हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती मनाई जाती है हिन्दू मान्यतों के अनुसार ये दिन बहुत शुभ होता है देश के विभिन राज्यों में अलग-अलग तारीख को भी मनाया जाता है जैसे- उत्तर भारत में चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हनुमान जयंती मनाई जाती है,इसके अलावा हनुमान जयंती कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुथी तिथि को भी मनाया जाता है मान्यताओं के अनुसार राम के भक्त हनुमान जी रुद्रावतार है उनका जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार को हुआ था,उनकी माता का नाम अंजना और पिता का नाम वानरराज केसरी है हनुमान का जन्म मुख्य उद्देस्य के लिए हुआ था ये उद्देश्य था श्री राम की सेवा करना और माता सीता को रावण से बचाने में श्री राम की मदद करना। हनुमान जी को वीर बजरंगबली भी कहते है हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) कब है?
आइये आगे जानते है कब है हनुमान जयंती की सही तिथि और उसका शुभ महूर्त,महत्व जानने के लिए हमारे साथ बने रहें।
हनुमान जयंती कब है?
हनुमान जयंती पुरे भारत देश में बड़ी धूम-धाम से मनाई जाती है, हिंदू मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी के जन्म और तिथि को अलग-अलग जगह पर अलग-अलग दिन मनाई जाती है साल में 2 बार हनुमान जयंती का पर्व मनाया जाता है पहले चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा जो मार्च या अप्रैल को होता है दूसरा हनुमान जयंती कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुथी तिथि को होता है इस दिन मंगलवार होता है जो हनुमान जी को प्रिय है इस साल हनुमान जयंती 23 अप्रैल की सुबह 9:19 बजे से 24 अप्रैल की सुबह 10:04 बजे समापन है। इस दिन कई जगह पर शोभा यात्रा भी निकाली जाती है मंदिरो में कीर्तन-भजन होता है।
हनुमान जी से जुड़ी कुछ रोचक बातें-
हनुमान जयंती तिथि | हर साल चैत्र माह की पूर्णिमा |
हनुमान जयंती 2023 Date | 23 अप्रैल |
हनुमान जी का उद्देस्य | श्री राम सेवा,माता सीता की सुरक्षा |
कलयुग के देवता | वीर बजरंगवली(हनुमान जी) |
हनुमान जी माता-पिता | माता अंजना और राजा केसरी |
हनुमान जी के गुरू | मातंग ऋषि |
Hanuman Jayanti Date (तिथि)
इस वर्ष हनुमान जयंती चैत्र पूर्णिमा के दिन 23 अप्रैल की सुबह 9:19 मिनट से शुरू को कर अगले दिन 24 अप्रैल अप्रैल को 10:04 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा। इस दिन व्रत भी रखा जाया है घरों और मंदिरो में हनुमान चालीसा का पाठ,पूजा आरती की जाती है,पूजा करने से मनोकामना पूरी होती है,और हमारे सारे कष्ट ख़त्म हो जाते है।
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Hanuman Jayanti Puja Mahurat (मुहूर्त)
इस साल का सुबह मुहूर्त सुबह 6:06 मिनट से लेकर 7:40 तक है, दोपहर में 12:24 मिनट से लेकर 1:58 मिनट तक है यदि आप शाम के समय पूजा करते है तो सही समय 5:07 मिनट से 6:42 मिनट तक है और शाम के 6:42 मिनट से रात के 8:07 मिनट तक सुबह महूर्त है।
हनुमान जन्मोत्सव का महत्व (Importance)
हनुमान जी को संकट मोहचान कहा जाता है वीर हनुमान जी ने बड़े-बड़े पर्वतों को उठाया,बड़े समुद्र पार किये,और स्वयं राम का कार्य संभाला ऐसे बहुत सारे अच्छे काम किये है हनुमान जी कलयुग के देवता माने जाते है वर्तमान में हनुमान जी को याद करने और उनकी पूजा अर्चना करने से सारी मनोइच्छा पूर्ण हो जाती है कहते है जब मनुस्य को कोई संकट आये तो हनुमान जी का नाम लेने से कष्ट दूर होते है हनुमान अपने भक्त की बात जरूत मानते है,उसे हर समस्या से बचाते है।
शनि के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। शानि वीर हनुमान जी से डरते है इसलिए जो हनुमान जी का नाम सच्ची शरधा और उनकी उपाशना करेगा शनि उनके भक्तो को कोई हानि नहीं पहुंचाता है साढ़ेसाती लगने के समय हनुमान जी का जाप करने से अच्छा लाभ प्राप्त होता है
