सोना कैसे बनता है और सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है? Gold Making Process In Hindi

सोना (Gold) दुनिया की बेशकीमती धातु है। जो बहुत ही दुर्लभ है। दोस्तों जैसा की आप जानते हैं सोने का उपयोग आभूषण (Ornament) घर के सजावटी (Decorative) सामान आदि में किया जाता है। अपने इस गुण के कारण सोना बहुत महंगा बिकता है। दोस्तों आपने देखा होगा की सोने से बनी वस्तुएं और आभूषण में ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

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सोना (Gold) दुनिया की बेशकीमती धातु है। जो बहुत ही दुर्लभ है। दोस्तों जैसा की आप जानते हैं सोने का उपयोग आभूषण (Ornament) घर के सजावटी (Decorative) सामान आदि में किया जाता है। अपने इस गुण के कारण सोना बहुत महंगा बिकता है। दोस्तों आपने देखा होगा की सोने से बनी वस्तुएं और आभूषण में बदलते मौसम का कोई असर नहीं पड़ता है इस कारण सोने के आभूषण लम्बे समय तक सुरक्षित रहते हैं। हमारे देश में लोग सोने के गहनों, बिस्किट (Biscuit), सोने से बनी वस्तुओं आदि में निवेश करना पसंद करते हैं क्योंकि बाज़ार के अनुसार सोने का भाव चढ़ता और उतरता रहता है। चलिए आगे जानते हैं Gold कैसे बनता है और सोने का उत्पादन कैसे किया जाता है?

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लेकिन क्या आपके मन में यह सवाल आता है की पृथ्वी के अंदर सोना बनता कैसे है (Gold Making Process), जमीन से सोना कैसे निकाला जाता है, सोने के आभूषण कैसे बनाये जाते हैं। दोस्तों आज हम आपके इन्हीं सब सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे। अपने इस आर्टिकल में हम आपको सोने से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान करेंगे। यदि आप इन सभी के बारे में जानने के इच्छुक हैं तो आपको हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़ना चाहिए।

क्या होता है सोना (Gold) ?

दोस्तों सोना हमारे ग्रह पृथ्वी पर पायी जाने वाली बहुत ही कीमती (Precious) रासायनिक रूप में मौजूद तत्व (Element) है। रसायन विज्ञान (Chemistry) में उपयोग होने वाली आवर्त सारणी (Periodic table) के अनुसार सोने का रासायनिक (symbol) प्रतीक (Au) है। जो लैटिन शब्द Aurum के लिया गया है। हिंदी में इस शब्द का मतलब पीले रंग की मुलायम, चमकदार, सर्वाधिक संपीड्य (Malleable)और घनत्व वाली धातु है जिसे सोना कहा जाता है। आवर्त सारणी के अनुसार सोने का परमाणु क्रमांक (Atomic Number) 79 है और परमाणु भार (Atomic Weight) 196.96 u होता है।

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सोने की Properties (गुण धर्म):

Group (समूह)11
Period6
Block (ब्लॉक)d
Atomic Number (परमाणु क्रमांक)79
State at 20°CSolid (ठोस)
Electron Configuration (इलेक्ट्रॉनिक विन्यास)[Xe] 4f145d106s1
Chem Spider ID22421
Melting Point (गलनांक)1064.18°C, 1947.52°F, 1337.33 K
Boiling Point (क्वथनांक)2836°C, 5137°F, 3109 K
Density (घनत्व) (g cm−3)19.3
Atomic Mass (परमाणु द्रव्यमान) / परमाणु भार (Atomic Weight)196.967
CAS Number7440-57-5

आपकी जानकारी के लिए बता दें की सोना बहुत ही कम क्रियाशील (Reaction) करने वाला रासायनिक तत्व है। आम तौर पर सोना हमारे प्राकृतिक वातावरण (चट्टान, पत्थर, मिट्टी) आदि में छोटे-बड़े कणों के रूप में पाया जाता है। दोस्तों हम आपको बता दें की सोना अपने कम क्रियाशील गुण होने के कारण Heat और Electricity जैसे उद्योगों में उपयोग किया जाता है।

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दुनिया के सभी बड़े और अमीर देशों के पास सोने के biscuit, ईंट, सोने से बनी वस्तुएं मुद्रा भंडार के रूप में बैंको में या लॉकरों में रखी हुई हैं। दुनिया भर में कई देश व्यापार (Business) के लेन देन में वस्तुओं और ली जाने वाली अथवा दी जाने वाली सेवाओं के रूप में सोने का आयात और निर्यात किया जाता है।

पृथ्वी में सोने का निर्माण कैसे होता है ?

