यह दुनिया बहुत ही विशाल है और इस विश्व को छोटे और बड़े देशों में बांटा गया है वर्तमान समय में इस विश्व में 195 देश (countries) है इन सभी देशों में से कुछ देश विकसित और कुछ देश विकासशील भी होते है इन सभी छोटे-बड़े देशों से मिलकर कई समूह बनाए जाते है इन समूह में शामिल हुए देश जरुरत पड़ने पर एक दूसरे देश की मदद भी करते है समूह बनाने का मुख्य उद्देस्य सभी देशों को साथ लाना और अंतराष्ट्रीय स्तर पर शांति बनाये रखना, आर्थिक और सामाजिक विकास पर जोर डालना। दुनिया भर में ऐसे बहुत सारे समूह बनाये गए है जैसे की – BRICS, SAARC, NATO आदि उनमे से एक समूह ASEAN (आसियान) भी है। आगे जानते हैं आसियान क्या है ?
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इन समूह में कुछ खास देश ही शामिल होते है इसी प्रकार आशियान भी कई देशों का एक समूह है क्या आप जानते है ASEAN क्या है इसमें किसने देश शामिल है अगर नहीं जानते है तो आज हम आपको बताएगे Asean से जुड़ी सभी जानकारी इसके लिए हमारे Article को अंत तक पड़े।
आसियान क्या है ?
आशियान दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों का समूह है जो आपस में आर्थिक विकास और समृद्धि को बढ़ाने के लिए सदस्य देशो में शांति और स्थिरता कायम करने का काम करती है जरूरत पडने पर एक दूसरे देश की मदद भी करती है आसियान में किसी भी मुद्दों और विवादों को शांतिपूर्वक हाल किया जाता है इसका मुख्यालय इंडोनेसिया की राजधानी जकार्ता में है दुनिया में ऐसे बहुत सारे समूह शामिल है जिनका अपना संगठन होता है विश्व में कई ऐसे संगठन है जैसे – सार्क, नाटो और आशियान। इसका कार्यकाल 5 साल का होता है और वर्ष में 1 बार बैठक होती है।
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Highlights key of Asean
संगठन का नाम | आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन) |
स्थापना | 8 अगस्त 1967 बैंकाक में की गई |
आसियान सम्मिलित देश | 10 देश |
1967 बैठक संधि | बंधुत्व और सहयोग की संधि |
आसियान उद्देस्य | देशों की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता, स्वतंत्रता को बनाये रखना |
आसियान का मुख्यालय | इंडोनेसिया राजधानी जकार्ता |
कार्यकारी भाषा | अंग्रेजी |
आसियान संस्थापक राष्ट्र | फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया |
ASEAN full form in hindi
ASEAN का पूरा नाम (Association of Southeast Asian Nations) अर्थात दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन है आसियान का आदर्श वाक्य ‘वन विजन, वन आइडेंटिटी, वन कम्युनिटी’ है। यानि एक दृष्टि, एक पहचान, एक समुदाय है
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आसियान की स्थापना
दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन बनाने का मुख्य उद्देस्य एशिया-प्रशांत के उपनिवेशी राष्ट्रों के बढ़ते तनाव के बीच राजनीतिक और सामाजिक स्थिरता को शांतिपूर्वक बनाये रखने के लिए था। आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 में थाइलैंड की राजधानी बैंकाक में की गई थी इसके संस्थापन देश मलेशिया, इंडोनेशिया,फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड सभी देशों ने मिल कर आसियान संगठन की शुरुवात की। 1990 के दशक में अन्य देश भी इसमें शामिल हुए जैसे – अमेरिका, रूस, चीन और जापान आदि।
आसियान के सदस्य देशों के नाम
आसियान संगठन की शुरुवात में कुछ देश ही शामिल थे वर्तमान समय से कई सारे देश इस समूह के सदस्य बन गए है तो आइये जानते है वर्तमान में कौन-कौन से देश शामिल हुए।
देशों के नाम | स्थापना वर्ष |
थाईलैण्ड | 8 अगस्त 1967 |
मलेशिया | 8 अगस्त 1967 |
सिंगापुर | 8 अगस्त 1967 |
इण्डोनेशिया | 8 अगस्त 1967 |
फ़िलीपीन्स | 8 अगस्त 1967 |
ब्रुनेई | 8 जनवरी 1984 |
वियतनाम | 28 जुलाई 1995 |
लाओस | 23 जुलाई 1997 |
म्यान्मार | 23 जुलाई 1997 |
कम्बोडिया | 30 अप्रैल 1999 |
वर्तमान समय में केवल 10 देश शामिल है
आसियान का उद्देश्य
- सामाजिक, आर्थिक, तकनीकी, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक और प्रशासनिक क्षेत्रों के मामलों में सहयोग देना और उचित सहायता प्रदान करना।
- दक्षिण पूर्व एशियाई को बढ़ावा देने के लिए नई- नई खोजों को करना।
- Asean का विशेष महत्व सभी देशों में भाई-चारा की भावना लाना और आर्थिक, सामाजिक रूप से सहायता करना।
- दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के मध्य समृद्ध और शांति समुदाय, सांस्कृतिक विकार में तेजी से विकास हो।
- अंतरराष्ट्रीय और संगठन सदस्य के बीच अच्छा और लाभदायक रिश्ता बना रहे।
- इसके अलावा कृषि और उद्योगों का अच्छा विकास हो,व्यापार विस्तार, परिवहन और संचार सुविधाओं में विस्तार और सुधार करना।
