया जाता है?

जी हाँ, हर वर्ष विश्व जल संरक्षण दिवस 22 मार्च को मनाया जाता है।

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