होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi

होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार माना जाता है। जिसे हिन्दुओं के साथ अन्य धर्मों के लोग भी बड़े धूम-धाम से रंगों के साथ और हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। होली के त्यौहार के उपलक्ष में सभी लोग एक दूसरे के घर जा कर नाचते-गाते और रंग लगाते हैं, होली के दिन पर लोग अपने घरों में अलग-अलग तरह के पकवानों को बनाते हैं। होली पर निबंध लिखने के लिए छात्रों को एग्जाम में भी दिया जाता है। आज आर्टिकल के माध्यम से हम होली के बारे में सभी जानकारियां दी जा रही हैं जैसे- होली क्यों मनाई जाती है? होली कब मनाई जाती है? और होली के उपलक्ष में कौन-कौन से पकवान बनाये जाते हैं आदि लेख के माध्यम से विस्तार पूर्वक बताया जा रहा है। Holi Essay in Hindi का विस्तार पूर्वक वर्णन नीचे किया जा रहा है।

होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi
होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध

भारत में बहुत से त्यौहार मनाये जाते हैं इनमें से एक होली का त्यौहार भी मनाया जाता है। जिसे सभी लोग रंगों के साथ गुलाल लगाकर मनाते हैं। पहले समय में होली को सिर्फ गुलाल और चन्दन लगा कर मनाया जाता था। भारत में अलग-अलग जगहों में होली अलग-अलग नाम से वृन्दावन की होली, काशी की होली, ब्रज की होली, मथुरा की होली आदि प्रसिद्ध है। होली के दिन सभी लोग अपने घरों में विभिन्न प्रकार के पकवान बनाते हैं और मेहमानों को बुलाते हैं होली के पहले दिन सभी लोग रात को एकत्र हो कर होलिका दहन करते हैं और डीजे लगा कर नाच गाना करते हैं। होली पर निबंध नीचे दिया जा रहा है। अधिक जानकारी के लिए हमारे लेख को पढ़ें।

होली पर निबंध सम्बन्धित महत्वपूर्ण जानकारी

आर्टिकल होली पर निबंध
त्यौहार होली
होली कब है?सोमवार 25 मार्च
वर्ष 2024
अन्य नाम आका, डोल

यह भी देखें :-Essay on Raksha Bandhan in Hindi – रक्षाबंधन पर निबंध

होली त्यौहार का महत्व

होली को हर साल बसंत ऋतु में मार्च (फ़ागुन) के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस साल होली 29 मार्च को मनाई जायेगी। इस दिन पर सभी कर्मचारियों व छात्रों का दो दिन का अवकाश रहता है। पहले दिन लकड़ी की होलिका बना कर होलिका का दहन किया जाता है और दूसरे दिन होली मनाई जाती है। होली के दिन बच्चे ढोलक और रंग ले कर होली मांगने के लिए घर-घर जाते हैं। वहां लोगों द्वारा उनको पैसे दिए जाते है। होली की तैयारियों में लोग पहले से ही लग जाते है सभी लोग अपने रिश्तेदारों के घर मिठाइयां और रंगों को ले कर जाते है। होली के दिन सभी लोग अपनी हीन भावनाओं को भुला कर एक दूसरे से मिलते है। होली का त्यौहार भारत के अलावा कई देशों जैसे – कनाडा, अमेरिका, बांग्लादेश आदि देशों में भी मनाया जाता है हर साल होली मार्च के महीने में अलग-अलग तिथि पर आती है।

