हिंदी भाषा की लिपि क्या है? Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai?

आपको बता दे की हिंदी हमारे देश की मात्र भाषा है हिंदी बहुत आसान और सरल भाषा है। और हिंदी मात्र भाषा होने हे साथ-साथ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो जीवन भर हमारे काम आता है। देश के लगभग हर राज्य में हिंदी भाषा बोली जाती है। हमारे देश में आधे से ज्यादा ... Read more

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Reported by Saloni Uniyal

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आपको बता दे की हिंदी हमारे देश की मात्र भाषा है हिंदी बहुत आसान और सरल भाषा है। और हिंदी मात्र भाषा होने हे साथ-साथ हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा है जो जीवन भर हमारे काम आता है। देश के लगभग हर राज्य में हिंदी भाषा बोली जाती है। हमारे देश में आधे से ज्यादा लोग हिंदी भाषा का प्रयोग करते हैं, लेकिन बहुत से लोगों को नहीं पता की हिंदी भाषा की लिपि क्या है?दुनिया में कोई भी भाषा हो जो बोली जाती है हर भाषा की लिपि होती है या कहे लिपि के बिना भाषा अधूरी है। हर राज्यों के क्षेत्र में लोग अपनी-अपनी स्थानीय भाषा का प्रयोग करते है परन्तु लोग हिंदी का भी ज्यादा प्रयोग करते है यदि हिंदी नहीं होगी तो स्थानीय भाषा भी महत्वहीन है।

हिंदी भाषा की लिपि क्या है? Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai?
Hindi Bhasha Ki Lipi

भारत में हर क्षेत्र में भिन्न-भिन्न तरह की विभिन्नता पायी जाती है परन्तु हिंदी हमें एकता का भाव उत्पन्न कराती है। दोस्तों ये बात सुनकर आपको बड़ी ख़ुशी होगी की हिंदी भाषा न केवल हमारे देश में बोली जाती है बल्कि सारी वर्ल्ड में बोली जाती है हिंदी भाषा बोलना लोग बहुत पसंद करते है। 2019 में हिंदी को भारत में केंद्रीय स्तर आधिकारिक भाषा के रूप में न्यायालय में तीसरी मूल भाषा का दर्जा दिया गया। आज हम आपको Hindi Bhasha Ki Lipi Kya Hai? के विषय में जानकारी देंगे।

Bhasha Ki Lipi Kya Hai? (भाषा की लिपि)

आपको बता दे की भाषा और लिपि का आपस में बहुत बड़ा संबंध (CONECTION) है भाषा के बिना लिपि अधूरी है या ये कहे लिपि के बिना भाषा अधूरी है। भाषा की लिपि होती क्या है ये जानते है लिपि को लिखावट भी कह सकते है लिपि का मतलब अंग्रेजी में स्क्रिप्ट (SCRIPT) होता है। लिपि मतलब लिखावट यानी किसी भी भाषा को हम किस प्रकार लिखते है। ये देखा जाता है। हम किसी के साथ कोई संवाद या वार्तालाप करें तो जब हम बातचीत करते है तो ध्वनियाँ निकलती है बात करते समय ध्वनि का काफी महत्व बड़ जाता है जब हम बोली हुई ध्वनियाँ लिखते है तो हम उन्हें अक्षरों (चिन्हों) से दर्शाते है तथा हमारे द्वारा दर्शाये हुए चिन्हों को ही हम भाषा की लिपि कहते है या ये कहे लिपि कहलाती है। हमारी देवनागरी लिपि है हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है।

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लिपियों के बारे में बताएं तो विश्व में तीन तरह की मूल लिपियाँ होती है –

ब्राह्मी लिपि-

  • ब्राह्मी लिपि भी कई देशों में बोली जाती है। जैसे- दक्षिण पूर्वी एशिया। Brahmi_Lipi

चित्र लिपि-

  • चित्र लिपि इन देशों में बोली जाती है। जैसे- चीन, जापान तथा कोरिया।

फोनेशियन लिपि-

  • यह लिपि भी इन देशों में बोली जाती है जैसे- अफ्रीका, मध्य प्रदेश तथा यूरोप।

लिपि के प्रकार (Lipi ke Prakaar)

अभी तक आपको हमने ब्राह्मी लिपि, चित्र लिपि तथा फोनेशियन लिपि के बारे में बताया ये तीन लिपियाँ अलग-अलग क्षेत्रों से विकसित हुई है। कोई भी लिपियाँ व्यंजन और स्वर के आधार पर इस तरह होती है।

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1. PICTURE SCRIPT (चित्र लिपि)

प्राचीन काल की बात करें तो पहले ज़माने में लोग भाषा बोलना तो जानते थे परन्तु लेख या कुछ भी भाषा के शब्द लिखने से अपरिचित थे उनको इतना ज्ञान नहीं था आजकल के ज़माने में भाषा को लिपि द्वारा लिखा जाता है। पहले उनको ना तो भाषा लिखनी आती थी और ना ही लिपि के विषय में इतना पता था। उस वक्त लोग अपनी बातों को चित्रों द्वारा समझाते थे वे दीवारों पर चित्र बनाते थे तथा एक दूसरे की बात समझने के लिए चित्रों का प्रयोग करते थे।

