आज हम इस आर्टिकल में भारत की पहली महिला राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के बारे में बताने जा रहें है, वर्ष 2007 में इन्हें राष्ट्रपति पद के लिए चुना गया था और वर्ष 2012 तक यह इस पद पर रहीं थी। इन्होंने अपने राष्ट्रपति शासन काल में महत्वपूर्ण सामाजिक कार्य भी किए इसके साथ ही इन्हें भारत में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी जाना जाता था। इन्होंने अपने पिता से प्रेरित होकर उनके राजनीतिक करियर की तरह अपना राजनीतिक करियर शुरू किया जिसमें यह सफल भी हुई। विदेशियों को प्रदान किए जाने वाले मेक्सिको के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ओर्डेन मेक्सिकाना डेल एग्वेला (ऑर्डर ऑफ एज्टेक ईगल) से भारत की पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को 1 जून 2019 में सम्मान प्रदान किया गया था। किए यहां हम आपको प्रतिभा पाटिल जीवनी (Biography of Pratibha Patil in Hindi Jivani) से जुड़ी प्रत्येक जानकारी देने जा रहें है, जो भी नागरिक इनकी जीवनी जानने के लिए इच्छुक है वे इस आर्टिकल के लेख को अंत तक ध्यानपूर्वक अवश्य पढ़ें।
प्रतिभा पाटिल जन्म एवं शिक्षा
प्रतिभा पाटिल का जन्म महाराष्ट्र के जलगांव जिले के नंदगांव में 19 दिसंबर 1934 को हुआ था। इनका वास्तविक नाम प्रतिभा देवी सिंह पाटिल था। इनके पिता एक राजनेता थे जिनका नाम नारायण राव पाटिल था एवं माता का नाम क्या था इनकी जानकारी प्राप्त नहीं होती है। इन्होने अपने जलगांव के आर.आर. स्कूल से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की। फिर इन्होनें अपने कॉलेज स्नातकोत्तर की पढ़ाई जलगांव के मूलजी जेठा कॉलेज से प्राप्त की। अब ये कानून की पढ़ाई करने के लिए मुंबई चली गई यहां इन्होने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज में दाखिला लिया और कानून की डिग्री प्राप्त की। इसके पश्चात इन्होंने राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र में भी मास्टर डिग्री को हासिल किया है। पढ़ाई के अतिरिक्त इन्हें खेलों में भी बहुत रूचि थी। अक्सर समय मिलने पर ये टेबल टेनिस खेला करती थी और एक अच्छी खिलाड़ी थी।
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Biography of Pratibha Patil in Hindi Jivani
नाम | प्रतिभा पाटिल |
पूरा नाम | प्रतिभा देवी सिंह पाटिल |
जन्म | 19 दिसंबर 1934 |
जन्म स्थान | नंदगांव, बम्बई प्रेसिडेंसी, ब्रिटिश भारत |
पेशा | राजनेता (पूर्व राष्ट्रपति) |
मृत्यु | – |
मृत्यु स्थान | – |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
राशि | धनु |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
जाति | वैश्य |
धर्म | हिन्दू |
पता | रायगढ़ बंगला, सी आई डी कार्यालय, पाशन रोड, पुणे |
शैक्षिक योग्यता | राजनीति विज्ञान तथा अर्थशास्त्र में परास्नातक लॉ में स्नातक |
स्कूल | आर.आर. विद्यालय, जलगांव (महाराष्ट्र) |
कॉलेज | मूलजी जेठा यूनिवर्सिटी (महाराष्ट्र) गवर्नमेंट लॉ यूनिवर्सिटी (मुंबई) |
लम्बाई | 5 फीट 3 इंच |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
पुरस्कार | आर्डर ऑफ द एजटेक ईगल |
परिवार (Family)
पिता का नाम | नारायण राव पाटिल |
माता का नाम | पता नहीं |
भाई | जी एन पाटिल |
बहन | पता नहीं |
पति | देवीसिंह रणसिंह शेखावत |
संतान | राजेंद्र शेखावत (पुत्र), ज्योति राठौर (पुत्री) |
विवाह तिथि | 7 जुलाई 1965 |
