संख्यावाचक विशेषण वह होते है तो किसी संज्ञा या सर्वनाम में किसी संख्या का बोध कराती है। जैसे – उत्तराखंड में चार धाम है। इस वाक्य से पता चल रहा है की उत्तराखंड में कुल चार धाम है। ये संख्या कभी अनिश्चित भी सकती है तो आइये जानते है संख्यावाचक विशेषण: परिभाषा एवं भेद के प्रकार। Sankhya Vachak Visheshan से जुडी सभी जानकारी को प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक पढ़े।
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संख्यावाचक विशेषण परिभाषा
वाक्य में ऐसे शब्द जो संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित या अनिश्चित संख्या का बोध कराती है, तो ऐसे शब्दों को संख्यावाचक विशेषण कहते है। हिंदी व्याकरण में विशेषण की अहम भूमिका होती है।
आप जानते हो विशेषण की परिभाषा क्या होती है और इसमें कितने भेद होते है।
Sankhyavachak Visheshan के उदाहरण
- मेरे पास चार गाय है।
- मुझे कुछ दिनों के लिए गुजरात जाना है।
- बाजार से कुछ सब्जी ले आना।
- मेरी स्कूल में मेरे पांच दोस्त है।
- मुझे कुछ पैसों की जरुरत है।
- हमे हर दिन एक घंटे चलता चाहिए।
- मेरे पास बहुत सारे कपड़े है।
- अभी दिन के दो बज रहे है।
उपयुक्त सभी उदाहरण में संख्या का बोध हो रहा है। जैसे – चार, कुछ, पांच, एक, बहुत, दो आदि।
Sankhyavachak Visheshan के भेद
Sankhyavachak Visheshan दो प्रकार के होते है-
- निश्चित संख्यावाचक विशेषण
- अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
1) निश्चित संख्यावाचक विशेषण
ऐसे वाक्य जिनमें संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध होता हो, तो उन्हें निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते है।
उदाहरण के लिए :-
- रोहन के पास दो मोबाइल है।
- मुझे केवल 12 तक पहाड़े आते है।
- गर्मियों के समय स्कूल की 30 दिन की छुट्टिया होती है।
- मुझे दो कमरों की जरुरत है।
- बाजार से 2 किलों सेब लेकर आना।
ऊपर बताएं गए सभी उदाहरण में स्पष्ट हो रहा है कि दो मोबाइल , 12 तक पहाड़े, 30 दिन, दो कमरे और 2 किलों सेब चाहिए।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण के प्रकार
क्र.सं | विशेषण के नाम | विशेषता | उदाहरण |
1. | पूर्णसंख्याबोधक निश्चित संख्यावाचक | किसी पूर्ण संख्या का बोध होना | एक, दस, बीस, एक किलो, सौ ग्राम |
2. | अपूर्णसंख्याबोधक निश्चित संख्यावाचक | पूर्ण संख्या का बोध न होना | आधा, ढाई, सवा, पौने, डेढ़ |
3. | क्रमवाचक निश्चित संख्यावाचक | संख्या के क्रम का बोध कराना | पहला, दूसरा, तीसरा, सातवाँ, आठवाँ, चतुर्थ, ग्यारहवाँ, पचासवाँ |
4. | आव्रितिवाचक निश्चित संख्यावाचक | संख्याओं की आवृति का बोध | दुगुना, तिगुना, दसगुना, चौगुना |
5. | समूहवाचक निश्चित संख्यावाचक | समूह या समुदाय का बोध | तीनों, पाँचों, सात, दस |
6. | प्रत्येकबोधक निश्चित संख्यावाचक | हर एक संख्या का बोध कराना | हर, प्रत्येक, हर एक, एक-एक, दो-दो, सवा-सवा |
- पूर्णांक बोधक: ये संख्यावाचक विशेषण पूर्ण संख्याओं का बोध कराते हैं, जैसे: एक, दो, तीन, चार, इत्यादि।
- अपूर्णांक बोधक: ये संख्यावाचक विशेषण अपूर्ण संख्याओं का बोध कराते हैं, जैसे: डेढ़, ढाई, सवा, पौना, इत्यादि।
