कैंसिल्ड चेक और इसकी उपयोगिता क्या है | what is cancelled cheque and it use in Hindi

दोस्तों जैसा की आपको पता है की हमारा देश भारत एक युवा देश है। युवा देश के नाते आज के Online Digitalization जमाने में जहाँ एक ओर भारत की बहुत बड़ी जनसंख्या पैसों के लेन देन के लिए ATM, UPI, Net Banking आदि माध्यमों का उपयोग करते हैं वहीं दूसरी ओर देश में आज भी ... Read more

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Reported by Rohit Kumar

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दोस्तों जैसा की आपको पता है की हमारा देश भारत एक युवा देश है। युवा देश के नाते आज के Online Digitalization जमाने में जहाँ एक ओर भारत की बहुत बड़ी जनसंख्या पैसों के लेन देन के लिए ATM, UPI, Net Banking आदि माध्यमों का उपयोग करते हैं वहीं दूसरी ओर देश में आज भी बहुत से लोगों के द्वारा पैसों का लेन देन चेक (Cheque) के द्वारा किया जाता है। दोस्तों आज के आर्टिकल में हम आपको Cancelled Cheque (रद्द चेक) के बारे में बताने जा रहे हैं। आज के आर्टिकल में आपको कैंसिल्ड चेक और इसकी उपयोगिता तथा Cancelled Cheque हमें कहाँ देना होता है? इन सभी के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे। जानने के लिए हमारे आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अंत तक जरूर पढ़ें।

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कैंसिल्ड चेक और इसकी उपयोगिता
कैंसिल्ड चेक और इसकी उपयोगिता

Cancelled Cheque (कैंसिल्ड चेक) क्या होता है ?

सबसे पहले आप यह जानें की किसे कहते हैं कैंसिल चेक, दोस्तों यहाँ हम आपको बताते चलें की जब भी किसी ब्लेंक चेक (Blank Cheque) पर दो तिरछी समांतर लाइने खींच के Cancelled लिख दिया जाता है तो उस चेक को कैंसिल्ड चेक (Cancelled Cheque) कहा जाता है। हिंदी में कैंसिल चेक को रद्द या निरस्त चेक कहा जाता है।

कैंसिल चेक को बनाते और देते समय ध्यान रखने योग्य बातें

आपको एक कैंसिल चेक बनाते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान देना चाहिए। ध्यान ना देने पर आपकी कैंसिल चेक से संबंधित प्रक्रियाओं में रुकावट आ सकती हैं। क्या हैं वह बातें जो आपको कैंसिल चेक बनाते समय ध्यान देनी चाहिए चलिए जानते हैं-

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  • कैंसिल चेक बनाते समय हमेशा नीली और काली स्याही के पेन (Pen) का उपयोग करें। पेन यदि बॉल पॉइंट डॉट पेन है यह और भी अच्छा है। इससे चेक बनाने में सुविधा होगी और चेक साफ़ – सुथरा भी रहेगा। कैंसिल चेक बनाते समय यह ध्यान रखें की चेक पर किये जाने वाले हस्ताक्षर किसी भी एक स्याही या तो नीली और या तो काली होनी चाहिए। हस्ताक्षर (Sign) में दो रंग की स्याही का उपयोग करने पर बैंक आपका कैंसिल चेक रद्द या निरस्त कर सकता है।
  • Cancel Cheque पर हस्ताक्षर (Sign) करना अनिवार्य नहीं – आपको हम बता दें की कैंसिल चेक पर ग्राहक को हस्ताक्षर करना जरूरी नहीं हैं क्योंकि कई बार ऐसा देखा गया है की हस्ताक्षर होने से बैंक फ्रॉड के बहुत ज्यादा मामलें सामने आये हैं। इसलिए बैंक ने अब Cancel Cheque पर हस्ताक्षर की अनिवार्यता को हटा दिया है।

एक कैंसिल चेक में कौन – कौन सी जानकारियां लिखी होती हैं ?

जब भी किसी बैंक ग्राहक के द्वारा Cancel चेक जारी किया जाता है तो उस कैंसिल चेक में निम्नलिखित जानकारियां दर्ज होती हैं यह जानकारियां इस प्रकार से हैं।

  • बैंक ग्राहक या खाताधारक का नाम (Name of Account Holder)
  • ग्राहक की बैंक खाता संख्या (Bank Account Number)
  • खाताधारक के बैंक शाखा का नाम (Bank Branch Name)
  • बैंक का IFSC Code
  • MICR (Magnetic Ink Character Recognition) Code
कहाँ माँगा जाता है Cancel Cheque ?

