संसार में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है, चाहे वह विद्यार्थी हो या अन्य कोई व्यक्ति उसके लिए अनुशासन ही सम्पूर्ण जीवन का आधार है। इसके तहत हम अपने जीवन को संतुलित करके रखते हैं। बिना Discipline के किसी व्यक्ति का विकास हो पाना संभव नहीं है। यह एक ऐसा गुण है जो कि हमें सफलता के मार्ग में जाने के लिए प्रेरित करता है जिससे हम अपने जीवन में ऊंचाई हासिल कर सके। स्कूल में टीचर बच्चों को अनुशासन विषय पर निबंध लिखने के लिए देते है और बच्चे इस विषय को लेकर चिंता में पड़ जाते हैं लेकिन आपकी इस समस्या का हल हमने कर लिया है। इस लेख में हमने अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay in Hindi) उपलब्ध कराया है। स्कूल के छात्र इस आर्टिकल की मदद से अनुशासन विषय पर निबंध लिख सकते हैं।
अनुशासन क्या है?
कोई भी काम करने के लिए अनुशासन का होना अतिआवश्यक है। अनुशासन दो शब्दों अनु एवं शासन से मिलकर बना हुआ होता है। अनु का अर्थ ‘पालन’ एवं शासन का अर्थ ‘नियम’ होता है अर्थात अनुशासन का अर्थ नियमों का पालन करना होता है। समाज में संतुलित जीवन जीने के लिए अनुशासन का होना बहुत आवश्यक है। इस शब्द को अंग्रेजी में Discipline कहा जाता है जो कि लैटिन भाषा के Disciplina शब्द से लिया गया है इसका मतलब आज्ञापालन या फिर सीखना भी बताया गया है। मनुष्य को अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए Discipline आगे बढ़ाता है।
अनुशासन का महत्व
यदि हमारे जीवन में अनुशासन नहीं है तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर सकते है क्योंकि इस गुण के बिना लक्ष्य प्राप्ति कर पाना असम्भव है। दुनिया में प्रत्येक व्यक्ति को अनुशासन के नियमों का पालन करना होता है। अनुशासन के नियम का पालन व्यक्ति ही नहीं बल्कि प्रकृति में पाई जाने वाले प्रत्येक जीव -जंतु एवं वनस्पति करते हैं। यदि हमें किसी काम को करना है या फिर उसका हल निकालना है तो हमें अनुशासित करके यह काम करना होता है अर्थात जो अनुशासित व्यक्ति होता है वह कठिन से कठिन समस्या का आसानी से अन्य लोगों के मुकाबले हल कर देता है। कोई भी मनुष्य कहीं भी हो या घर से बाहर, खेल रहा हो, स्कूल में पढ़ाई कर रहा हो तो उसे डिसिप्लिन के नियम से रहना होता है। इसके अतिरिक्त जीवन में हम जो भी छोटा काम या बड़ा काम करते हैं उसके लिए इस गुण का होना बहुत आवश्यक होता है। यदि हम अनुशासन से पढ़ाई नहीं करेंगे तो हम अपनी कक्षा में पास नहीं होंगे या फिर अच्छे नंबर प्राप्त नहीं कर पाएंगें। इसलिए हमें अपने जीवन में किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए डिसिप्लिन रहना होगा।
अनुशासन के लाभ
अनुशासन मनुष्य को समाज में उच्चता प्रदान करता है। सरल भाषा में कहे तो अनुशासन व्यक्ति को जीवन में सफलता की ऊंचाई प्राप्त करने के लिए बढ़ावा प्रदान करता है। यदि व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में अनुशासन से कार्य करता है तो वह जल्द ही अपना मुकाम हासिल कर लेता है। इसे गुण को सफलता का आधार बताया गया है। यदि हमें अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना है तो हमें इस गुण के नियमों का पालन करना होगा। जो छात्र अनुशासन से स्कूल जाएगा एवं अनुशासित होकर अपनी पढ़ाई को पूरा करेगा वहीं अपने जीवन में सफल हो सकता है। इसके अतिरिक्त हम इस बात को मानकर अपने जीवन की कई परेशानियों एवं कष्टों को दूर कर सकते हैं। साथ ही जो व्यक्ति अनुशासन से अपना जीवन नहीं जीते हैं बाद में उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है और अनुशासनहीन व्यक्ति कभी भी अपने जीवन में कामयाब नहीं होता है।
बिना अनुशासन के हानि
अनुशासनहीन व्यक्ति अपने देश एवं समाज के लिए प्राण नाशक होता है। देश की अर्थव्यवस्था का कमजोर पड़ना इसका ही कारण है इसके अतिरिक्त राजनीति में भ्रष्टाचार एवं अराजकता भी इस वजह से ही फैलती है। देश में विकास एवं तरक्की नहीं होती है। अनुशासनहीन व्यक्ति अपने जीवन में कभी भी सफल नहीं हो पाता है चाहे वह कुछ कर ले। हर कदम पर उसे हार का ही सामना करना पड़ता है।
विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का महत्व
विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का होना बहुत जरूरी है। यदि विद्यार्थी बचपन से ही इस गुण को अपने जीवन में शामिल करता है तो उसे हर कदम पर कामयाबी हासिल होती है। इससे वह अपने नाम के साथ अपने परिवार, अपने स्कूल एवं समाज का नाम भी रोशन करता है। विद्यार्थी का डिसिप्लिन पढ़ाई में तो होता ही है साथ ही खेल -कूद व एक दूसरे से बात करने में भी शामिल होता है। विद्यार्थी को केवल स्कूल में ही डिसिप्लिन से नहीं रहना होता बल्कि अपने घर में एवं बाहर दूसरे लोगों से भी ऐसी ही रहना चाहिए।
अनुशासन कितने प्रकार का होता है?