- कानून और न्याय के लिए सम्मान,क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना। जीवन स्तर में सुधार हेतु सहयोग करना।
- अंतरराष्ट्रीय मुद्दों और विभिन समस्याओं, सहयोग को सुदृढ़ करने हेतु सही फैसला लेने के लिए आसियान की जरुरत है
Asean के तीन प्रमुख आधार स्तम्भ है-
आसियान संगठन में इन तीनों आधार स्तम्भ का होना बहुत जरुरी है यदि इनमे से एक न हो तो संगठन की नींव ख़राब हो जाएगी। आइये जानते है तीन प्रमुख स्तभं –
- आसियान सामाजिक- सांस्कृतिक समुदाय
- आसियान राजनीतिक- सुरक्षा समुदाय
- आसियान आर्थिक समुदाय
1967 में आसियान के प्रथम 5 संस्थापक सदस्य देश
- सिंगापुर
- थाईलैण्ड
- मलेशिया
- फिलिपींस
- इंडोनेशिया
निर्णय लेना: आसियान में निर्णय लेने का सबसे अच्छा तरीका परामर्श और सहमति है।
भारत और आसियान एक प्रमुख आधार स्तंभ
- भारत और आसियान का हमेशा से अच्छा रिश्ता रहा। उसकी विदेश नीति और एक्ट ईस्ट पॉलिसी की नींव का एक प्रमुख स्तंभ है
- भारत और आसियान दोनों के पास पहले से 25 साल की डायलॉग पार्टनरशिप,15 साल की समिट लेवल इंटरेक्शन और 5 साल रणनीतिक पार्टनरशिप है
- भारत देश के पास जकार्ता में आसियान और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए अलग-अलग प्लान है
भारत और आसियान आर्थिक सहयोग
- आसियान भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। दोनों देशों के बीच 2008 में 47 अरब डॉलर का व्यापार हुआ था।
- आसियान के लिए भारत का निर्यात कुल निर्यात का लगभग 11.28 % है
- आसियान के साथ भारत का अनुमानित व्यापार भारत के कुल व्यापार का लगभग 10.6% है।
- भारत और आसियान देशों के निजी उद्योग को एक साथ लाने के लिए 2003 में ASEAN India-Business Council (AIBC) की स्थापना की गई थी।
आसियान का समय कार्य-काल
- आसियान घोषणापत्र (बैंकॉक घोषणा) पर संस्थापक राष्ट्रों द्वारा हस्ताक्षर करने के साथ आसियान की स्थापना हुई।
- 1976 में आसियान की पहली बैठक में बंधुत्व और सहयोग की संधि पर हस्ताक्षर किए गए.
- 1994 ने आसियान ने एशियाई क्षेत्रीय फोरम को स्थापना की। जिसका काम सुरक्षा का बढ़ावा देना था जिसमे अमेरिका,रूस, चीन, भारत, जापान और उत्तरी कोरिया जैसी 23 सदस्य देश शामिल थे।
- 1995 दक्षिण पूर्व एशिया को परमाणु मुक्त क्षेत्र बनाने के लिये सदस्यों ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किया।
- 1997 आसियान विजन 2020 को अपनाया गया।
- 2003 आसियान समुदाय की स्थापना के लिये बाली कॉनकॉर्ड द्वितीय
- वर्ष 2005 में पहली बार शिखर सम्मेलन क्षेत्र में सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देना चाहता है
- 2007 सेबू घोषणा, 2015 तक आसियान समुदाय की स्थापना में तेजी लाने के लिये।
- 2008 आसियान चार्टर लागू हुआ और कानूनी रूप से बाध्यकारी समझौता हुआ।
- 2015 आसियान समुदाय का शुभारंभ।
ASEAN का महत्व
- आसियान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार है जहाँ 600 मिलियन से अधिक आबादी है।
- आसियान यूरोपीय संघ और उत्तरी अमेरिका बाजारों से भी बड़ा है
- यह दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एशिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था है
- आसियान का 2022 में 3 ट्रिलियम अमेरिका डॉलर से अधिक का सकल घरेलू उत्पादन हुआ।
- 2026 में ये उत्पाद दो गुना और बढ़ाने का अनुमान है
- Asean के अंतर्गत जरुरी सम्मेलनों की स्थापना करना, समस्या का हाल निकलने के लिए एक सही निष्कर्ष पर पहुंचना और देश के वातावरण को स्थिर बनाए रखना।
आसियान संगठन से जुड़े कुछ प्रश्नों के उत्तर (FAQs)
ASEAN की फुल फॉर्म क्या है?
ASEAN की फुल फॉर्म हिंदी में ”दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन ” है और English में Association of South East Asian Nations है
आसियान में कितने देश शामिल है?
आसियान में पहले 5 देश शामिल थे और वर्तमान में 10 देश (थाईलैण्ड, सिंगापुर, मलेशिया, फ़िलीपीन्स, इण्डोनेशिया म्यान्मार, वियतनाम, कम्बोडिया, ब्रुनेई और लाओस शामिल है
आसियान की स्थापना में सबसे अधिक किस चुनौती का सामना करना पड़ा?
व्यक्तिगत बाजारों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में असंतुलन था कई देश काफी अमीर और कई गरीब थे इसलिए उनके बीच तालमेल नहीं बैठ रहा था।
एशियन रीजनल फोरम- RAF की स्थापना कब हुई?
1994 में एशियन रीजनल फोरम- RAF की स्थापना हुई।
ASEAN की स्थापना का उद्देस्य क्या है?
आसियान 10 सदस्य देशों का एक संगठन है इन देशों की आर्थिक और राजनीतिक स्थिति में विकास करना। समस्या आने पर सहयोग का हाथ बढ़ाना, प्रशांत-एशिया में अपने सदस्य और देशों के बीच सुरक्षा, सैन्य और सांस्कृतिक सुविधाओं को और अधिक बढ़ाना।