PPF Vs NPS: क्या आपने कभी पीपीएफ एवं एनपीएस प्लान के बारे में सुना है? यदि नहीं तो आपको बता दें यह दोनों लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है जो रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने का एक बेहतर ऑप्शन है। इन स्कीम में निवेश करके आप अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते हैं तथा भविष्य में एक तगड़ी रकम प्राप्त कर सकते हैं। NPS भी एक रिटायरमेंट सेविंग प्लान है जिसमें आप निवेश का 60 प्रतिशत हिस्सा रिटायरमेंट के समय निकाल सकते हैं तथा बाकी 40 प्रतिशत का उपयोग पेंशन योजना के लिए किया जाता है। तो चलिए जानते हैं इन दोनों प्लान में सबसे बेस्ट प्लान कौन सा है जिसमें आपको अधिक फायदा मिलेगा।
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PPF प्लान क्या है?
PPF स्कीम भारत सरकार द्वारा जारी की गई है जो कि एक लॉन्ग टर्म सेविंग स्कीम है। यदि आप अपने भविष्य के लिए पैसे बचाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे बेस्ट स्कीम है जिसमें आप सेविंग कर सकते हैं। यह सुरक्षित स्कीम है जिसमें आप बिना डरें निवेश कर सकते हैं। स्कीम में निवेश की कोई लिमिट नहीं बनाई गई है। तथा सरकार ही इसमें रिटर्न तय भी करती है।
आप PPF अकाउंट में वार्षिक 500 रुपए से लेकर 1.5 लाख रुपए तक इन्वेस्ट कर सकते हैं। टैक्स सेविंग के लिहाज से बताए तो PPF में निवेश करना एक अच्छा तरीका माना गया है क्योंकि जिस राशि को आप निवेश करते हैं अथवा आपको जो ब्याज प्राप्त होगा उस पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लगाया जाता है। क्योंकि इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत यह पैसा टैक्स फ्री किया गया है। देश में जितने भी नागरिक 18 साल से अधिक आयु के हैं वे PPF अकाउंट ओपन करके इन्वेस्ट कर सकते हैं।
PPF के फायदे:
- PPF में निश्चित रिटर्न मिलता है, जो जोखिम नहीं लेना चाहते उन निवेशकों के लिए अच्छा है।
- PPF में निवेश, अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि सभी कर-मुक्त हैं।
- 7 साल बाद सीमित निकासी की अनुमति है।
- 3 साल बाद ऋण उपलब्ध है।
NPS प्लान क्या है?
NPS एक सरकारी स्कीम है जिसे रिटायरमेंट सेविंग प्लान भी कहा जाता है। यह आपके रिटायरमेंट के लिए पैसे बचाने की बेहतर स्कीम मानी जाती है। देश का कोई भी नागरिक इस स्कीम में अपने भविष्य के लिए एक निश्चित राशि को इन्वेस्ट कर सकता है। जब आपका रिटायरमेंट होता है तो उस समय NPS निवेश कर 60 फीसदी भाग निकाल सकते हैं। इसके अलावा 40 प्रतिशत का उपयोग पेंशन स्कीम प्राप्त करने के लिए किया जाता है। NPS में कितना रिटर्न मिलेगा इसकी कोई जानकारी नहीं है क्योंकि इसमें किया गया निवेश बाजार जोखिम से अटैच रहता हैं। 18 वर्ष से 70 वर्ष के व्यक्ति इस स्कीम में इन्वेस्ट कर सकते हैं। नागरिक इसमें शामिल होकर निवेश करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
NPS के फायदे:
- NPS में बाजार-संबंधित रिटर्न मिलने की क्षमता है, जो उच्च रिटर्न की संभावना प्रदान करता है।
- आप अपनी जोखिम सहनशीलता के अनुसार विभिन्न प्रकार के फंडों में निवेश कर सकते हैं।
- आप अपनी पसंद के अनुसार पेंशन योजना चुन सकते हैं।
- कुछ शर्तों के साथ 3 साल बाद निकासी की अनुमति है।
PPF vs NPS
विशेषता | PPF | NPS |
---|---|---|
निवेश का प्रकार | निश्चित आय | बाजार-संबंधित |
रिटर्न | सरकार द्वारा निर्धारित (वर्तमान में 7.1%) | बाजार प्रदर्शन पर आधारित |
जोखिम | कम | मध्यम से उच्च |
निवेश अवधि | 15 साल | 60 वर्ष तक |
निवेश की न्यूनतम राशि | ₹500 प्रति माह | ₹500 प्रति माह |
अधिकतम निवेश राशि | ₹1.5 लाख प्रति वर्ष | कोई सीमा नहीं |
योगदान की आवृत्ति | मासिक, तिमाही या वार्षिक | मासिक, तिमाही या वार्षिक |
कर लाभ | धारा 80C के तहत कर-मुक्त योगदान, अर्जित ब्याज और परिपक्वता राशि | धारा 80C के तहत कर-मुक्त योगदान, निकासी पर कर योग्य |
आंशिक निकासी | 7 साल बाद सीमित निकासी | कुछ शर्तों के साथ 3 साल बाद निकासी |
ऋण सुविधा | 3 साल बाद उपलब्ध | उपलब्ध नहीं |
निवृत्ति के बाद विकल्प | एकमुश्त राशि और पेंशन | पेंशन |
कौन सा प्लान आपके लिए बेहतर है?
- यदि आप कम जोखिम वाले निवेशक हैं और निश्चित रिटर्न चाहते हैं, तो PPF आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
- यदि आप उच्च रिटर्न की संभावना के साथ अधिक जोखिम लेने वाले निवेशक हैं, तो NPS आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।