- क्रमवाचक: ये संख्यावाचक विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति का क्रम दर्शाते हैं, जैसे: पहला, दूसरा, तीसरा, चौथा, इत्यादि।
- आवृत्तिवाचक: ये संख्यावाचक विशेषण किसी वस्तु या क्रिया की पुनरावृत्ति का बोध कराते हैं, जैसे: दुगुना, तिगुना, चौगुना, इत्यादि।
- समूहवाचक: ये संख्यावाचक विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति के समूह का बोध कराते हैं, जैसे: दोनों, तीनों, चारों, इत्यादि।
- प्रत्येक बोधक: ये संख्यावाचक विशेषण प्रत्येक वस्तु या व्यक्ति का बोध कराते हैं, जैसे: प्रत्येक, हर, एक-एक, इत्यादि।
उदाहरण:
- पूर्णांक बोधक: तीन लड़के खेल रहे हैं।
- क्रमवाचक: वह पहली कक्षा में पढ़ती है।
- अपूर्णांक बोधक: मुझे डेढ़ किलो चावल चाहिए।
- आवृत्तिवाचक: यह काम दुगुना हो गया है।
- प्रत्येक बोधक: प्रत्येक बच्चे को एक पेन मिला।
- समूहवाचक: दोनों लड़के दोस्त हैं।
संख्यावाचक विशेषणों का महत्व:
- वाक्यों को स्पष्ट और सुबोध बनाना।
- संख्या और क्रम का बोध कराना।
- भाषा को अधिक प्रभावशाली बनाना।
2) अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण (Anishchit Sankhyavachk Visheshan) वे विशेषण हैं जो किसी संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते हैं, बल्कि अनिश्चित संख्या या मात्रा का बोध कराते हैं।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणों के भेद:
- अनिश्चित संख्यावाचक: ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते हैं, जैसे: कुछ, अनेक, बहुत, थोड़े, कई, इत्यादि।
- अनिश्चित मात्रावाचक: ये विशेषण किसी वस्तु या पदार्थ की निश्चित मात्रा का बोध नहीं कराते हैं, जैसे: थोड़ा, बहुत, काफी, कम, इत्यादि।
- अनिश्चित क्रमवाचक: ये विशेषण किसी वस्तु या व्यक्ति के क्रम का निश्चित रूप से बोध नहीं कराते हैं, जैसे: कोई, कुछ, एक-दो, इत्यादि।
उदाहरण:
- अनिश्चित संख्यावाचक: मेरे पास कुछ किताबें हैं।
- अनिश्चित मात्रावाचक: मुझे थोड़ा पानी चाहिए।
- अनिश्चित क्रमवाचक: किसी ने मुझे फोन किया था।
अनिश्चित संख्यावाचक विशेषणों का महत्व:
- वाक्यों को स्पष्ट और सुबोध बनाना।
- अनिश्चित संख्या, मात्रा या क्रम का बोध कराना।
- भाषा को अधिक प्रभावशाली बनाना।
दिए गए उदाहरण से स्पष्ट होता है कि जब किसी वस्तु, समय या अन्य चीज़ों का पता नहीं होता है तो वहां पर कुछ, बहुत जैसे शब्द प्रयोग किये जाते है।
संख्यावाचक विशेषण से सम्बंधित प्रश्नोत्तर FAQs:
संख्यावाचक विशेषण किसे कहते हैं?
वह विशेषण जो हमें किसी वाक्य में निश्चित या अनिश्चित संख्याओं का बोध कराती है, उन्हें संख्यावाचक विशेषण कहते है।
संख्यावाचक विशेषण के कितने भेद होते हैं?
इस विशेषण के दो भेद होते है – निश्चित संख्यावाचक एवं अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण।
निश्चित संख्यावाचक विशेषण किसे कहते है और इसके कितने भेद होते हैं?
जिस वाक्य में हमे किसी निश्चित संख्या, क्रम, समुदाय का बोध होता है। उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते है ,ये मुख्य रूप से छः प्रकार के होते है।