हड़प्पा संस्कृति में भी चित्र लिपि के अवशेष दीवारों पर मिले थे हड़प्पा संस्कृति को विकसित संस्कृति भी कहा जाता था उस समय लोग अपनी बात को समझाने के लिए दीवारों पर तरह-तरह के चित्र बनाया करते थे। चित्र लिपि का उस समय ज्यादा प्रयोग किया जाता था। चित्र लिपि में भी लिपियाँ कई प्रकार की होती है उदा०- कांजी लिपि, चीनी लिपि तथा प्राचीन मिस्त्री लिपि आदि।

2. अल्फ़ा सिलेबिक लिपि

आपने हड़प्पा तथा मोहनजोदड़ो का नाम तो जरूर सुना होगा ये काफी प्राचीन संस्कृति है तथा यह उस समय की सबसे विकसित संस्कृति मानी जाती है जब पुरातन विभाग ने इन दोनों जगहों में खुदाई करवाई थी तथा उस समय लोगो की भाषा की लिखावट और उनके रहन-सहन के विषय में पुरातन विभाग को पता लगा अल्फ़ा लिपि से पहले चित्र लिपि आयी थी।

3. अक्षर लिपि

व्यक्ति जिंदगी भर एक ही तरह नहीं रहता वह दिन-प्रतिदिन बदलता रहता है और बदलना तो प्रकृति का नियम है समय के अनुसार व्यक्ति बदलता (चलता) रहता है वह अपनी जरूरतों के अनुसार चेंज होता रहता है धीरे-धीरे करके वह विकास करता रहता है धीरे-धीरे मनुष्य ने आविष्कार करने भी प्रारम्भ कर दिए। अब चित्र लिपि के बाद इंसान ने अक्षर भी लिखना प्रारम्भ कर दिया अब अक्षर लिपि का विकास हुआ अब लोग एक दूसरे की बात को समझाने के लिए अक्षरों को लिखते थे।

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देवनागरी लिपि है क्या?

देवनागरी लिपि का इस्तेमाल हिंदी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। परन्तु यह लिपि हिंदी भाषा को ही लिखने के लिए प्रयोग नहीं की जाती बल्कि इस लिपि का इस्तेमाल नेपाली, संस्कृत, मराठी, हरियाणवी तथा सिंधी हिंदी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है जब हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है ऐसे सरलता से पढ़ा-लिखा जा सकता है। देवनागरी लिपि को वैज्ञानिक लिपि भी माना जाता है।

देवनागरी में शिरोरेखा भी होती है जब देवनागरी लिपि लिखी जाती है तो शब्दों में जो लिपि लिखी जाती है देवनागरी को लिपि की पहचान शिरोरेखा से मिली है। आपको पता ही होगा कि 14 स्वर और 38 व्यंजन होते है जो मिलकर 52 अक्षर होते है ये 52 अक्षर भी देवनागरी लिपि में होते है। देवनागरी लिपि को नागरी लिपि भी कहा जाता है और इस लिपि को पहले ब्राह्मी लिपि के नाम से भी जाना जाता था। देवनागरी लिपि जो होती है उसे दाएं से बाएं लिखा तथा पढ़ा भी जाता है।

Devnagri Lipi का जन्म कब और कैसे हुआ

हमारे देश में कई प्रकार की भाषाएँ बोली जाती है यदि भाषा हम लिखते है तो उसको लिखने के लिए लिपि की जरूरत तो अवश्य पड़ती है। परन्तु भारत में स्थानीय भाषा के अतिरिक्त हमारी मात्र भाषा भी होती है जो हिंदी है जो देवनागरी में लिखी जाती है। भारत में देवनागरी लिपि को सबसे ज्यादा बोला तथा पढ़ा जाता है। देवनागरी और ब्राह्मी लिपि का आपस में बहुत गहरा संबंध है क्योंकि ब्राह्मी लिपि से ही देवनागरी का जन्म हुआ है।

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गुप्त लिपि और सिद्ध मातृका लिपि का जन्म उत्तरी भारतीय लिपि से हुआ है। कुटिल क्या है कुटिल भी एक लिपि है जिससे चार लिपियों का आविष्कार हुआ है जैसे- देवनागरी लिपि, शारदा लिपि, बाह्मी लिपि तथा नागरी लिपि आदि।

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हिंदी भाषा की लिपि में देवनागरी नाम क्यों पड़ा