दोस्तों अगर देखा जाय तो सोना पृथ्वी पर प्राकृतिक रुप से पाया जाने वाला तत्व है। दुनिया के कई देशों की सोने की खदानों में अलग-अलग तकनीकों का उपयोग कर सोना निकाला जाता है। वैसे सोने के अलावा चांदी, तांबा, हीरा और अन्य खनिज लवण भी जमीन से खोदकर निकाले जाते हैं। पर दोस्तों बड़ा प्रश्न यह है की सोना हमारी पृथ्वी पर आया कहाँ से इसके बारे में वैज्ञानिकों और भू-गर्भ शास्त्रियों के अलग-अलग मत हैं। कुछ वैज्ञानिक मानते हैं की आज के लगभग अरबों वर्ष पूर्व कोई बहुत बड़ा धूमकेतु हमारी पृथ्वी से टकराया होगा। जिस कारण उस धूमकेतु (Comet) में मौजूद तत्व हमारी पृथ्वी पर आ गए। इसके बाद जब Mines में खुदाई के द्वारा धातुओं को निकाला गया तो हमें सोना अशुद्ध रूप में प्राप्त हुआ।

उपरोक्त वैज्ञानिक थ्योरी के अलावा कुछ वैज्ञानिकों का यह मानना है की पृथ्वी के गर्भ में मरे हुए जीवों के जीवाश्म ने सालों तक पृथ्वी के गर्भ उच्च तापमान में दबे होने और रासायनिक क्रिया (Chemical Reaction) के कारण सोने जैसी कीमती धातुओं का निर्माण हुआ जो बाद में ज्वालामुखी फटने के साथ पृथ्वी की ऊपरी सतह में प्राप्त होने लगा।

Gold का उत्पादन कैसे किया जाता है ?

दोस्तों गोल्ड या सोने को जब जमीन या समुद्र से निकाला जाता है तो यह हमें पूर्ण रूप से शुद्ध ना होकर कुछ अशुद्वियों के साथ प्राप्त होता है। लेकिन आपको बता दें की अशुद्ध रूप से प्राप्त होने वाले सोने के साथ हमें तांबा, चांदी, जिंक आदि धातुएं प्राप्त होती हैं। यहाँ हम आपको बताते चलें की समुद्र के पानी से निकाला जाने वाला सोना एक टन पानी के एक ग्राम सोने के लगभग 40 वें भाग के बराबर होती हैं। परन्तु व्यापार में लाभ की दृष्टि इसको अच्छा नहीं माना जाता है।

सोने के उत्पादन हेतु Gold माइनिंग दो तरीकों से की जाती है।

पहला तरीका है Lode या vein deposit
दूसरा तरीका है Placer deposit.

सोने की माइनिंग हेतु किस प्रकार की deposit तकनीक का इस्तेमाल होगा सोने को शुद्ध करने हेतु अपनायी जाने वाली Refinery पर निर्भर करता है। सोने को शुद्ध करने के लिए उपयोग में ली जाने वाली रिफायनरी तकनीक के मुख्यतः चार भाग होते हैं –

  1. Floatation
  2. Cyanidation
  3. Amalgamation
  4. Carbon-in-pulp.
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इन सभी प्रोसेस में खुदाई में मिलने वाले सोने की रिफायनरी तकनीक सोने के अयस्क (ore) की पिसाई के ऊपर निर्भर करती है। आपको यह भी बता दें की सोने के एक अयस्क का उपयोग रिफायनरी एक से अधिक तकनीकों के लिए किया जा सकता है।

सोने की माइनिंग (Mining) कैसे की जाती है ?