मुख्य रूप से अनुशासन दो प्रकार के होते हैं- पहला बाह्य अनुशासन एवं दूसरा आंतरिक अनुशासन। बाह्य अनुशासन का अर्थ उस अनुशासन को बताया गया है जो कि किसी व्यक्ति के कहने पर अपने जीवन में अपनाया जाता है जो कि कुछ समय के लिए अपनाया जाता है। इसके अतिरिक्त आंतरिक अनुशासन ही जीवन का आवश्यक हिस्सा है क्योंकि हम इसे अपने आंतरिक रूप से अपने जीवन में शामिल करते हैं।
अनुशासित व्यक्ति के गुण
- ऐसे व्यक्ति अपनी दिनचर्या में इस गुण का हमेशा से पालन करते हैं।
- जीवन में अपने कार्य को लेकर सजग रहें।
- हमें अपने जीवन का बराबर संतुलन बनाए रखना चाहिए।
- हमें हमेशा अपने से बड़ों एवं छोटे बच्चों का सम्मान करना चाहिए।
- अपने जीवन में हमेशा पॉसिटिव बात एवं विचार सोचने चाहिए।
- वह व्यक्ति अपना काम समय पर करता है तथा अपना समय किसी अन्य फालतू काम में व्यर्थ नहीं जाने देता।
- बुरे कार्य करने से बचना है।
- किसी से कार्य की बात करें फालतू बाते करने से दूर रहें।
- अपने कार्यों को पूरी निष्ठा के साथ करना चाहिए।
- अपने कार्य को किसी अन्य व्यक्ति पर ना थोपे।
Discipline पर 10 लाइन
- जीवन में सफल होने के लिए अनुशासन होना बहुत जरूरी है।
- अपने जीवन को संतुलित करने के लिए अनुशासित रहना बहुत आवश्यक है।
- सर्वप्रथम हमारे माता-पिता द्वारा ही हमें अनुशासन का ज्ञान प्रदान किया जाता है।
- स्कूल में बच्चों को Discipline से रहना चाहिए।
- Discipline से हमें अपनी सफलता का रास्ता पता चलता है।
- अनुशासन के तहत हम अपने से बड़ों एवं छोटों का सम्मान करते हैं।
- Discipline रहने से हम बुराई को छोड़कर अच्छाई की ओर जाते हैं।
- अच्छे एवं बुरे काम में फर्क हमें Discipline के माध्यम से पता चलता है।
- स्कूल में अध्यापक हमें अनुशासन से रहना सिखाते हैं।
- अनुशासन हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
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अनुशासन पर निबंध से जुड़े सवाल/जवाब
मनुष्य के जीवन में अनुशासन का क्या महत्व है?
मनुष्य के जीवन में अनुशासन का बहुत महत्व है। बिना अनुशासन के मनुष्य अपने जीवन में सफलता हासिल नहीं कर सकता है।
क्या नौकरी करने के लिए Discipline का होना जरुरी है?
जी हाँ, कोई भी नौकरी करने के लिए पहले व्यक्ति का Discipline होना अनिवार्य है तब जाकर वह अपने काम को कर सकता है।
अनुशासन शब्द किससे मिलकर बना है?
अनुशासन दो शब्दों से मिलकर बना है अनु (पालन) एवं शासन (नियम) इसका अर्थ होता है नियमों का पालन करना।
अनुशासन से हम क्या सीखते हैं?
अनुशासन से व्यक्ति एक जिम्मेदार नागरिक बनता है जो कि समाज से सबका आदर व प्यार से व्यवहार करता है।
क्या स्कूल में विद्यार्थियों को अनुशासन का पालन करना चाहिए ?
जी हाँ, स्कूल के प्रत्येक विद्यार्थी को अनुशासन में रहना अनिवार्य होता है स्कूल के अलग -अलग नियम होते है जिसके तहत बच्चे को अनुशासित रहना होता है।
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