विवाह
7 जुलाई 1965 में Pratibha Patil की शादी देवसिंह रणसिंह शेखावत से हुई थी। और इनके दो बच्चे हैं बेटे का नाम राजेंद्र शेखावत है तथा बेटी का नाम ज्योति ठाकुर है।
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राजनीतिक करियर की शरुआत
जैसा कि हमने आपको बताया कि Pratibha जी ने लॉ कॉलेज से कानून की डिग्री प्राप्त की थी। राजनीति में रखने से पहले भी यह कई सामाजिक कार्यों में भाग ले चुकी थी, जब ये 27 वर्ष की थी तब इन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वर्ष 1962 में इलाहाबाद क्षेत्र से विधानसभा का चुनाव लड़ा और इस चुनाव में इन्होंने जीत हासिल करके भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का टिकट जीता और इनको एमएलए बनाया गया।
उस समय इनके काम-काज की देख-रेख महाराष्ट्र के भूतपूर्व सीएम यशवंत राव चौहान करते थे इनसे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता से ये अत्यधिक प्रभावित हुई थी। कोई भी काम करना हो तो ये पहले इनसे ही परामर्श लेती थी। महाराष्ट्र विधानसभा में ही इन्होंने कई पदों पर कार्य किया। इसके पश्चात इन्हें वर्ष 1976 में शिक्षा का उप मंत्री का पद दिया। इस पद पर वर्ष 1972 तक कार्य किया।
प्रदेश कांग्रेस समिति महाराष्ट्र की अध्यक्ष का कार्य Pratibha ने किया और इन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का लीडर भी बनाया गया था। इनको कई संस्थाओं का भी नेता भी बनाया गया जैसे- राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक तथा ऋण संस्थान आदि। इसके पश्चात इन्हें राष्ट्रीय सहकारी संघ की शासी परिषद का मेंबर भी बनाया गया था। इसके बाद इन्हें 8 नवंबर 2004 को राजस्थान गवर्नर घोषित किया गया।
राष्ट्रपति कैसे बनी
Pratibha ने राष्ट्रपति चुनाव भैरो सिंह शेखावत के विरोध में लड़ा था। और इस चुनाव में Pratibha ने तीन लाख से अधिक वोटों के दम पर भैरो सिंह शेखावत को हरा दिया और स्वयं विजयी हो गई। यह इनके लिए सबसे सौभाग्य का दिन था। इनके पश्चात इन्हें 25 जुलाई 2007 में भारत की राष्ट्रपति घोषित किया गया और इन्होंने भारत की पहली महिला राष्ट्रपति की उपाधि हासिल की। तथा वर्ष 2012 तक इन्होंने इस पद के लिए कार्य किया।
इससे पहले भी ये एक राजनेता के रूप में भी कार्यरत थी। इनको महाराष्ट्र राज्य के जल प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड का अध्यक्ष वर्ष 1982 में बनाया गया और वर्ष 1985 तक इसमें कार्य किया। और दिर इन्हें वर्ष 1985 में एआईसीसी का सदस्य भी चुना गया। इसके पश्चात लन्दन में आयोजित राष्ट्रमंडल प्रेसिडेंसी अधिकारी सम्मलेन में वर्ष 1988 में सदस्य बनाया गया। ये महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष के रूप में वर्ष 1988 से लेकर 1990 तक कार्यरत थी।
भारत के प्रतिनिधत्व के लिए स्टेटस ऑफ वीमेन के कार्यक्रम में ये शामिल हुई थी उस समय यह कार्यक्रम ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया था। इसके अतिरिक्त भी ये कई सम्मेलनों और आयोजनों कार्य क्षेत्रों में शामिल हुई हैं।
सामाजिक कार्य में भागीदारी
राजनीति में कार्य करने के अतिरिक्त Pratibha सामाजिक कार्यों को करने के लिए हमेशा आगे रहती थी। समाज में इन्होंने महिलाओं की स्थिति सुधारने एवं सामाजिक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए इन्होंने सबसे अधिक कार्य किए। इन्होंने कई छात्रवास, श्रम साधना न्याय की स्थापना, जलगांव में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना जिसमे युवा अपनी पढ़ाई पूरी कर सके।