होली क्यों मनाई जाती है

होली मनाने के पीछे असुर हिरण्य कश्यप के पुत्र प्रह्लाद की कहानी है। हिरण्य कश्यप असुरों का राजा था जो अपने आप को भगवान मानता था। लेकिन हिरण्य कश्यप के पुत्र प्रह्लाद विष्णु भगवान के भक्त थे और उनमें अनंत आस्था रखते थे। ये बात हिरण्य कश्यप को बिलकुल भी रास नहीं आती थी। इस बात को ले कर हिरण्य कश्यप अपने पुत्र का भगवान विष्णु के प्रति असीम भक्ति का विरोध किया करता था और उस से अप्रसन्न रहता था। उसका विचार था की उसके अलावा किसी और को भगवान नहीं मान सकते हैं। हिरण्य कश्यप द्वारा प्रह्लाद को कितनी ही बार चेतावनी दी जाती है की वे विष्णु की आराधना ना करें वरना उन्हें मृत्यु दंड दिया जाएगा। लेकिन प्रह्लाद ने अपने पिता की एक बात ना सुनी और चेतावनी देने के बाद भी विष्णु की आराधना में लीन रहते थे। हिरण्य कश्यप द्वारा बहुत बार तो अपने पुत्र को मारने की कोशिश की गयी लेकिन वे इस कोशिश में असफल रहे। तमाम कोशिशों के बाद हिरण्य कश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद लेने की सोची।

होलिका को भगवान ने वरदान दिया था की होलिका को कोई आग में नहीं जला सकता है। इसके बाद हिरण्य कश्यप द्वारा चिता बनवायी जाती है जिसमें होलिका के साथ प्रह्लाद को बैठा दिया जाता है और चिता को आग लगा दी जाती है। प्रह्लाद चिता में बैठने के बाद भी विष्णु की आराधना में ही लीन रहते हैं और आग में होलिका भस्म हो जाती है। उसका वरदान भी निष्फल हो जाता है क्योंकि उसने अपने वरदान का दुरुपयोग करने के लिए इस्तेमाल किया था। वही दूसरी तरफ प्रह्लाद आग में बैठने के बाद भी अपनी भक्ति की शक्ति के कारण सुरक्षित रहते हैं।

इस कहानी में बताया जा रहा है की बुराई का एक न एक दिन अंत हो ही जाता है। इस कहानी के प्रतीक स्वरूप ही इस दिन से होली के पहले दिन सभी लोगों द्वारा लकड़ी और कपड़ों की होलिका बनाई जाती है। जिसकी लोगों द्वारा पूजा की जाती है और इस दिन होलिका दहन की जाती है जिसमें लोग अपनी बुराइयों को होलिका के साथ में खत्म करने की विनती करते है।

होली के दिन ध्यान रखने योग्य बातें

होली के दिन जिन बातों को ध्यान में रखना होता है उन सभी बातों की सूची नीचे लेख में दी जा रही है। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए दी गयी सूची को पढ़ें।

  • होली में केमिकल व कांच वाले रंगों का प्रयोग न करें। इस से त्वचा को नुकसान पहुँचता है। साथ ही बहुत से लोगों को एलर्जी की समस्या भी हो जाती है।
  • Holi खेलने के लिए स्वच्छ पानी का प्रयोग करें।
  • होली खेलते समय आप अपनी आँखों का ख्याल रखें। इसके लिए होली खेलते समय चश्मे का प्रयोग करें।
  • रोड पर किसी वाहन चलाते व्यक्ति पर पानी से भरे गुब्बारे न मारें। इस से उस व्यक्ति के दुर्घटना ग्रस्त होने की संभावना अधिक होती है।
  • किसी भी वाहन पर पानी ना फेंके इससे दुर्घटना भी हो सकती है।
  • होली खेलते समय रंगों व पिचकारी से अपनी आँखों को बचा कर रखें।
  • पर्व के दिन ऐल्कोहॉल का सेवन न करें।
  • बूढ़े व्यक्तियों पर पानी के गुब्बारे व पिचकारी न मारें।
  • छोटे बच्चों को होली खेलते समय उनकी सुरक्षा के बारे में अवश्य बता दें।
  • बेहतर होगा होली में पानी का कम से कम उपयोग करें और सूखे व प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करें। इसके लिए आप फूलों आदि का प्रयोग करें। या फिर घर पर बनाये हुए रंगों का इस्तेमाल करें।

होली के हानिकारक प्रभाव

Holi का इन्तजार लोगों को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें।

राज्यों में होली के प्रकार

भारत देश में होली को अलग-अलग राज्यों में अनको तरीके व अलग नाम से मनाया जाता है। लेख में कुछ राज्यों के होली के बारे में वर्णन किया गया है।