सोने की माइनिंग (Mining) के मुख्यतः दो प्रकार हैं जिनकी प्रक्रिया इस प्रकार से निम्नलिखित है-

  • Lode या Vein Deposit – इस तरह की माइनिंग तकनीक में सोना पहाड़ों और चट्टानों की छोटी-बड़ी दरारों (Vein) से एक चमकीले पत्थर के रूप में निकाले जाते हैं। इसके लिए पहाड़ों की चट्टानों पर ड्रिल (Drill) या ब्लास्ट (Blast) तकनीक का सहारा लिया जाता है। आपको बता दें की Lode या Vein Deposit की प्रक्रिया में खुदाई करने के लिए माइनर्स को जमीन की काफी गहराई में जाना होता है। Lode या Vein Deposit विधि से निकाले हुए सोने में अशुद्ध रूप से कई प्रकार के खनिज मिले रहते हैं। अशुद्ध रूप से मिले सोने के बाद में इक्कठा कर रिफाइनिंग प्रोसेस के लिए भेज दिया जाता है।
  • Placer Deposit – दोस्तों Placer Deposit माइनिंग तकनीक में सोने के बहुत बड़े-बड़े टुकड़े खोदकर निकाले जाते हैं। ऐसे सोने के बड़े टुकड़े प्राकृतिक आपदाओं के कारण नदी की धारा के साथ बहकर आ गए होते हैं या किसी पहाड़ चट्टान पर पत्थर कंकड़ के साथ पाए जाते हैं। Placer Deposit तकनीक में तीन तरीकों से सोने की माइनिंग और रिफायनरी की जाती हैं जिसके बारे में हमने आगे विस्तृत चर्चा की है।
  1. Hydraulic Mining – दोस्तों इस तरह की तकनीक में सोने की खुदाई के लिए हाइड्रोलिक माइनिंग जैसी मशीनों का उपयोग करते हैं। Hydraulic Mining तकनीक में पानी की धार को हाई प्रेशर के साथ सोने के अयस्क के ऊपर फेंका जाता है। इसके बाद सोने के अयस्क को Sluice box के साथ बने trough में डाल दिया जाता है। बाद में एक खांचेनुमा बर्तन की सहायता से trough में से सोने को बाहर निकाल लिया जाता है।
  2. Dredging – इस तकनीक के माध्यम से किसी नदी या झील से सोना बाहर निकालने के लिए dredge जैसी मशीन का उपयोग किया जाता है। मशीन में लगी Bucket के द्वारा नदी से कीचड़ निकाला जाता है। बाद में निकले हुए कीचड़ से छन्नी में पानी के उपयोग के द्वारा मैटेरियल को छानकर सोना निकाल लिया जाता है।
  3. Grinding – इस तकनीक में प्रारम्भिक शोधन के समय सोने के अयस्क को बड़े ग्राइंडर मशीनों के द्वारा पीसा जाता है। पीसने के बाद फ़िल्टर (filter) के द्वारा सोने के अयस्क के पाउडर को छाना जाता है। छानने के बाद सोने के बारीक कण अशुद्धि से अलग हो जाते हैं।

ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (GPR) क्या होता है ?

दोस्तों GPR एक ऐसी मशीन है जिसकी मदद से जमीन के अंदर मौजूद सोने का पता लगाया जा सकता है इस तकनीक का उपयोग करने से आपको खुदाई करने से पहले उस स्थान का पता चल जाता है जहाँ सोना मौजूद होता है। GPR में लगा रडार जमीन की मिट्टी के घनत्व और चुंबकीय गुणों का पता लगाता है। इसके बाद रिकॉर्डर के द्व्रारा मशीन में ग्राफ तैयार किया जाता है। ग्राफ तैयार करने के बाद ड्रिलिंग मशीन से खोदाई करके थोड़ा मिट्टी का मलबा बाहर निकाल लिया जाता है। मिट्टी के लिए सैंपल (Sample) की जांच करके वैज्ञानिक यह पता लगाते हैं की जमीन के अंदर सोना मौजूद है की नहीं यह तकनीक खोदने में लगने वाले समय की काफी बचत करती है।

सोने का उत्पादन करने वाले TOP 10 देशों की सूची:

दोस्तों यहाँ हम आपको सोने के वार्षिक उत्पादन के अनुसार उन देशों की लिस्ट बता रहे हैं जो सोने के उत्पादन के अनुसार दुनिया के टॉप 10 देशों की सूची में शामिल हैं –

क्रमांकदेश (Name of Country)सोने का उत्पादन (टन में )
1चीन368.3
2रूस331.1
3ऑस्ट्रेलिया327.8
4संयुक्त राज्य अमेरिका190.2
5कनाडा170.6
6घाना138.7
7ब्राजील107
8उज़्बेकिस्तान101.6
9मेक्सिको101.6
10इंडोनेशिया100.9

सोने की रिफायनरी (Refinery) कैसे की जाती है ?