जलगांव में औद्योगिक प्रशिक्षण विद्यालय का निर्माण दृष्टिहीन व्यक्तियों के लिए किया गया था। फिर इन्होंने कई विद्यालयों की स्थापना भी की जिसमें गरीब और बंजारा जाति के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके।
इसके अतिरिक्त जलगांव जिले में महिला होम गार्ड योजना को भी शुरू किया जिसमें महिलाएं भाग ले सके। इन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना भी कराई ताकि किसानों को अपनी फसल की पैदावार बढ़ाने में वैज्ञानिक तकनीकों की सुविधा प्राप्त हो सके। मुंबई तथा दिल्ली जैसे शहरों में जो महिलाएं काम करती थी उनके लिए हॉस्टल भी बनवाये गए।
प्रतिभा से जुड़े विवाद
राजस्थान में महिलाओं को मुगलों से बचाने के लिए एक सभा आयोजित की हुई थी और इस सभा में प्रतिभा देवी सिंह पाटिल भी आयी हुई थी उन्होंने अपने सुझाव में कहा कि पर्दा प्रथा इसलिए शुरू हुई ताकि राजस्थान की महिलाएं मुगलों से सुरक्षित रह सके। इस बात पर विवाद हो गया और इनके द्वारा कहे गए विचारों पर कहा गया की Pratibha पाटिल का ज्ञान बिल्कुल शून्य अथवा खत्म है। और इसके विरोध में मुस्लिम लीग जैसे दलों के नेताओं ने अपना बयान दिया। समाजवादी पार्टी द्वारा भी जमकर विरोध किया गया और कहा गया कि यह एक हिन्दू होकर मुस्लिम विरोधी विचारधारा रखती है।
एक बार Pratibha ने धार्मिक संगठन की सभा में कथित संवाद के बारे में अपने गुरु की आत्मा के विषय में कहा जिसके कारण ये दूसरी बार विवाद का शिकार हो गई थी। इनके पति देवीसिंह रणसिंह शेखावत पर भी कई आरोप लगे हुए थे कहा गया कि इन्होंने एक स्कूली शिक्षक को अपनी हत्या के लिए जबरन किया था।
प्रतिभा पाटिल जीवनी से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल का जन्म कब हुआ?
इनका जन्म 19 दिसंबर 1934 को नंदगांव, बम्बई प्रेसिडेंसी (ब्रिटिश भारत) में हुआ था।
Pratibha देवी सिंह पाटिल का राजनीतिक करियर कब शुरू हुआ था?
इनका राजनीतिक करियर वर्ष 1962 में शुरू हुआ था।
भारत की पहली महिला राष्ट्रपति कौन बनी थी?
भारत की पहली महिला राष्ट्रपति Pratibha देवी सिंह पाटिल बनी थी।
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल के जीवनसाथी का क्या नाम था?
इनके जीवनसाथी का नाम देवीसिंह रणसिंह शेखावत था।
Pratibha Patil किस पार्टी से राष्ट्रपति बनी थी?
Pratibha Patil भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति बनी थी
प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने राष्ट्रीय पद का कार्यभार कब तक संभाला था?
Pratibha देवी सिंह पाटिल ने राष्ट्रीय पद का कार्यभार 25 जुलाई 2007 तक संभाला था।
Biography of Pratibha Patil in Hindi Jivani से सम्बंधित सम्पूर्ण डिटेल्स हमने इस आर्टिकल के माध्यम से आपको साझा कर दी हैं, यदि आपको इस लेख से जुड़ी अन्य जानकारी या आपके मन में कोई प्रश्न है तो आप नीचे दिए हुए कमेंट सेक्शन में अपना मैसेज लिख सकते है, जल्द ही हमारी टीम द्वारा आपके प्रश्नों का उत्तर दिया जाएगा। इसी तरह के अन्य लेखों की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारी साइट hindi.nvshq.org से ऐसे ही जुड़े रहें। आशा करते हैं कि आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो और लेख से सम्बंधित जानकारी जानने में सहायता मिली हो धन्यवाद।