हनुमान जी की कथा
पौराणिक कथानुसार बताया गया है हनुमान जी का जन्म कैसे हुआ आइये आज जानते है भगवान युग में दशरथ राजा को पुत्र संतान नहीं था जिससे वे कभी परेशान रहते थे संतान प्राप्ति के लिए उन्होंने ऋंगी ऋषि ने उनकी सहायता की। यज्ञ समाप्त होने के बाद अग्निदेव ने प्रसाद के रूप में खीर को दशरथ की तीनों पत्नियों को खीर खिलवाया। जब कैकयी खीर खा रही थी तभी वहाँ एक चील खीर की कटोरी से थोड़ी खीर का हिस्सा लिए अपने मुख में ले कर उड़ गयी। चील जब उडी तो वो अंजनी के आश्रम के ऊपर से हो कर गुजर रही थी तभी खीर का हिस्सा नीचे गिर कर अंजनी के पास आ गिरा।
जिसको अंजनी ने प्रसाद समझ कर खा लिया। उसको खाने के बाद वो गर्भवती हो गयी और फिर उनके द्वारा चैत्र माह की पूर्णिमा को हनुमान जी का जन्म हुआ। उनका जन्म स्थान भारत के झारखण्ड राज्य के गुलमा जिले के आंजन नाम के एक छोटे से गांव में एक गुफा में हुआ था। हनुमान जी को भगवान शिव के 11 वें अवतार के रूप में माना जाता है।
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आइये जानते है पूजा के विधि-विधान
धरती पर जहाँ-जहाँ श्री राम जी की भक्ति की जाती है वह कर जगह हनुमान जी मौजूद होते है इसलिए ध्यान रखे पूजा शुरू करने से पहले रामचरित मानस के पाठ करना और श्री राम का ध्यान करना बहुत जरुरी है इसके बाद ही पूजा आरंभ करें। आइये अच्छे से जानते है हनुमान जी का फल लेने के लिए और उनको ख़ुश करने के लिए क्या करें-
- हनुमान जयंती के दिन सबसे पहले सुबह स्नान कर अच्छे साफ़-सुथरे कपड़े पहनें।
- हनुमान जी की पूजा करने से पहले सूर्य भगवान को तांबे के लौटे से जल अर्पित करें।
- मंदिर स्थान की अच्छे से सफाई करे,किसी एक स्थान पर पीला कपडा जो साफ़ हो उसमे हनुमान जी की प्रतिभा को स्थपित करे।
- हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष सामग्री-घी,कच्चा दूध,दही,शहद आदि।
- घी का दीपक जलाए और शहद से हनुमान जी अभिषेक करे।
- बजरंग वली जी को पीला या लाल कपडा अर्पित करें और धुप,दीया,फल,लड्डु,कलावा आदि अर्पित करना शुभ होता है।
- प्रसाद के रूप कोई मिठाई या बूँदी अर्पित करें।
- पूजा सम्पन होने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करे इस दिन आप बजरंग बाण,सुन्दर कांड,रामायण पाठ कर सकते है।
- अंत में हनुमान जी से अपनी मनोकामना को मांगे और आपने सारे दुःख-दर्द को नाश करने की कामना करें। अपने परिवार की रक्षा की कामना करें।
- आपकी सच्ची श्रद्धा और पूजा-पाठ करने से हनुमान जी प्रंसन हो जाएंगे और आपको हनुमान जी का आशीर्वाद मिलेगा।
हनुमान जी के विशेष मंत्र
माना जाता है हनुमान जी के मंत्र में बहुत शक्ति होती है,समस्या,संकट और भय के समय इन मंत्रो का उच्चारण करने से सारे कष्ट दूर हो जाते है आप भी संकट के समय इस मंत्रों का जाप अवश्य करें।
हनुमान जी के सिद्ध मंत्र: भय नाश के लिए–
ॐ हं हनुमंते नम: ,
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।
महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते। हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये।।
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
संकट दूर करने के लिए मंत्र–
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा!
हनुमान जयंती की महत्वपूर्ण बातें –
हनुमान जी श्री राम जी के सबसे ज्यादा प्रिय थे।
हनुमान जी को अंजनी पुत्र,पवन पुत्र,मारुति नंदन,शंकरसुवन अनेक नामों से जाना जाता है।
पूजा के लिए धुप,दही,कच्चा दूध,लड्डु,पीला या लाल कपड़ा,शहद आदि के साथ -साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना जरूरी है।
कठिन काम को पूरा करने के किये ‘दुर्गम काज जगत के जेते,सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते’ मंत्र का जाप करें।