खुदाई में मिलने वाले सोने के अयस्क से सोना अलग करने के लिए विभिन्न प्रकार की रिफायनरी तकनीकों का उपयोग किया जाता है जिनमें Industry में उपयोग होने वाली मुख्यतः चार तकनीकों के बारे में हमने आपको यहाँ बताया है –

  • Floatation (तैरना): सोने की रिफायनरी की इस तकनीक में कुछ बेसिक chemicals का उपयोग करके सोने को शुद्ध किया जाता है। जमीन खोदकर निकले हुए सोने के अयस्क को एक केमिकल घोल में डाला जाता है। घोल में बनकर तैरने वाली फ्लोटिंग फिल्म में बारीक सोने के कण चिपक जाते हैं। बबल्स के साथ सोने के कण चिपकने से हमें
  • Cyanidation (साइनाइड) – सोने की मिश्रित अशुद्ध रूप धातु को इस तकनीक में cyanide घोल में सोने को डाला जाता है। इसके बाद सोने को निकालकर जिंक टैंक में डाला जाता है। इसके बाद सोना ज़िंक घोल (Solution) के साथ chemical reaction करके गोल्ड को सोने के अयस्क से अलग कर देता है जिससे हमे शुद्ध सोने का रूप प्राप्त होता है।
  • Amalgamation – दोस्तों सोने को शुद्ध करने की यह प्रक्रिया कुछ हद तक Cyanidation जैसी ही होती है। बस अंतर यह होता है की सोने को शुद्ध करने के लिए हम यहां जिंक घोल के स्थान पर Mercury (पारा) के घोल का इस्तेमाल करते हैं। इस प्रक्रिया में जमीन से सोने को निकालकर अयस्क के रूप में घोल में डाल दिया जाता है। पारे का यह गुण होता है की वह सोना (Gold) को अपनी ओर आकर्षित करता है। पारा सोने के साथ मिलकर एक मिश्रधातु (Alloy) का निर्माण करता है। इसके बाद जब मिश्रधातु को गर्म कर लिया जाता है तो Mercury गर्म होकर गैस के रूप में उड़ जाता है और बाकी बचा शुद्ध सोना इक्क्ठा होकर नीचे रह जाता है।
  • Carbon-in-pulp – दोस्तों सोने को शुद्ध करने की इस तकनीक में जिंक और Carbon (कार्बन) का घोल तैयार किया जाता है। इसके बाद अशुद्ध रूप सोने को बने हुए घोल में डालकर सोने के अयस्क और पानी का Pulp तैयार कर लिया जाता है। फिर Pulp को गर्म करके सोने और अयस्क को अलग कर दिया जाता है। गर्म करने के flux नामक chemical substance का उपयोग किया जाता है। जिसके बाद पिघला हुआ सोना तैरकर पानी की ऊपरी परत पर आ जाता है। बचा हुआ solid waste नीचे रह जाता है।

सोने की शुद्धता की जाँच कैसे करें ?

दोस्तों वैसे सोने की शुद्धता की जांच करने के लिए बाज़ार में अलग-अलग तकनीकें मौजूद हैं। लेकिन कुछ आसान से तरीके हैं जिससे आप आसानी से पता लगा सकते हैं की सोना असली है या नकली। यहाँ हम आपको ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं –

  • सोने पर मौजूद हाल मार्क और ऑफिसियल नंबर से : जब भी आप सोने की बनी कोई वस्तु खरीदते हैं तो दूकान के मालिक को सोने की ज्वेलरी या वस्तु पर भारतीय स्टैंडर्ड का हॉलमार्क निशान देना होता है। यदि आपने सोने की बनी कोई अंगूठी खरीदी है तो उसमें स्टैम्प के 1 से 999 तक का सीरियल नंबर की जाँच करनी चाहिए यह उस वस्तु बनने से संबंधित होता है। मुहर के साथ आपको सोने की गुणवत्ता का स्टैण्डर्ड 0K से 24K का मार्क देखना चाहिए। यह सब सोने के ग्रेडिंग सिस्टम के ऊपर निर्भर करता है।
  • सोने के आभूषण या वस्तु को घिसकर बदले हुए रंग से आप पता लगा सकते हैं सोना असली है या नकली : सोने को किसी समतल फर्श या टेबल पर रगड़कर देखें। यदि सोने को रगड़ने के बाद रंग छूटता है तो इसका मतलब सोना नकली है क्योंकि जब आप असली सोने को रगड़ते हैं तो वह अपना रंग नहीं छोड़ता है। क्योंकि सोने को रगड़ने पर अगर आपको कोई मेटल दिखाई दे तो सोना नकली है।
  • एक जग पानी में सोने को डुबाकर: यदि आप सोने को एक जग पानी में छोड़ते हैं और वह तैरने लगता है तो मतलब सोना नकली हैं क्योंकि असली सोने में घनत्व बहुत ज्यादा होता है जिस कारण वह पानी में डूब जाता है। इस तरह के आसान टेस्ट से आप सोने के नाम होने वाली धोखा धड़ी से बच सकते हैं।
  • सोने की चुंबकीय गुणवत्ता की जांच करके: दोस्तों इस तकनीक में आप सोने के किसी गहने के पास चुम्बक को ले जाकर देखें यदि गहना चुंबक की ओर आकर्षित होकर चिपक जाता है। इसका मतलब है गहना पूर्ण रूप से शुद्ध ना होकर गोल्ड प्लेटेड है अर्थात गहने पर सोने का पानी या रंग चढ़ाया हुआ है। क्योंकि दोस्तों सोना हमेशा चुंबकत्व का विरोध करता है। शुद्ध सोने का एक बेसिक गुण धर्म होता है की सोना चुंबक से चिपकता नहीं है। परन्तु यह टेस्ट हमेशा ही सफल नहीं होता है क्योंकि कुछ गहने लोहे जैसी मिश्रित धातु के साथ मिलकर बने होते हैं।

सोने के शुद्ध रूप से संबंधित standard:

सोने की गुणवत्ता को परखने के लिए भारत सरकार ने कैरट (carat) मानक बनाया है इसमें जब भी कैरट की मात्रा घटती है तो उसके अनुसार सोने की शुद्धता की मात्रा घटती है यहाँ हमने आपको टेबल के माध्यम से सोने की शुद्धता के standard के बारे में बताया है –

क्रमांक कैरट (carat) Standard सोने की शुद्धता की मात्रा प्रतिशत में
124 कैरट (carat)99.99 %
222 कैरट (carat)91.6 %
318 कैरट (carat)75 %
414 कैरट (carat)58.33 %
512 कैरट (carat)50 %
610 कैरट (carat)41.7 %

Gold कैसे बनता है FAQs:

भारत में सबसे अधिक सोने का उत्पादन करने वाला राज्य कौन-सा है ?

भारत में सबसे अधिक सोने का उत्पादन करने वाला राज्य कर्नाटक है जहां कोलार, हुट्टी और उटी नामक खानों से सोने का उत्पादन किया जाता है।

एक टन पत्थर से लगभग कितने ग्राम सोना निकलता है ?

आपकी जानकारी के लिए बता दें की सोने निकलने की सभी प्रक्रियाओं को पूरा कर लेने के बाद एक टन पत्थर से लगभग 4 ग्राम सोना निकलता है। यदि हम बात करें एक साल की तो यह औसतन 7 किलोग्राम सोने के बराबर होता है।

मिश्र धातु में मिलने वाले सोने के अयस्क के क्या नाम हैं ?

मिश्र धातु में मिलने वाले सोने के अयस्क के क्या नाम इस प्रकार से हैं –
कैलेवराइट, सिल्वेनाइट, पेटजाइट और क्रेनराइट

आज सोने का भाव कितना है ?

बाज़ार रिपोर्ट के अनुसार आज 10 ग्राम सोने के भाव ₹50,950/- है।

सोने का रासायनिक सूत्र क्या है ?

दोस्तों रसायन विज्ञान की आवर्त सारणी के अनुसार सोने का प्रतीक Au है। यही सोने का रासायनिक सूत्र है।

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