हिंदी भाषा की लिपि क्या है इसके पीछे कई कारण है देवनागरी लिपि को कई नामों से पुकारा जाता है जैसे- हिंदी लिपि या नागरी लिपि आदि। गुजरात में देवनागरी लिपि सबसे प्रचलित लिपि की श्रेणी में आती थी। गुजरात शहर में ब्राह्मण नगर में रहा करते थे तथा नगर में रहने के कारण उनके नाम पर देवनागरी नाम बन गया। परन्तु कुछ लोगों का अलग मानना है कि देवनागरी लिपि का नाम देव नगर के नाम पर पड़ा है जो की काशी में स्थित है। जो देवनागरी लिपि है इसका जन्म आठवीं शताब्दी तथा बारहवीं के मध्य कहा जाता है। इस शताब्दी में लोग मूर्ति भी बनाया करते थे। उनके पास एक दिव्य यंत्र भी था। जैन ग्रंथों में 453ई. के दौरान नगरी शब्द का प्रथम उल्लेख मिलता है।

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DEVNAGRI लिपि का विकास

बीसवीं शताब्दी में हिंदी भाषा का इस्तेमाल अधिक होने लगा हिंदी भाषा लिखने, पढ़ने तथा बोलने के लिए अधिक प्रयोग में लायी जाने लगी शिक्षा में इस भाषा का अधिक प्रयोग होने लगा उस समय हिंदी का प्रचलन अधिक होने लग गया हिंदी में ही अधिक से ज्यादा न्यूज़ लिखी जाती थी तथा पत्रिकाएं भी हिंदी में ही छपती थी। आपको पता है कि अलग-अलग राज्यों की अपनी-अपनी भाषाएँ है वो अपनी भाषा का प्रयोग अधिक करते है परन्तु कोई दूसरे राज्य का व्यक्ति उस राज्य में चला जाता है और उसे उनकी भाषा समझ नहीं आती तो वो हिंदी भाषा को बोलता है जो हर किसी की समझ में आ जाती है।

भारत में हिंदी भाषा को प्रथम आधिकारिक भाषा का दर्जा मिलता है क्योंकि हिंदी भाषा भारत की मात्र भाषा है जिसका सब सभी लोग सम्मान करते है इस भाषा को सबसे उत्तम भाषा माना जाता है। भारत में इस भाषा का प्रयोग अधिक होता है लोग हिंदी भाषा बोलना बड़ा पसंद करते है। आज के समय में कई तरह की भाषाओं को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। कहा जाता है जब भारत में राजा जय भट्ट का शासन काल था तो उस समय देवनागरी लिपि का प्रयोग किया जाता था यह सब बातें शिलालेखों से प्राप्त होती है। गुप्त काल में ही देवनागरी लिपि का जन्म हुआ था देवनागरी धीरे-धीरे विकास करने लग गयी।

हिंदी भाषा की विशेषताएं एवं गुण

  • हिंदी भाषा अन्य भाषाओं से बहुत सरल है इस भाषा को आसानी से लिखा तथा पढ़ा जाता है।
  • हिंदी भाषा में 14 स्वर और 38 व्यंजन होते है जो मिलकर 52 अक्षर होते है ये 52 अक्षर भी देवनागरी लिपि में होते है।
  • देवनागरी लिपि में हिंदी भाषा में लिखा जाता है।
  • हमारे द्वारा दर्शाये हुए चिन्हों को ही हम भाषा की लिपि कहते है या ये कहे लिपि कहलाती है।
  • यह जो लिपि होती है जब यह लिखी जाती है तो यह पूर्ण अक्षरों में लिखी जाती है इसमें वर्णों की संख्या न अधिक होती है न कम होती है।
  • लिपि में वर्ण तथा उपचार जो लिखे जाते है वो एक ही होते है लिपि का जो अनुलेखन होता है वो एक ही होता है।

हिंदी भाषा की लिपि से सम्बंधित प्रश्न/उत्तर

देवनागरी लिपि है क्या?

देवनागरी लिपि का इस्तेमाल हिंदी भाषा को लिखने के लिए किया जाता है। परन्तु यह लिपि हिंदी भाषा को ही लिखने के लिए प्रयोग नहीं की जाती बल्कि इस लिपि का इस्तेमाल नेपाली, संस्कृत, मराठी, हरियाणवी तथा सिंधी हिंदी को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है जब हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है ऐसे सरलता से पढ़ा-लिखा जा सकता है। देवनागरी लिपि को वैज्ञानिक लिपि भी माना जाता है।

हिंदी भाषा को किस भाषा लिपि में लिखा जाता है?

हिंदी भाषा को किस भाषा लिपि को देवनागरी लिपि में लिखा जाता है।

देवनागरी लिपि में कितने अक्षर होते है?

14 स्वर और 38 व्यंजन होते है जो मिलकर 52 अक्षर होते है ये 52 अक्षर भी देवनागरी लिपि में होते है।

लिपि के प्रकार की होती है बताइये?

लिपि तीन प्रकार की होती है। उदा. PICTURE SCRIPT (चित्र लिपि), अल्फ़ा सिलेबिक लिपि तथा अक्षर लिपि आदि।

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