एक बैंक खाताधारक द्वारा निम्नलिखित प्रक्रियाओं के आवेदन के समय संबंधित संस्था द्वारा कैंसिल्ड चेक माँगा जाता है हमने यहाँ कुछ के बारे में बताया है –

  • जब भी आप किसी इंश्योरेंस कंपनी से कोई इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदते हैं। तो इंश्योरेंस कंपनी के द्वारा आपसे कैंसिल्ड चेक माँगा जाता है।
  • यदि कोई व्यक्ति जिसका PF कटता हो अगर वह अपने पीएफ खाते से पैसे निकलना चाहता है तो व्यक्ति को अपनी बैंक खाते को प्रमाणित करने के लिए EPFO को कैंसिल्ड चेक देना होता है।
  • यदि किसी व्यक्ति ने किसी इन्वेस्टमेंट कंपनी के म्युचअल फंड में निवेश किया है तो म्युचअल फंड कम्पनी के द्वारा व्यक्ति से Cancel Cheque माँगा जाता है।
  • आपको बता दें की जब भी आप इलेक्ट्रॉनिक क्लियरेंस सर्विस के लिए रजिस्टर करते हैं तो रजिस्टर समय आपको Cancelled Cheque देना होता है।

Blank Cheque और Cancelled Cheque में क्या है अंतर?

  • ब्लेंक चेक : दोस्तों आपको बता दें की जब भी आप किसी बैंक में लोन के लिए Apply करते हैं तो बैंक द्वारा आपसे कोरा चेक (Blank Cheque) माँगा जाता है। दोस्तों आपको बता दें की ब्लेंक चेक एक सामान्य चेक ही होता है जिसमें खाताधारक का नाम, अकाउंट नंबर, IFSC कोड, MICR कोड आदि की Details दर्ज होती है। जब भी बैंक से लोन के लिए आप एक सामन्य कोरे चेक पर हस्ताक्षर कर बैंक अधिकारी को देते हैं तो उस चेक को ब्लेंक चेक कहा जाता है जिसपे आपको अपने हस्ताक्षर के अलावा और कुछ नहीं लिखना होता है।
  • क्यों लिया जाता है ब्लेंक चेक : दोस्तों जैसा की आप तो जानते हैं की कोई भी बैंक पूरी जांच पड़ताल के बाद किसी भी व्यक्ति को लोन प्रदान करता है। बैंक द्वारा Blank Cheque लेने के तीन मुख्य कारण हैं जिसके बारे में हमने आपको आगे आर्टिकल में बिंदुवार तरीके से बताया है –
    • पहला कारण : ब्लेंक चेक लेने पर सबसे पहले बैंक अधिकारी द्वारा चेक पर किये गए हस्ताक्षर का मिलान किया जाता है। अधिकारी द्वारा हस्ताक्षर का मिलान करके यह देखा जाता है की लोन के लिए आवेदन करने वाला व्यक्ति वही है जिसका बैंक में खाता है।
    • दूसरा कारण : बैंक द्वारा ब्लेंक चेक लेने का दूसरा कारण यह है की इससे यह पता चलता है की लोन के आवेदन करने वाले व्यक्ति का बैंक अकाउंट किस बैंक में है।
    • तीसरा कारण : तीसरा सबसे बड़ा कारण यह की ब्लेंक चेक में मौजूद IFSC (Indian Financial System Code) की डिटेल्स से यह पता चलता है की लोन पाने वाले व्यक्ति का बैंक खाता किस बैंक शाखा (Branch) में है।
  • कैंसिल चेक : दोस्तों जैसा की हम आपको आर्टिकल में ऊपर पहले ही बता चुके हैं की जब भी किसी सामान्य चेक पर आड़ी तिरछी दो समानांतर लाइने खींचकर Cancelled लिख दिया जाता है। तो उस चेक को कैंसिल चेक कहते हैं। इस चेक से ग्राहक के बैंक खाते से पैसे नहीं निकाले जा सकते।

कैंसिल चेक की कहाँ होती है उपयोगिता ?