बंगाल में होली

बंगाल में होली को डोल पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। बंगाल में इस दिन पर कृष्ण भगवान और राधा की मूर्ति को डोली में रख के पुरे शहर में घुमाते हैं और इसमें नाच गाने के साथ रंगों के साथ भी खेला जाता है।

उड़ीशा में होली

बंगाल के अलावा उड़ीसा के लोग भी होली को डोल पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। होली के उपलक्ष में उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को डोली में रख के पुरे शहर में घुमाते हैं। इस झांकी में सभी लोग शामिल होते हैं। और रंगों के साथ धूम-धाम से नाच गाने के साथ डोली को शहर में घुमाते हैं।

कर्नाटक की होली

कर्नाटक में होली को कामना हब्बा के उपलक्ष में मनाया जाता है। इस दिन शिवजी भगवान ने कामदेव को अपने तीसरे नेत्र से भस्म कर दिया था। इस दिन राज्य के सभी लोग अपने पुराने कपड़ों को और कूड़े कचरे को एक जगह पर इकट्ठा करते हैं। और फिर उसमें आग लगाते हैं।

होली के दिन बनने वाले पकवान

भारत देश में हर त्यौहार में कुछ प्रमुख पकवान बनाये जाते हैं ऐसे ही होली पर भी अलग- अलग राज्यों में सभी लोग अलग-अलग प्रकार के व्यंजन जैसे – घेवर, गुजिया, मावा पेड़े आदि पकवान बनाये जाते है। सभी बच्चों को होली का बेसबरी से इन्तजार रहता है। होली के उपलक्ष में बनाये जाने वाले पकवानों की तैयारी लोग पहले कुछ दिनों से करना शुरू कर देते हैं। होली के दिन सभी लोग बनाये गए मिठाइयों को ले कर अपने रिश्तेदारों के घर जाते हैं।

यह भी देखें :- नवरात्रि पर निबंध (Essay on Navratri in Hindi)

Holi Essay in Hindi FAQ’s

इस वर्ष होली कब मनाई जायेगी ?
होली इस वर्ष सोमवार 25 मार्च को मनाई जायेगी।

होली के दिन लोग कौन-कौन से पकवान बनाते हैं ?
सभी राज्यों में होली के उपलक्ष में अलग-अलग पकवान (मावा पेड़े, घेवर, गुजिया) बनाये जाते हैं।

हिरण्य कश्यप अपने ही पुत्र प्रह्लाद को मरने का प्रयास क्यों करता था ?
प्रह्लाद एक असुर परिवार के बालक थे। जो की भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे। परन्तु यह बात प्रह्लाद के पिता हिरण्य कश्यप को पसंद नहीं थी क्योंकि वे भगवान विष्णु को अपना दुश्मन मानते थे। इसलिए हिरण्य कश्यप हर समय प्रह्लाद को मरने का प्रयास करते रहते थे।

Holi का नाम किसके नाम पर पड़ा है ?
होली का नाम हिरण्य कश्यप की बहन होलिका के नाम पर रखा गया है।

होली के दिन हमें किन-किन बातों को ध्यान में रखना होता है?
इस त्यौहार के दिन बहुत सी दुर्घटनाएं होती है व कई लोगों का चेहरा रंगों की वजह से खराब हो जाता है। होली के दिन लोगों को कांच वाले और केमिकल वाले रंगों से बचना चाहिए। चलते वाहन पर पिचकारी व पानी भरें गुबारों को ना फेंके यह दुर्घटना का कारण भी बन सकता है।

होली को और किन-किन नामों से जाना जाता है?
आमतौर पर होली को सभी राज्यों में होली के नाम से ही जाना जाता है परन्तु कुछ जगहों में होली को आका, डोल के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी होली के नाम से ही यह त्यौहार प्रसिद्ध है।

होली के दिन लोग क्या-क्या करते हैं ?
सभी लोग उस दिन एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं।

डोल पूर्णिमा के नाम से होली किन शहरों में मनाई जाती है ?
होली को डोल पूर्णिमा के नाम से बंगाल और उड़ीसा में मनाया जाता है

Photo of author