Cancel Cheque की उपयोगिता बैंकिंग में निवेश, भुगतान, लेन देन आदि के लिए होता है यहाँ हम आपको कैंसिल चेक की उपयोगिता से संबंधित क्षेत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं –

  • KYC (Known Your Customer) के रूप में : बैंक में ग्राहक की पहचान की सत्यता की जांच करने के लिए बैंक ग्राहक से कैंसिल चेक मांगता है। यदि आप बैंक की वित्तीय सेवाओं जैसे म्युचअल फंड, शेयर बाजार आदि में निवेश करना चाहते हैं तो आपको बैंक में कैंसिल चेक जमा करना होगा।
  • डीमैट (Demat) खाता खोलने के संबंध में : यदि आप Demat Account (खाता) खुलवाते हैं तो बैंक द्वारा आपकी पहचान की पुष्टि के लिए Cancel Cheque मांग लिया जाता है। आपके द्वारा दिया गया कैंसिल चेक आपकी बैंक संबंधी डिटेल देखने के लिए लिया जाता है। एक बार बैंक द्वारा आपकी डिटेल्स वेरीफाई होने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खोल दिया जाता है। डीमैट खाता खुलने के बाद आप बाजार में उपलब्ध विभिन्न तरह की इन्वेस्टमेंट स्कीम में निवेश कर सकते हैं।
  • बीमा पॉलिसी के लिए : जब कोई ग्राहक किसी इंस्योरेंस कंपनी की बीमा पॉलिसी लेता है तो पॉलिसी लेते समय बीमा कंपनियां ग्राहक से कैंसिल चेक की मांग करती हैं। चाहे आप स्वास्थ बीमा, वाहन बीमा या जीवन बीमा की बात किसी भी तरह की बीमा पॉलिसी लेने के लिए ग्राहक को बीमा कम्पनी के पास कैंसिल चेक जमा कराना होता है।
  • EPF खाते से पैसा निकालने पर : यदि कोई व्यक्ति अपने EPF खाते से पैसा निकलना चाहता है तो इसके लिए व्यक्ति को बैंक या EPFO के पास कैंसिल चेक जमा कराना होता है। बिना कैंसिल चेक जमा किये कोई भी व्यक्ति अपने EPF खाते से पैसा नहीं निकाल सकता।

कैंसिल चेक कैसे बनाते हैं ?

एक कैंसिल चेक बनाना बहुत से आसान प्रक्रिया है बशर्ते की आपका किसी बैंक में खाता (Account) होना चाहिए। एक कैंसिल चेक बनाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया को फॉलो कर सकते हैं

  • सबसे पहले अपनी बैंक चेक बुक को लें जो ग्राहक को उस बैंक के द्वारा दी जाती है जिस बैंक में ग्राहक का बैंक अकाउंट होता है।
  • बैंक चेक बुक को खोलें और किसी कोरे चेक(Blank Cheque) पर Blue Dot पेन से दो तिरछी समानांतर लाइने खीचें।
  • दो तिरछी समानांतर लाइने खींचने के बाद बीच में Cancelled लिख दें।
  • इस तरह से आपका कैंसिल चेक तैयार हो जायेगा।
कैंसिल्ड चेक और इसकी उपयोगिता से जुड़े FAQs

CANCEL चेक क्या होता है ?

जब किसी सामान्य ब्लेंक चेक पर दो समानान्तर तिरछी लाइने खींचकर बीच में कैंसिल लिख दिया जाता है उसे कैंसिल चेक कहते हैं।

चेक में MICR कोड क्या होता है ?

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मैग्नेटिक इंक कैरेक्टर रिकॉग्निशन कोड (MICR) एक 9 अंकों की पहचान संख्या होती है जो चेक पर लिखी होती है। इस संख्या से यह पता लगाया जा सकता है चेक किसके नाम जारी किया गया था, चेक किसे दिया गया और चेक को जारी करने वाला व्यक्ति / संस्था कौन है।

IFSC कोड की फुल फॉर्म क्या होती है ?

IFSC कोड की फुल फॉर्म Indian Financial System Code होती है। जो की हमें बैंक की शाखा के बारे में जानकारी देता है। प्रत्येक बैंक शाखा का अपना एक अलग IFSC कोड होता है।

चेक कितने प्रकार के होते हैं ?

आपको बता दें की मुख्यतः चेक तीन प्रकार के होते हैं जो इस प्रकार निम्नलिखित हैं –
खुला हुआ चेक (Open Cheque)
बेयरर चेक (Bearer Cheque)
क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque)
आदेश चेक (Order Cheque)

गारंटी भुगतान के आधार पर चेक कितने प्रकार के होते हैं ?

गारंटी भुगतान के आधार पर चेक चार प्रकार के होते हैं –
Self cheque
Post-dated cheque
Ante-dated cheque
Stale cheque

आज की पोस्ट में हमने आपको कैंसिल्ड चेक और इसकी उपयोगिता के बारे में जानकारी दी है उम्मीद है यह आपके कुछ काम आएगी। इसी तरह की नवीनतम जानकारियों के लिए हमारी वेबसाइट hindi.nvshq.org को बुककमार्क करें।

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